'दूर से देखने पर मेरी जिंदगी बिल्कुल परफेक्ट लगती है. लेकिन सब होते हुए भी मुझे अकेलापन महसूस होता है. इसका एक वजह ये भी है कि हम दोनों जब भी एक दूसरे के साथ होते हैं, बातें करने की जगह फोन पर समय बिताना पसंद करते हैं'. दिल्ली की रहने वाली 33 साल की रिया की बातें अब कई लोगों की जिंदगी का हिस्सा हैं.


रिया पांच साल से रिश्ते में है. उन्होंने बताया कि जब वो कॉलेज में थी तब किसी ग्रुप में भी होने के बाद भी उन्हें अकेलापन महसूस होता था लेकिन ये समय के साथ बढ़ता जा रहा है. वो भी तब जब वो किसी से प्रेम के रिश्ते में हैं.


भीड़ में भी अकेला महसूस कर रहे हैं लोग


हाल ही में हुई एक नई स्टडी में खुलासा हुआ है कि प्यार के रिश्ते में रहने वाले ज्यादातर लोग अकेलेपन का शिकार हैं. दरअसल किंग्स कॉलेज लंदन की रिसर्च हेड अख्तर-खान के मुताबिक ज्यादातर लोग अकेलापन तब महसूस करते हैं जब वो रिश्ते में पार्टनर से उम्मीद लगाते हैं.  वो कपल भी अकेलेपन का शिकार हैं जो अपने साथी के साथ ज्यादा समय बिता रहे हैं.


रिसर्च के मुताबिक 30 साल की उम्र में जहां ज्यादातर लोगों को ऐसे साथी की तलाश है जो उनसे बातचीत कर सके. उनके अनुभवों में रुचि लें और उनकी गलतियों से सीखे. वहीं 70 साल के लोगों को ऐसे साथी की तलाश है जो उसका सम्मान कर सके.


इसके अलावा बीबीसी ने भी एक लोनलीनेस (अकेलेपन) एक्सपेरिमेंट किया था जिसमें पूरी दुनिया से 55,000 लोग इस सर्वे में शामिल हुए थे. सर्वे में शामिल लोगों का मानना था कि रिश्ते में रहते हुए भी या भीड़ के बीच भी वह अकेलापन महसूस करते हैं. सर्वे में ये भी पाया गया है कि जिन लोगों के साथ किसी भी तरह का भेदभाव होता है उन्हें भी अकेलापन काफ़ी महसूस होता है.


रिश्ते पर आधुनिकता की छाया हावी हो रही है?


आज के हालात और परिवेश में प्यार की परिभाषा बदल रही है. इस बीच सवाल उठता है कि क्या इस पर आधुनिकता की छाया हावी हो रही है, या फिर इंसान की उम्मीदें प्यार के मायने को बदल रही हैं. 


रिलेशनशिप को लेकर दुनियाभर में एक नई बहस छिड़ी हुई है. ऐसे में इस रिश्ते को कैसे संवारा जाए ,कैसे जिया जाए. ये एक बड़ा सवाल बन गया है. 


क्या कहते हैं लोग


प्रिया और राहुल पिछले तीन साल से रिश्ते में हैं और दोनों दिल्ली के मयूर विहार में एक साथ रह रहे हैं. राहुल ने एबीपी न्यूज से बात करते हुए बताया कि हमारे साथ में रहने के बाद से झगड़े बढ़ गए हैं. मैं बार-बार उसे शादी के लिए पूछता और प्रिया इस बात को टाल देती. राहुल ने कहा कि प्रिया का बार बार ऐसा करने से लगता है कि वह हमारे रिश्ते को लेकर पूरी तरह से आश्वस्त नहीं है. 


ये मुश्किल सिर्फ़ राहुल या प्रिया की नहीं है. 52 साल के मनोज का कहना है कि अगर कोई कहता है कि एक रिश्ते में सबसे जरूरी है एक-दूसरे के प्रति प्यार होना, तो यह पूरी तरह सही नहीं है. प्यार से ज्यादा एक-दूसरे प्रति सम्मान होना चाहिए. अगर आपका पार्टनर सम्मान नहीं करता है, सभी के सामने आपका मज़ाक बनाता है, तो एक बार फिर सोचिए अपने रिश्ते के बारे में.


मनोज ने कहा कि मेरे रिश्ते में और मेरी पत्नी काम में व्यस्त रहने की वजह से अपने मन की बात एक दूसरे से नहीं कर पाते. कभी कभी ऐसा होता है कि मेरे पास बात करने के लिए बहुत कुछ होता है लेकिन मेरा साथी उसे सुनने के लिए वहां मौजूद नहीं होता है और तब मुझे अकेलापन महसूस होता है. 


