नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट ने कॉमेडियन कुणाल कामरा पर प्रतिबंध को लेकर विमानन नियामक (डीजीसीए) को फटकार लगाई है. अदालत ने डीजीसीए को गुरुवार तक यह स्पष्ट करने के लिए कहा कि उसने अधिकारियों द्वारा किसी भी जांच के बिना कामरा को दंडित करने के लिए एयरलाइंस की कार्रवाई को 'प्रमाणित' क्यों किया.


इंडिगो एयरलाइन द्वारा स्टैंडअप कॉमेडियन कुणाल कामरा पर छह महीने तक के लिए रोक लगाई गई है. प्रतिबंध लगाने के फैसले को चुनौती देने वाली कामरा की याचिका पर सुनवाई करते हुए जस्टिस नवीन चावला ने कहा, "आपने (डीजीसीए) ने ट्विटर पर प्रमाणीकरण क्यों दिया?" चावला ने डीजीसीए के वकील को अगली तारीख पर यह बताने के लिए कहा कि क्या एयरलाइंस की कार्रवाई नागरिक उड्डयन आवश्यकताओं (CAR) के अनुरूप थी.


जस्टिस नवीन चावला ने कहा, ''आपने (DGCA) ट्विटर पर प्रमाण पत्र क्यों दिया? अपने ट्वीट को देखो. आपने कहा कि अन्य विमानन कंपनियों द्वारा कार्रवाई नागर विमानन आवश्यकताओं (सीएआर) के अनुपालन में थी. केवल इंडिगो ही नहीं, आपने दूसरों को भी प्रमाण पत्र दिया. आपको अपना ट्वीट वापस लेना चाहिए.'' उन्होंने कहा, "आपको इस अदालत को संतुष्ट करना होगा कि कार्रवाई सीएआर के अनुरूप थी."


कामरा ने अपने वकील प्रशांत शिवराजन, विवेक तन्खा और गोपाल शंकरनारायणन के माध्यम से दावा किया है कि सभी एयरलाइंस ने सीएआर के तहत आवश्यक शिकायत के बिना उन पर उड़ान प्रतिबंध लगा दिया. अपनी याचिका में कामरा ने कहा है कि सीएआर के अनुसार, शिकायत फ्लाइट के पायलट द्वारा की जानी चाहिए, लेकिन इस मामले में ऐसा नहीं किया गया.


बता दें कि कुणाल कामरा ने इंडिगो विमान में यात्रा के दौरान रिपब्लिक टीवी के एडिटर-इन-चीफ अर्नब गोस्वामी पर छींटाकसी की थी. घटना के बाद इंडिगो और एयर इंडिया समेत चार एयरलाइन्स कंपनियों ने कामरा की हवाई यात्रा पर बैन लगा दिया है.


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