भारत में पिछले एक महीने से एक प्रेम कहानी काफी चर्चा में रही है. पाकिस्तान से अपने प्यार के खातिर अवैध तरीके से भारत आई सीमा को किसी ने सच्चा आशिक कहा तो किसी ने जासूस. अब सीमा सचिन की तरह ही एक और मामला सामने आ गया है जिसमें भारत के राजस्थान के भिवाड़ी से 35 साल की अंजू नाम की महिला अपने प्रेमी से मिलने पाकिस्तान पहुंच गई है. 


दोनों की प्रेम कहानी में बहुत सारी समानताएं होते हुए भी बहुत बड़ा अंतर है. दोनों मामले में बातचीत का जरिया सोशल मीडिया रहा और अपने प्यार को पाने के लिए दोनों ही महिलाओं ने सरहदें पार की. लेकिन, जहां एक तरफ अंजू ने पाकिस्तान जानें के लिए लीगल तरीका चुना तो वहीं सीमा चोरी-छिपे भारत घुस आईं. ऐसे में सवाल उठता है कि प्रेम तो दोनों ने ही किया था लेकिन सीमा के प्यार जताने का तरीका अंजू से अलग क्यों है. इस खबर में जानते हैं दोनों के प्रेम कहानी में क्या अंतर है.


कौन है अंजू और कैसे पहुंच गई पाकिस्तान 


अंजू राजस्थान के भिवाड़ी की रहने वाली है और एक निजी कंपनी में नौकरी करती हैं. वह पहले से ही शादीशुदा हैं और अपने प्रेमी नसरुल्लाह से उम्र में बड़ी भी हैं. अंजू की उम्र 35 तो नसरुल्लाह की 29 है.


वह फेसबुक के जरिए पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा के नसरुल्लाह से मिली थी. दोनों के बीच फेसबुक से ही बातचीत का सिलसिला शुरू हुआ और धीरे -धीरे वह प्यार में बदल गया. अब अंजू नसरुल्लाह से मिलने के लिए पाकिस्तान का वीजा लेकर खैबर पख्तूनख्वा पहुंच गई. 


बीबीसी की एक रिपोर्ट के अनुसार अगले कुछ दिनों में अंजू नसरुल्लाह से मंगनी कर लेंगे. जिसके बाद कुछ दिन बाद अंजू भारत वापस आ जाएगी और वह शादी के लिए एक बार फिर पाकिस्तान आएंगी. वर्तमान में अंजू नसरुल्लाह के घर दीर बाला में रह रही हैं. नसरुल्लाह के कुछ रिश्तेदारों के अनुसार, अंजू पहले से शादीशुदा हैं और लेकिन वह काफी समय से अलग रह रही हैं.


दोनों की प्रेम कहानी में ये है सबसे बड़ा फर्क


सीमा और अंजू की प्रेम कहानी में सबसे बड़ा फर्क ये है कि जहां एक तरफ सीमा ने अपने प्यार को पाने के लिए आसान रास्ता चुना और अवैध तरीके से भारत में घुसी थी और तो वहीं दूसरी तरफ अंजू कानूनी तरीके से वीजा लेकर अपने प्रेमी से मिलने गई थी. ऐसा भी नहीं है कि अंजू को पहली बार में ही पाकिस्तान का वीजा मिल गया. लेकिन कोई भी गलत फैसला लेने के बजाय अंजू और नसरुल्लाह लगातार कोशिश करते रहे. इस प्रक्रिया में भले ही दो साल लग गए लेकिन इन दो सालों में दोनों ने कभी एक दूसरे का साथ नहीं छोड़ा.


आसान नहीं था पाकिस्तान का वीजा मिलना 


बीबीसी को दिए इंटरव्यू में अपनी प्रेम कहानी और भारत से मिलने आई प्रेमिका के बारे में बताते हुए नसरुल्लाह कहते हैं हम दोनों के बीच ये तय हुआ था कि अंजू पाकिस्तान आएंगी और यहां मेरे परिवार से मिलेंगी. जिसके कुछ दिन बाद हम मंगनी और उसके बाद शादी कर लेंगे."


नसरुल्लाह कहते हैं हालांकि अंजू के लिए पाकिस्तान का वीजा मिलना बहुत मुश्किल था. लेकिन हम एक दूसरे से प्यार करते थे इसलिए हार नहीं मानी और लगातार कोशिश करते रहे. उन्होंने बताया कि जहां भारत में अंजू लगातार दिल्ली में पाकिस्तानी दूतावास के चक्कर लगाती रहीं और अफ़सरों को समझाती रहीं. वहीं दूसरी तरफ नसरुल्लाह भी पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद में विदेश मंत्रालय और दूसरे दफ़्तरों के चक्कर काटते रहे अंजू को वीजा देने के लिए अफ़सरों से गुज़ारिश करते रहें.  


आखिरकार एक दिन उनकी मेहनत रंग लाई और अंजू को वीजा मिल गया. लेकिन इस प्रक्रिया में पूरे दो साल लग गए जिसके बाद अंजू दीर बाला जाने में अपने प्रेमी से मिल पाई. नसरुल्लाह ने बीबीसी को बताया कि "अंजू और मैंने वीजा को हासिल करने के लिए हज़ारों रुपए ख़र्च किए हैं. अब एक बार वीजा लग गया है तो उम्मीद करता हूं कि आगे भी कोई समस्या नहीं होगी."


