Intranasal Booster Dose Trials: भारत के ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) ने भारत बायोटेक (BharatBiotech) को देश में अपनी इंट्रानैसल कोविड बूस्टर डोज (Intranasal Booster Dose) के ट्रायल को मंजूरी दे दी है. ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया के विषय विशेषज्ञों की समिति (SEC) ने भारत बायोटेक को इंट्रानैसल कोविड वैक्सीन की तीसरे चरण के अध्ययन के लिए सैद्धांतिक तौर पर मंजूरी दी है. भारत में अपनी तरह का ये पहला बूस्टर खुराक होगा. इसे लेकर करीब तीन हफ्ते पहले अप्रूवल के लिए प्रोटोकॉल जमा करने के लिए कहा गया.

  
इंट्रानैसल कोविड बूस्टर डोज के ट्रायल को


इससे पहले हैदराबाद स्थिति कंपनी भारत बायोटेक (BharatBiotech) ने उन लोगों को बूस्टर डोज लगाने का प्रस्ताव दिया है जिन्हें पहले ही कोविशिल्ड (Covishield) और कोवैक्सीन (Covaxin) का टीका लगाया गया है. जानकारी के मुताबिक भारत बायोटेक का लक्ष्य 5000 लोगों पर क्लिनिकल ट्रायल (Clinical Trials) करने का है. जिनमें 2500 वो लोग शामिल होंगे जिन्हें कोविशिल्ड का टीका दिया गया है जबकि 2500 वैसे लोग होंगे जिन्होंने कोवैक्सीन की खुराक ली है. जानकारी के मुताबिक दूसरी खुराक और इंट्रानैसल बूस्टर डोज के बीच करीब 6 महीने का गैप होगा. बता दें कि 25 दिसंबर को देश के नाम संबोधन में पीएम मोदी ने कहा था कि जल्द ही भारत में कोरोना के नेसल वैक्सीन (Nasal Vaccine) का उपयोग किया जाएगा. 


ये भी पढ़ें:


RRB-NTPC Exam: बिहार बंद के दौरान भारी प्रदर्शन, रोकी गई ट्रेनें, BJP ने बताया राजनातिक साजिश, RJD से पप्पू यादव तक जानें किसने क्या कहा


इंट्रानैसल बूस्टर खुराक के क्या होंगे फायदे?


इंट्रानैसल बूस्टर खुराक सुई मुक्त खुराक है. इसके जरिए जख्म और संक्रमण का खतरा बिल्कुल कम हो जाएगा. नाक के जरिए वैक्सीन देने से बच्चों के टीकाकरण में सहूलियत मिलेगी. अभी कोविड-19 का टीका लगाने के लिए इंजेक्शन दिया जा रहा है. इंजेक्शन से कई लोग डरते भी है लेकिन नेसल वैक्सीन आने से इसे इस्तेमाल करना और आसान हो जाएगा और कोरोना संक्रमण को फैलने से रोकने में काफी मदद मिलेगी.


ये भी पढ़ें:


Punjab Election: केजरीवाल बोले- पंजाब को रेत चोर नहीं, ईमानदार CM चाहिए, भगवंत मान आज तक किसी से 25 पैसे नहीं लिए