Kanimozhi slams Hindi imposition: द्रमुक के नेतृत्व वाले धर्मनिरपेक्ष प्रगतिशील गठबंधन (SPA) ने गैर-हिंदी भाषी राज्यों पर भारतीय जनता पार्टी (BJP) के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार (Central Government) द्वारा हिंदी थोपने के खिलाफ अपना अभियान तेज कर दिया है. थूथुकुडी से द्रमुक सांसद और पार्टी की महिला विंग की सचिव कनिमोझी करुणानिधि ने केंद्र सरकार के हिंदी के प्रति लगाव की आलोचना की और सवाल किया कि क्या इससे देश की समस्याओं का समाधान होगा.


रविवार को कनिमोझी ने जवाहरलाल इंस्टीट्यूट ऑफ पोस्ट ग्रेजुएट मेडिकल एजुकेशन एंड रिसर्च (JIMPER) के निदेशक द्वारा 29 अप्रैल को जारी एक परिपत्र पर आपत्ति जताई, इसमें जोर देकर कहा गया था कि सभी रजिस्टरों, सेवा पुस्तकों और सेवा खातों में प्रविष्टियां यथासंभव केवल हिन्दी में ही की जाएंगी. उन्होंने बताया, "परिपत्र में कहा गया है कि कार्यालय में उपयोग होने वाले सभी रजिस्टरों, सेवा पुस्तकों, सेवा खातों में कॉलम के शीर्षक हिंदी और अंग्रेजी में लिखे जाएंगे. भविष्य में सभी रजिस्ट्रारों, सेवा पुस्तकों, सेवा खातों में प्रविष्टियां यथासंभव हिंदी में ही बनाया जाएगा.”






कनिमोझी ने ट्वीट कर कहा- क्या इससे बेरोजगारी खत्म होगी?
कनिमोझी ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर सर्कुलर की एक कॉपी पोस्ट करते हुए कहा, “एक भाषा के लिए इतना जूनून क्यों? वे क्या हासिल करेंगे? क्या इससे बेरोजगारी और लैंगिक असमानता या किसी एक सामाजिक बुराई का समाधान होगा? वे संघर्ष की खाई को और गहरा क्यों कर रहे हैं?”


तमिलों का कर्तव्य है वो तमिल की रक्षा करें
अपने सहयोगी के साथ इस मुद्दे को शामिल करते हुए, एमडीएमके महासचिव वाइको ने कहा कि वे (केंद्र सरकार) वहां चिकित्सा शिक्षा पढ़ाने के बजाय JIMPER को हिंदी स्कूल में बदलने की कोशिश कर रहे हैं. "तमिलों का यह कर्तव्य है कि वे हिंदी का पीछा करें और तमिल की रक्षा करें, चाहे वे किसी भी रूप में हिंदी थोपने की कोशिश करें." सर्कुलर को वापस लेने की मांग करते हुए, वाइको ने 10 मई को JIMPER के सामने पार्टी द्वारा विरोध प्रदर्शन की घोषणा की, जिसमें संस्थान के निदेशक को हिंदी भाषी राज्य में स्थानांतरित करने का दबाव डाला गया.


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