Disabled Cadet in Airforce: देश में पहली बार किसी डिसेबल कैडेट (Disabled Cadet) को वायुसेना में शामिल किया गया है. दरअसल फ्लाइंग ऑफियर, योगेश यादव वायुसेना में शामिल होने से पहले मिलिट्री ट्रेनिंग के दौरान चोट लगने के कारण पीठ के नीचे वाले हिस्से में लकवाग्रस्त हो गए थे. लेकिन स्पेशल केस मानते हुए वायुसेना ने योगेश यादव को अपना ऑफिसर बना लिया है.
शुक्रवार को डूंडीगल (हैदराबाद) स्थित वायुसेना एकडेमी में हुई पासिंग आउट परेड में खुद वायुसेना प्रमुख, एयर चीफ मार्शल वी आर चौधरी ने पीपिंग सेरेमनी में एयर फोर्स में फ्लाइंग ऑफिसर के तौर पर शामिल किया. आपको बता दें कि अभी तक एनडीए, आईएमए ऐर एयर फोर्स एकेडमी में ट्रेनिंग के दौरान कोई कैडेट विकलांग हो जाता था तो उसे स्टाइपन के साथ निकाल दिया जाता था.
एबीपी न्यूज ने चलाई थी मुहीम
जुलाई के महीने में एबीपी न्यूज ने इन डिसेबल कैडेट्स की व्यथा को एक मुहिम की तरह दिखाया था. संसद तक में उनका मामला उठाया गया था. उसके बाद खुद तत्कालीन सीडीएस जनरल बिपिन रावत ने इन विकलांग कैडेट्स को इंसाफ दिलाने का वादा किया था.
रक्षा मंत्रालय के रिकॉर्ड्स के मुताबिक, वर्ष 1985 के बाद से अबतक देश में कुल 448 डिसेबल्ड (दिव्यांग) कैडेट्स हैं. यानि हर साल 10-12 कैडेट्स अलग अलग सैन्य एकेडमी से बोर्ड-आउट कर दिए जाते हैं.
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