Railway Board Policy for Group A Young Officers: भारतीय रेलवे (Indian Railways) ने अपनी नीति में बड़ा बदलाव करते हुए कहा है कि युवा अधिकारियों को मुख्यालय में तैनाती से पहले शुरुआती 10 साल क्षेत्र में बिताने होंगे. रेलवे बोर्ड ने यह जानकारी दी. अब तक, नवनियुक्त अधिकारियों को भी मुख्यालय में तैनात किया जा सकता था. सूत्रों ने बताया कि यह फैसला इसलिए लिया गया ताकि अधिकारियों को मुख्यालय में सुविधाजनक पदों पर आने से पहले क्षेत्र में काम करने का भी पर्याप्त अनुभव मिले.


रेलवे बोर्ड की ओर से जारी आदेश में कहा गया है, ‘‘सीधी भर्ती ग्रुप ‘ए’ रेलवे अधिकारियों को क्षेत्र में काम करने का पर्याप्त अनुभव प्रदान करने के लिए यह तय किया गया है कि वे अपने सेवाकाल के शुरुआती 10 साल क्षेत्र में तैनात किए जाएंगे और उस अवधि के दौरान उन्हें मुख्यालय में पदस्थ नहीं किया जाएगा.’’


गौरतलब है कि हाल में आंध्र प्रदेश में एक ट्रेन के पटरी से उतर जाने के बाद रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष एके लाहोटी ने महाप्रबंधकों और मंडलीय रेलवे प्रबंधकों से देशभर में दुर्घटनास्थलों पर खुद जाने और स्थिति का समाधान करने के लिए कहा था.


रेलवे ने इसलिए किया नीति में बदलाव?


इस फैसले के पीछे की वजह बताते हुए अधिकारियों ने कहा, ‘‘क्षेत्र में तैनाती रेलवे के लिए श्रमसाध्य और अधिक रचनात्मक है. यह युवा अधिकारियों को ऐसी चुनौतियों के लिए भी तैयार करती है, जिसका वे सामना कर सकते हैं और इससे उनमें निर्णय लेने की क्षमता बढ़ाने में मदद मिलती है.’’


'जमीनी हकीकत से रूबरू हो सकेंगे अधिकारी'


एक अन्य अधिकारी ने कहा कि यह महसूस किया गया कि रेलवे में निर्णय लेने वाले लोग जमीनी स्तर की वास्तविकताओं से दूर होते जा रहे हैं. उन्होंने कहा, ‘‘क्षेत्र में शुरुआती तैनाती से वे जमीनी हकीकत से रूबरू हो सकेंगे. वे यह भी सीख सकेंगे कि ग्रामीण क्षेत्रों में कैसे रहना है, जहां अक्सर मूलभूत सुविधाओं का भी अभाव होता है.’’


ऐसे कारण से हो सकती है मुख्यालय में तैनाती


रेलवे बोर्ड की ओर से 21 फरवरी को जारी आदेश में यह भी कहा गया है कि किसी अधिकारी को अपवाद वाले बाध्यकारी कारणों को लेकर संबंधित महाप्रबंधक की मंजूरी से ही मुख्यालय में तैनात किया जा सकता है. रेलवे के ग्रुप ‘ए’ अधिकारियों का चयन संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) करता है.


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