नई दिल्ली: भारतीय सेना ने पिछले 6 साल में घटिया गोला-बारूद की वजह से अपने 27 जवानों को खो दिया है. इतना ही नहीं सेना को करीब एक हजार करोड़ का नुकसान भी हुआ है. यह खुलासा सेना की एक आंतरिक रिपोर्ट से हुआ है जिसमें ऑर्डिनेंस फैक्ट्री बोर्ड के बनाए हथियारों पर सवाल खड़े किए गए हैं.


थलसेना ने ऑर्डिनेंस फैक्ट्री बोर्ड के खराब गोला-बारूद को लेकर एक रिपोर्ट तैयार की है. इस रिपोर्ट में कहा गया है कि खराब गोला-बारूद के चलते पिछले 6 सालों में यानी की 2014 से लेकर 2020 तक 27 सैनिकों की जान जा चुकी है.


इन घटनाओं में साल 2016 में महाराष्ट्र के पुलगांव में हथियारों को डिपो में लगी आग भी शामिल है जिसमें 19 जवानों की जान चली गई थी. खराब गोला-बारूद की घटनाएं पैदल सेना से लेकर टैंक के गोले, तोपखाने और एयर-डिफेंस यूनिट्स में सामने आई हैं. क्योंकि ये सभी यूनिट्स ऑर्डिनेंस फैक्ट्री बोर्ड का गोला-बारूद इस्तेमाल करती हैं.


खराब गोला-बारूद के चलते 403 दुर्घटनाएं
सेना की आंतरिक रिपोर्ट में कहा गया है कि पिछले 6 साल में खराब गोला-बारूद के चलते अब तक 403 दुर्घटनाएं हो चुकी हैं. अबतक इन खराब गोला-बारूद के चलते कुल 27 सैनिकों की जान चली गई है और 159 सैनिक घायल हो चुके हैं. इस खराब गोला बारूद के चलते अब तक 960 करोड़ का नुकसान भी हो चुका है. इतनी बड़ी रकम में कम से कम 100 मीडियम गन्स यानी तोप खरीदी जा सकती थीं.


खास बात ये है कि ये रिपोर्ट ऐसे समय में सामने आई है जब भारत का पिछले 5 महीने से लाइन ऑफ एक्चुयल कंट्रोल यानि एलएसी पर चीन से टक्कर ले रहा है. सेना की इस रिपोर्ट पर अभी तक ऑर्डिनेंस फैक्ट्री बोर्ड का पक्ष सामने नहीं आया है. ऑर्डिनेंस फैक्ट्री बोर्ड की कार्यशैली को देखते हुए रक्षा मंत्रालय ने इसके कॉरपेरेटाइजेशन की प्रक्रिया शुरू कर दी है. इसके लिए एक प्राइवेट कंसलटेंसी कंपनी को हायर किया गया है.


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