पिछले साल लॉकडाउन के दौरान सलमान खान के 'बीइंग ह्यूमन फाउंडेशन' की तरफ से 'Being Haangryy' नामक मिनी फूड ट्रक के जरिए मुम्बई के तमाम जगहों पर पहुंचकर लाखों जरूरतमंद लोगों तक राशन का सामान पहुंचाया गया था. लेकिन अब सलमान खान के फाउंडेशन की ओर से कोरोना की नई लहर के बीच फिर से लगे लॉकडाउन के दौरान मुम्बई में तमाम जगहों पर बंदोबस्त में लगी पुलिस और अन्य फ्रंटलाइन वर्करों का ख्याल रखने की पहल की गई है. 


 


एबीपी न्यूज़ ने पिछली बार बताया था कि किस तरह से ये मिनी फूड ट्रक रोजाना अलग-अलग इलाकों में घूम-घूमकर आम लोगों तक राशन का सामान पहुंचा रहा है. एक बार फिर से हमारी नजर इस चलते-फिरते मिनी फूड ट्रक पर पड़ी. इस बार फूड ट्रक का फोकस मुम्बई की सड़कों पर नाकाबंदी में लगे पुलिसवाले और तमाम तरह के फ्रंटलाइन वर्कर हैं जिन्हें रोजाना शाम को अलग-अलग तरह का नाश्ता, चाय और बोतलबंद पानी पहुंचाया जा रहा है. 


 


उत्तर की तरफ बांद्रा से जुहू और दक्षिण की ओर बांद्रा से लेकर वरली तक जगह जगह पर नाकाबंदी में जुटे पुलिसवालों को कागज की थैली में नाश्ता पहुंचाते इस फूड ट्रक को एबीपी न्यूज़ ने बांद्रा और सांताक्रूज इलाकों में अपने कैमरे में कैद किया.




एबीपी न्यूज़ ने मौके पहुंचकर 'बीइंग ह्यूमन फाउंडेशन' और 'आई लव मुम्बई' नामक एनजीओ की इस पहल की निगरानी कर रहे राहुल कनाल से और सांताक्रूज पुलिस स्टेशन के वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक ज्ञानेश्वर गणोरे से बातचीत भी की.


 


मौके पर मौजूद राहुल कनाल ने एबीपी न्यूज़ से कहा, "पिछली बार मुम्बई में हमारा फोकस अधिक से अधिक जरूरतमंद, गरीब और भूखे लोगों तक अनाज पहुंचाना था. मगर इस बार हम मुम्बई पुलिस के साथ साथ कंटेनमेंट जोन में जा-जाकर मेडिकल स्टाफ और बीएमसी के कर्मचारियों तक भी नाश्ता और चाय के जरिए उन्हें राहत पहुंचाने की कोशिश कर रहे हैं."


 


रोजाना शाम 5.00 बजे से रात 10.00 बजे तक ये फूड ट्रक मुम्बई के 100 से भी अधिक लोकेशन्स पर पुलिसवालों और अन्य फ्रंटलाइन वर्करों को नाश्ता पहुंचाने का काम पिछले चार दिनों से कर रहा है. सांताक्रूज के एरोप्लेन गार्डन के पास स्थित पुलिस स्टेशन के पास सड़क पर लगे नाकाबंदी के पास जब ये फूड ट्रक पहुंचा तो वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक ज्ञानेश्वर गणोरे ने पहले नाश्ते में आए पैकेट्स के बारे में राहुल ने बातचीत की और फिर सभी पुलिस वालों को अपने हाथों से नाश्ते के पैकेट्स थमाए.




एबीपी न्यूज़ से बातचीत करते हुए वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक गणोरे ने इस बात पर खुशी जताई कि 'बीइंग ह्यूमन फाउंडेशन' की ओर से इस तरह से पुलिसवालों का खास ध्यान रखा जा रहा है. उन्होंने कहा, "पुलिसवाले कोरोना के गाइडलाइंस को सख्ती से अमल में लाने के लिए सड़कों पर उतरकर दिन-रात मशक्कत कर रहे हैं. ऐसे में भूखे-प्यासे पुलिसवालों तक नाश्ता, चाय और पानी पहुंचाने की इस अनूठी पहल के लिए हम तहे दिल से सलमान और राहुल का शुक्रिया अदा करते हैं."


 


राहुल ने कहा, "पुलिसवालों तक नाश्ता पहुंचाने का आइडिया सलमान खान को अपने पिता सलीम खान और मां सलमा खान से मिला. बांद्रा स्थित सलमान के घर 'गैलेक्सी अपार्टमेंट' के पास नाकाबंदी में लगी पुलिस को सलीम और सलमा खान की ओर से रोजाना खाना पहुंचाया जाता है. ऐसे में सलमान खान ने सोचा कि क्यों न मुम्बई के तमाम पुलिसवालों और फ्रंटलाइन वर्करों को राहत पहुंचाने के लिए उन तक रोजाना नाश्ता पहुंचाया जाए. बस ये उसी का नतीजा है."




राहुल कनाल बताते हैं कि पिछले साल लॉकडाउन के दौरान इसी फूड ट्रक के जरिए मुम्बई में घूम-घूमकर 4 महीनों में तकरीबन 2 लाख लोगों तक राशन पहुंचाया गया था जिसमें दाल, चावल, आटा, तेल आदि चीजों का शुमार था.


 


राहुल कहते हैं, "जब तक मुम्बई में लॉकडाउन जैसे हालात रखेंगे, तब तक हम तमाम मुम्बई के पुलिसवालों और बाकी फ्रंटलाइन वर्करों की इसी तरह से राहत पहुंचाते रहेंगे."