नई दिल्ली: कोरोना का डेल्टा वेरिएंट भारत समेत पूरी दुनिया के लिए चिंता का सबब बना हुआ है. कोरोना वायरस का डेल्टा वेरिएंट दूसरे वेरिएंट के मुकाबले ज्यादा गंभीर है. भारत में अबतक तीन करोड़ 17 लाख से ज्यादा लोग कोरोना से संक्रमित हो चुके हैं. हालांकि ज्यादातर लोग संक्रमण मुक्त हो चुके हैं. लेकिन चार लाख से ज्यादा लोग अभी भी संक्रमित हैं. इनमें ज्यादातर मामले कोरोना वायरस के डेल्टा वेरिएंट के हैं. डेल्टा वेरिएंट को लेकर लोगों में कुछ कंफ्यूजन भी है, जिसके जवाब हम यहां दे रहे हैं.


क्या डेल्टा वेरिएंट से संक्रमित शख्स पर वैक्सीन काम नहीं करती?
कोरोना संक्रमण के खिलाफ वैक्सीन को सबसे बड़ा हथियार माना जा रहा है. लेकिन फिर भी कुछ लोग सोचते हैं कि कोरोना के डेल्टा वेरिएंट पर वैक्सीन प्रभावी नहीं है. ये गलत सोच है. सभी वैक्सीन कोरोना के वेरिएंट के खिलाफ प्रभावी है. आईसीएमआर की ओर से किए गए एक अध्ययन के अनुसार भारत बायोटेक की कोवैक्सीन (बीबीवी152) कोरोना वायरस के डेल्टा प्लस (एवाई.1) वेरिएंट के खिलाफ प्रभावी है. आईसीएमआर के अध्ययन से पता चलता है कि कोवैक्सीन डेल्टा, डेल्टा एवाई.1 और बी.1.617.3 वेरिएंट के खिलाफ प्रभावी है.


भारत बायोटेक ने तीन जुलाई को तीसरे चरण के परीक्षणों से कोवैक्सीन प्रभावकारिता के अंतिम विश्लेषण को पूरा करते हुए कहा था कि कोवैक्सीन की कोविड के खिलाफ प्रभावशीलता 77.8 फीसदी और बी.1.617.2 डेल्टा वेरिएंट के खिलाफ 65.2 फीसदी रही थी.


क्या वैक्सीन लेने के बाद डेल्टा वेरिएंट नहीं फैलता?
कोरोना का डेल्टा वेरिएंट चेचक की तरह आसानी से फैल सकता है. एक अमेरिकी रिपोर्ट में कहा गया है कि वैक्सीन की सभी डोज ले चुके लोग भी बिना टीकाकरण वाले लोगों जितना ही डेल्टा वेरिएंट को फैला सकते हैं. वैक्सीन ले चुके लोगों की नाक और गले में वायरस की मौजूदगी उसी तरह रहती है जैसे कि टीका नहीं लेने वालों में. 


डेल्टा वेरिएंट, ऐसे वायरस की तुलना में अधिक फैलता है जो मर्स, सार्स, इबोला, सामान्य सर्दी, मौसमी फ्लू और बड़ी माता का कारण बनता है. और यह चेचक की तरह ही संक्रामक है. यह वेरिएंट गंभीर खतरे का कारण बन सकता है, जिसके लिए अभी कदम उठाने की आवश्यकता है.


पूर्ण टीकाकरण के बाद संक्रमण का खतरा 3 गुना कम
वैक्सीन की दो खुराक लेने वाले लोगों में कोविड संक्रमण की चपेट में आने की संभावना गैर-टीकाकृत लोगों की तुलना में तीन गुना कम है. एक रिसर्च में यह दावा किया गया है. इम्पीरियल कॉलेज लंदन के रिसचर्स के नेतृत्व में लगभग 98,233 लोगों पर रिसर्च की गई थी. जिन लोगों का टीकाकरण नहीं हुआ था, उनमें कोविड वैक्सीन की दोनों खुराक प्राप्त करने वालों की तुलना में संक्रमण का तीन गुना अधिक प्रसार देखने को मिला, जो 0.4 फीसदी की तुलना में 1.21 फीसदी रहा.


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