नई दिल्ली/बीजिंग: डोकलाम को लेकर तनातनी के बीच एक बार फिर चीन की ओर से भारत को आंख दिखाने की कोशिश की गई है. चीन की मीडिया में छपी खबर के मुताबिक चीन भारत से तब तक बात नहीं करेगा जब तक की भारत डोकलाम से अपनी सेना नहीं हटा लेता.


चीन ने साफ साफ कहा है कि भारत को इस भ्रम में नहीं रहना चाहिए कि राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल के चीन दौरे के दौरान विवाद सुलझाने पर बात होगी. इसी गुरुवार को राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ब्रिक्स देशों के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों की बैठक में हिस्सा लेने के लिए चीन जाने वाले हैं.


अखबार लिखता है कि पहले डोकलाम से भारतीय सेना हटे, उसके बाद ही दोनों देशों के बीच कोई नतीजाखेज़ बातचीत हो सकती है. चीन तब तक भारत से बातचीत नहीं करेगा, जबतक भारत बिना शर्त अपनी सेना वहां से नहीं हटाता है. इसके साथ ही ग्लोबल टाइम्स ने डोकलाम विवाद के लिए अजीत डोभाल को 'साजिश करने वाला' तक कहा है.


इससे पहले, डोकलाम विवाद पर पहली बार चीनी सेना से सीधी धमकी दी थी. डोकलाम पर चीनी रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता ने भारत को धमकाते हुए चीनी सेना के 90 सालों के इतिहास को याद दिलाया.


बौखलाया चीन, अब दे रहा है धकमी


चीनी रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता वू कियान ने कहा, ''मैं भारत को याद दिलाना चाहता हूं कि वो किसी तरह के भ्रम में न रहे, चीन की सेना का 90 साल का इतिहास हमारी क्षमता को साबित करती है, देश की रक्षा करने को लेकर हमारे विश्वास को कोई भी डिगा नहीं सकता. पहाड़ को हिलाना मुमकिन है लेकिन चीन की सेना को हिला पाना मुश्किल है.''


भारत का स्टैंड 


आपको बता दें कि डोकलाम विवाद के मुद्दे पर भारत का स्टैंड साफ है. भारत का कहना है कि न सिर्फ चीन बल्कि दोनों देश भारत और चीन डोकलाम से अपनी-अपनी सेना हटाए.


चीन के अखबरों के ताजा रुख पर भारत का कोई अधिकारिक बयान तो नहीं आया है लेकिन भारत इस बात पर अडिग है कि अगर दोनों देश डोकलाम से अपनी-अपनी सेनाएं हटा लेते हैं तो इस मुद्दे का शांतिपूर्ण हल निकल सकता है.


क्या है डोकलाम विवाद?
दरअसल डोकलाम जिसे भूटान में डोलम कहते हैं. करीब 300 वर्ग किलोमीटर का ये इलाका चीन की चुंबी वैली से सटा हुआ है और सिक्किम के नाथुला दर्रे के करीब है. इसलिए इस इलाके को ट्राई जंक्शन के नाम भी जाना जाता है. ये डैगर यानी एक खंजर की तरह का भौगोलिक इलाका है, जो भारत के चिकन नेक यानी सिलिगुड़ी कॉरिडोर की तरफ जाता है. चीन की चुंबी वैली का यहां आखिरी शहर है याटूंग. चीन इसी याटूंग शहर से लेकर विवादित डोलम इलाके तक सड़क बनाना चाहता है.


इसी सड़क का पहले भूटान ने विरोध जताया और फिर भारतीय सेना ने. भारतीय सैनिकों की इस इलाके में मौजूदगी से चीन हड़बड़ा गया है. चीन को ये बर्दाश्त नहीं हो रहा कि जब विवाद चीन और भूटान के बीच है तो उसमें भारत सीधे तौर से दखलअंदाजी क्यों कर रहा है.16 जून से भारत और चीन की सेना के बीच गतिरोध जारी है.