भोपाल: देश में एक साथ लोकसभा और विधानसभा चुनाव कराने को लेकर मुख्य चुनाव आयुक्त ओ.पी रावत ने बड़ा बयान दिया है. भोपाल दौरे पर गए ओ.पी रावत ने एबीपी न्यूज़ से खास बातचीत में कहा है कि लोकसभा-विधानसभा चुनाव साथ कराने में बहुत दिक्कत हैं. बता दें कि साल 2014 के बाद से बीजेपी के सत्ता में वापस लौटने के बाद इस मुद्दे पर बहस और तेज हुई है.


ओ.पी रावत ने कहा, ‘’हम लोगों से साल 2015 में पूछा गया था कि क्या लोकसभा-विधानसभा चुनाव साथ कराए जा सकते हैं? इस सवाल पर हमने अपनी राय देते हुए कहा था कि संविधान में अनुच्छेद हैं उनमें संसोधन करिए.’’ रावत का कहना था कि अनुच्छेदों में संसोधन करके ही एक साथ चुनाव कराए जा सकते हैं.

हालांकि उन्होंने खुद माना है कि अगर एक साथ चुनाव होंगे तो कम से कम 70 फीसदी खर्चा बच जाएगा. ओ.पी रावत ने कहा, ‘’लोकसभा और विधानसभा चुनावों में अलग-अलग पोलिंग पार्टी, स्टाफ, कैंपेन का खर्जा, ऑबजर्वर का खर्चा औऱ पुलिस बल का खर्चा. इन सबका 70 फीसदी खर्चा डुपलिकेट हो जाता है. अगर चुनाव एक साथ होते हैं तो ये खर्चा बच जाएगा.’’

बता दें कि खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी एक साथ चुनाव कराए जाने की वकालत करते आए हैं और ससंद भवन में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने भी अपने अभिभाषण में एक साथ चुनाव कराने पर जोर दिया था.