DRDO AKASH-NG: स्वदेशी हथियारों पर जोर दे रहे भारत के लिए शुक्रवार (12 जनवरी) का दिन बेहद खास रहा. DRDO ने आज नई पीढ़ी की आकाश (AKASH-NG) मिसाइल का सफल परीक्षण किया. ओडिशा के तट पर स्थित चांदीपुर इंटीग्रेटेड टेस्ट रेंज से यह परीक्षण शुक्रवार सुबह 10:30 बजे बहुत कम ऊंचाई पर एक हाई स्पीड मानव रहित हवाई टारगेट के खिलाफ किया गया था.


इस परीक्षण के दौरान हथियार प्रणाली के जरिये टारगेट को सफलतापूर्वक रोका गया और फिर उसे नष्ट भी किया गया. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने आकाश (AKASH-NG) मिसाइल के सफल परीक्षण के लिए डीआरडीओ और भारतीय वायु सेना की सराहना की. उन्होंने कहा कि इस सिस्टम के सफल परीक्षण से देश की वायु रक्षा क्षमताओं में और बढ़ोतरी होगी.


सीनियर अफसरों ने की मॉनिटरिंग
मिसाइल के सफल परीक्षण के बाद स्वदेशी रूप से विकसित रेडियो फ्रीक्वेंसी सीकर, लॉन्चर, मल्टी-फंक्शन रडार और कमांड, कंट्रोल और कम्युनिकेशन सिस्टम के साथ मिसाइल से युक्त हथियार प्रणाली के कामकाज को मान्यता मिली है. 


इस सिस्टम से रडार, टेलीमेट्री और इलेक्ट्रो ऑप्टिकल ट्रैकिंग सिस्टम के जरिये कैप्चर किए गए डेटा को मान्यता मिली है. डीआरडीओ, बीडीएल, बीईएल के वरिष्ठ अधिकारियों और भारतीय वायु सेना (आईएएफ) के प्रतिनिधियों ने इस खास परीक्षण की मॉनिटरिंग की.






स्वदेशी निर्मित हथियारों और विमान पर जोर
बता दें कि भारत लगातार डिफेंस सेक्टर में स्वदेशी हथियारों और विमानों पर जोर दे रहा है. इसी कड़ी में रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) और निजी फर्म की ओर से संयुक्त रूप से विकसित असॉल्ट राइफल 'उग्रम' को 8 जनवरी को लॉन्च किया गया था.


इसे डीआरडीओ की पुणे स्थित प्रयोगशाला आर्मामेंट रिसर्च एंड डेवलपमेंट एस्टेब्लिशमेंट (एआरडीई) में बनाया गया था. एआरडीई के निदेशक ए राजू की उपस्थिति में आर्ममेंट एंड कॉम्बैट इंजीनियरिंग क्लस्टर के महानिदेशक डॉ एसवी गाडे ने इसे सोमवार को लॉन्च किया था.


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