चुनाव आयोग ने दूसरी बार पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को नोटिस भेजा है. ममता बनर्जी पर चुनाव प्रचार के दौरान केंद्रीय सुरक्षा बलों और बीएसएफ को लेकर गलत बयानबाजी करने का आरोप है. बता दें कि चुनाव आयोग ने ममता बनर्जी के बयान को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए नोटिस का जवाब 10 अप्रैल को 11 बजे तक देने के लिए कहा है.


जवाब न देने पर बनर्जी के खिलाफ की जाएगी कार्रवाई


चुनाव आयोग का कहना है कि, ममता बनर्जी ने मॉडल कोड के कई सेक्शन के साथ साथ कानून का उल्लंघन किया है. ममता बनर्जी ने अपने बयान के द्वारा आचार संहिता के साथ ही आईपीसी की धारा 186, 189 और 505 का उल्लंघन किया है. आयोग के मुताबिक अगर बनर्जी जवाब नहीं देती हैं तो उन्के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.


बता दें कि चुनाव आयोग ने 28 मार्च और 7 अप्रैल (बुधवार) को ममता बनर्जी के भाषणों का हवाला दिया, जिसमें बनर्जी ने केंद्रीय बलों पर मतदाताओं को धमकाने का आरोप लगाया और महिलाओं को पीछे हटने या केंद्रीय बलों द्वारा ‘घेराव’का आरोप लगाया था.


 बीजेपी नेताओं के खिलाफ क्यों शिकायत नहीं की गई-बनर्जी


उधर, चुनाव आयोग से मिले नोटिस के बाद बौखलाईं पश्चिम बंगाल की सीएम ने भारतीय जनता पार्टी पर जोरदार हमला करते हुए उस पर देश को बेचने का आरोप लगा दिया. उन्होंने कहा- “आपने देश बेच दिया है. आपने मेरे बारे में झूठ बोलने के लिए राष्ट्रीय मीडिया से कहा है. आपने मेरे खिलाफ शिकायत दर्ज की है.” बंगाल सीएम ने कहा- “जब उन्होंने हिन्दू-मुसलमानों के बारे में बात की तो नरेन्द्र मोदी और बीजेपी नेताओं के खिलाफ कोई शिकायत क्यों नहीं की गई? उनके खिलाफ कोई शिकायत दर्ज क्यों नहीं की गई? ममता बनर्जी हिन्दू, मुस्लिम, सिख, ईसाई सबके लिए हैं. ”


केंद्रीय बलों का करती हूं सम्मान


ममता बनर्जी ने ये भी कहा है कि, "मैं केंद्रीय बलों का सम्मान करती हूं. लेकिन मेरे पास उन लोगों के लिए शून्य सम्मान है जो बीजेपी की कठपुतली हैं और माताओं और बहनों को डराने की कोशिश करते हैं, ताकि वे बीजेपी को वोट दें. उन्होंने चुनाव आयोग से कहा- “आप अमित शाह की बात मत सुनिए. हमारी बात भी मत सुनिए. लेकिन अपना काम ठीक से कीजिए.”


इससे पहले चुनाव आयोग ने ममता बनर्जी के मुस्लिम वोट को न बंटने दे बयान पर एक्शन लेते हुए नोटिस भेजा था. इस नोटिस पर बनर्जी ने कहा था कि चुनाव आयोग कितने ही नोटिस भेज सकता है लेकिन वह अपने बयान पर कायम रहेंगी और धर्म के आधार पर मतदाताओं के विभाजन का विरोध करती रहूंगी.

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