हिंदू बांग्लादेशी युवक की हत्या के विरोध में कोलकाता में प्रदर्शन के दौरान बुधवार (24 दिसंबर, 2025) को नए सिरे से अशांति की खबरें मिलीं और पुलिस और भारतीय जनता पार्टी (BJP) समर्थकों के बीच झड़प हुई. टकराव उस वक्त शुरू हुआ जब पुलिस ने बीजेपी के मार्च को हावड़ा पुल तक पहुंचने से पहले ही रोक दिया, जिससे प्रदर्शनकारियों और सुरक्षाकर्मियों के बीच तीखी बहस हुई.

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हावड़ा पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने पीटीआई-भाषा से कहा, 'हम किसी को भी लोगों के सामान्य जनजीवन में बाधा डालने और प्रदर्शन के नाम पर यात्रियों को परेशान करने की अनुमति नहीं देंगे. किसी भी प्रकार की परेशानी पैदा करने के प्रयास को रोकने के लिए हम कानून के अनुसार कार्रवाई करेंगे.'

पुलिस ने जैसे ही मार्च को आगे बढ़ने से रोका, प्रदर्शनकारियों ने सड़क पर बैठकर अवरोधक तोड़ने का प्रयास किया जिससे झड़पें हुईं. बीजेपी नेता और कार्यकर्ता बुधवार सुबह हावड़ा पुल की ओर मार्च कर रहे थे, लेकिन पुलिस ने उन्हें पुल तक पहुंचने से पहले रोक दिया. क्षेत्र की घेराबंदी की गई थी और जब प्रदर्शनकारी सड़क पर बैठकर नारे लगाने लगे तो पुलिस ने उन्हें खदेड़ने के लिए कार्रवाई की. पुलिस का आरोप है कि प्रदर्शनकारी आक्रामक हो गए जिससे सुरक्षा कर्मियों को उन्हें तितर-बितर करने के लिए कदम उठाना पड़ा.

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कपड़े की फैक्टरी में काम करने वाले 25 वर्षीय दीपू चंद्र दास को 18 दिसंबर को बांग्लादेश के मयमनसिंह जिले के बालुका में ईशनिंदा के आरोप में भीड़ ने पीट-पीट कर मार डाला और उनके शव को आग के हवाले कर दिया. मंगलवार को सैकड़ों लोगों ने पड़ोसी देश में अल्पसंख्यकों पर हमले के विरोध में बांग्लादेश उप उच्चायोग तक मार्च करने का प्रयास किया लेकिन पुलिस ने उन्हें बीच रास्ते में रोक दिया जिससे झड़प हुई और कई लोग घायल हो गए.

रैली सियालदह से शुरू हुई थी और यह पार्क सर्कस में बांग्लादेश उप उच्चायोग के कार्यालय की ओर जा रही थी, लेकिन पुलिस ने बेक बागान इलाके में इसे रोक दिया. जब प्रदर्शनकारियों ने अवरोधक तोड़ने की कोशिश की तो पुलिस ने उन्हें लाठीचार्ज कर खदेड़ दिया.

 

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