40 साल की प्रभा कहती हैं कि वह ज्यादातर समय खुद को व्यस्त रखना पसंद करती हैं. 2 साल पहले उनका तलाक हुआ था और तब से ही उन्हें काफी अकेलापन महसूस होता है. उन्होंने कहा कि वह अपने खाली समय में किताबें पढ़ने से लेकर चित्रकारी करने जैसे काम करती हैं. 


25 साल की शांभवी का कहना है कि उसके रिश्ते में दूरी आने की या अपने साथी से किसी तरह की बातें साझा नहीं करने की सबसे बड़ी वजह है कि उसका पार्टनर उसे कमतर महसूस करवाता है. उसने कहा कि अगर आपका दोस्त या साथी दूसरों से या ख़ुद से कमतर महसूस कराता है तो ऐसे में किसी रिश्ते के अंदर अपनी दिक्कतें बताना काफी मुश्किल हो जाता है.


क्या कहते हैं मनोचिकित्सक


अकेलापन क्यों महसूस करते हैं, खासकर बाद के जीवन में, और हम इसके बारे में क्या कर सकते हैं? इस सवाल के जवाब में मनोचिकित्सक प्रवीण शर्मा ने एबीपी से बात करते हुए कहा कि अकेलापन महसूस करने के कई कारण हैं लेकिन जब आप पूछते हैं कि एक रिश्ते में रहते हुए भी लोग अकेलेपन का शिकार क्यों हो रहे हैं तो इसकी सबसे बड़ी वजह अपने पार्टनर पर विश्वास न कर पाना है.


इसके अलावा एक बड़ा कारण आधुनिकीकरण भी है. आज के समय में ज्यादातर लोग अपने पार्टनर से बात करने की जगह ऑनलाइन बात या गेम खेलना या सोशल मीडिया पर पोस्ट करना चुनते हैं. ऐसे में दोनों के बीच एक कम्यूनिकेशन गैप बन जाता है और एक वक्त ऐसा भी आता है जब आप अपने पार्टनर से बात करने में या कुछ साझा करने में सहज ही ना हो. 


वहीं किंग्स कॉलेज लंदन की रिसर्च हेड अख्तर खान ने कहा, ' आपका काल्पनिक रिश्ता अकेलेपन का सबसे बड़ा कारण है, हर इंसान का एक फैंटसी वर्ल्ड होता है, लेकिन असल में जो आपका पार्टनर होता हो वो आप की कल्पना से मैच नहीं करता है और यही आपको निराश और अकेला करता है.'


अख्तर खान ने कहा, 'जैसे-जैसे हम बड़े होते हैं, हमारे रिश्ते की अपेक्षाएं बदलती हैं जाती है. ऐसे समझिये की अपने 30 साल के उम्र आपकी जो एक रिश्ते से जरूरत होगी वह 70 की उम्र तक बदल जाती है.



क्या है समाधान


डॉक्टर प्रवीण शर्मा ने बताया कि किसी भी रिश्ते में आई दूरी को कम करने के लिए सबसे जरूरी है एक दूसरे के बीच बातचीत होना. अगर पार्टनर के साथ दोस्त जैसा रिश्ता है तो वह किसी भी तरह की बात साझा करने से नहीं कतराएंगे और उन्हें अकेलापन भी महसूस नहीं होगा. 


दूसरी चीज है रिश्ते में सम्मान होना. इसलिए इस बारे में बात करें और अगर कुछ ग़लत हो रहा है तो साफ कहें कि आपका गलत व्यवहार सहन नहीं करेंगे. इसके अलावा अपने पार्टनर को कमतर महसूस नहीं करवाना, उनके राय को तवज्जो देना भी जरूरी है. 


अकेलेपन से निकलने के लिए क्या करना चाहिए?



  • समय को सही जगह इस्तेमाल करना और पसंद आए वो करना चाहिए.

  • अगर कोई अलग-थलग महसूस करता हो तो क्लब ज्वाइन किया जा सकता है.

  • आप भीड़ में भी अकेला महसूस करते हैं तो दूसरे लोगों पर विश्वास करने की कोशिश करनी चाहिए.

  • अपनी सोच को सकारात्मक बनाएं.


रिश्ते नाजुक होते हैं...


रिश्ते नाजुक होते हैं. इन्हें मजबूत बनाना बेहद जरूरी है. ये तभी संभव है जब इस रिश्ते में किसी भी तरीके का कम्युनिकेशन गैप नहीं हो. इसलिए, कैसी भी परिस्थिति आए आपसी बातचीत का सिलसिला किसी भी सूरत में बंद नहीं होना चाहिए.