Durga Puja 2022: यूनेस्को ने कोलकाता की दुर्गा पूजा को सांस्कृतिक विरासत का दर्जा दिया है. यूनेस्को (UNESCO) का आभार जताने के लिए पश्चिम बंगाल सरकार ने गुरुवार को एक मेगा रैली का आयोजन किया. इस रैली में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) समेत बड़ी संख्या में लोगों ने हिस्सा लिया. यूनेस्को ने दिसंबर 2021 में कोलकाता (Kolkata) की दुर्गा पूजा को अपनी सांस्कृतिक विरासत की सूची में शामिल किया था. दुर्गा पूजा पश्चिम बंगाल का सबसे बड़ा त्योहार है. 
 
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इस बारे में कहा कि कोलकाता की दुर्गा पूजा को यूनेस्को द्वारा सांस्कृतिक विरासत का टैग दिया गया है, जो हम सभी के लिए गर्व का क्षण है. दुर्गा पूजा को मिले इस सम्मान का जश्न मनाने के लिए हम 1 सितंबर को एक बड़ी रैली का आयोजन कर रहे हैं. इस साल हमारा दुर्गा उत्सव एक महीने पहले शुरू हो रहा है. हम सब यूनेस्को को धन्यवाद देंगे. 


यूनेस्को ने दिया था सांस्कृतिक विरासत का दर्जा


बता दें कि, यूनेस्को ने कोलकाता की दुर्गा पूजा को सांस्कृतिक विरासत का दर्जा दिया था, जिसमें कहा गया था दुर्गा पूजा को धर्म और कला के सार्वजनिक प्रदर्शन का सबसे अच्छा उदाहरण माना जाता है. त्योहार शहरी क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर प्रतिष्ठानों और मंडपों के साथ-साथ पारंपरिक बंगाली ड्रमिंग पूजा की विशेषता है. इन आयोजनों में लगभग सभी वर्ग और धर्मों के लोग आते हैं. 


बड़े पैमाने पर होता है पूजा का आयोजन


राज्य भर में हर साल लगभग 37,000 सामुदायिक पूजा का आयोजन किया जाता है. इनमें से करीब 2,500 कोलकाता (Kolkata) में आयोजित किए जाते हैं. कोविड-19 महामारी के कारण दो वर्षों तक दुर्गा पूजा (Durga Puja) समारोह का आयोजन नहीं हुआ है. इस साल दुर्गा पूजा उत्सव एक महीने पहले शुरू हो रहा है और 8 अक्टूबर को समाप्त होगा. 


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