कैसे शुरू हुई सीमा सचिन की प्रेम कहानी 


ऑनलाइन गेम पबजी खेलने के दौरान पाकिस्तान की सीमा हैदर ग्रेटर नोएडा के रहने वाले सचिन के संपर्क में आई. साल 2019  से शुरू ये कथित प्रेम कहानी अब पूरे भारत में चर्चा का केंद्र बन गई है. सीमा जिस तरह से शारजाह से नेपाल और वहां से भारत पहुंची है उसके बाद से कई सवाल खड़े हो गए हैं. जमानत पर कुछ दिन पहले ही सीमा और सचिन बाहर आए हैं. मीडिया उनका लगातार इंटरव्यू कर रहा है. सोशल मीडिया पर कई तरह की बातें हो रही हैं.


क्या पाकिस्तान की हो पाएंगी अंजू, कैसे मिलती है नागरिकता


पाकिस्तान का नागरिकता अधिनियम 1951, भारत के नागरिकता अधिनियम ने काफी हद तक मिलता जुलता है. यह एक इस्लामिक देश है लेकिन इसकी नागरिकता के लिए धर्म से जुड़े कोई प्रावधान नहीं है. पाकिस्तान नागरिकता अधिनियम, 1951 के खंड-6 के अनुसार दो भी व्यक्ति एक जनवरी 1952 से पहले पाकिस्तान में रह चुका है, वह व्यक्ति अब पाकिस्तानी नागरिक है. 


इसी अधिनियम के खंड-3 के अनुसार जिस व्यक्ति के माता-पिता या पूर्वज 31 मार्च 1973 से पहले पाकिस्तान की सरजमीं पर पैदा हुए हैं वो भी पाकिस्तान की नागरिकता का हकदार है.


13 अप्रैल 1951 से पाकिस्तान में प्रवास कर गए सभी लोगों को भारत का पड़ोसी देश पाकिस्तान नागरिकता प्रदान करता है. पाकिस्तान नागरिकता अधिनियम के खंड-5 में वंश द्वारा नागरिकता का प्रावधान है. इस खंड में कहा गया है कि अगर व्यक्ति के जन्म के समय उसके माता-पिता में से कोई एक भी पाकिस्तान का नागरिक था, तो उसे भी पाकिस्तान की नागरिकता मिल सकती है.


अब जानते है भारत की नागरिकता किस आधार पर मिलती है?


भारत की नागरिकता पाने के चार तरीके है. पहला है जन्म से नागरिकता होना. दूसरा है रजिस्ट्रेशन के माध्यम से भारत का नागरिक बनना. तीसरा है वंशज होने के नाते किसी व्यक्ति को भारत की नागरिकता मिलना और आखिरी तरीका है नैचुरलाइजेशन या देशीकरण. 


जन्म से नागरिकता मिलना



  • जो व्यक्ति 26 जनवरी 1950 से 1 जुलाई 1987 के बीच भारत में पैदा हुए है. उन्हें भारत में जन्म से नागरिकता मिली हुई है. फिर चाहे उस वक्ति के माता-पिता भी देश में रहने वाले हों.

  • 1 जुलाई 1987 से 2 दिसंबर 2004 के बीच पैदा हुए बच्चे जिनके मां या पिता जन्म के समय भारत के नागरिक हों. उन्हें भी भारत की नागरिकता जन्म से ही मिली होती है.

  • 3 दिसंबर 2004 के बाद जन्म लेने वाला व्यक्ति जिनके माता या पिता जन्म के समय भारतीय नागरिक हों और दोनों में से कोई भी अवैध घुसपैठिया न हो. उन्हें भी जन्म से ही भारत की नागरिकता मिलती है.


रजिस्ट्रेशन के माध्यम से मिली नागरिकता



  • भारतीय मूल का व्यक्ति आवेदन करने के 7 साल पहले से भारत में रह रहा हो. उन्हें रजिस्ट्रेशन के माध्यम से नागरिकता मिल सकती है.

  • कोई भी भारतीय मूल का व्यक्ति जो अविभाजित भारत के अलावा किसी दूसरे देश में रह रहा हो. उसे भी रजिस्ट्रेशन के जरिए भारत की नागरिकता मिल सकती है.

  • भारतीय नागरिक से शादी करने वाला व्यक्ति बशर्ते वो आवेदन से 7 साल पहले से भारत में रह रहा हो.


वंशज होने के नाते मिलती है नागरिकता


वो व्यक्ति जिनके मां-बाप तो जन्म से भारतीय हैं, लेकिन उनका जन्म किसी दूसरे देश में हुआ हो, वो भारत की नागरिकता हासिल कर सकता है.


नैचुरलाइजेशन या देशीकरण


जो व्यक्ति अगर 12 साल तक भारत में रहे और नागरिकता के लिए आवेदन से पहले लगातार एक साल तक भारत में रहा हो उसे नागरिकता हासिल हो सकती है. भारतीय नागरिकों के 18 साल से कम उम्र के बच्चे भी भारत के नागरिक हैं.