वायुसेना प्रमुख ए पी सिंह ने बुधवार (10 दिसंबर 2025) को कहा कि भारतीय वायुसेना किसी भी शत्रु देश के दुस्साहस का मुंहतोड़ जवाब देने के लिए पूरी तरह तैयार है. वर्ष 1971 में पाकिस्तान पर भारत की विजय के उपलक्ष्य में मनाए जा रहे विजय दिवस के अवसर पर आयोजित हवाई प्रदर्शन में भाग लेते हुए एयर चीफ मार्शल सिंह ने कहा कि भारतीय वायुसेना पिछले अनुभवों के आधार पर अपनी ‘स्टील्थ’ क्षमता और रणनीति में लगातार सुधार कर रही है. उन्होंने पत्रकारों से कहा, ‘‘अगर कोई शत्रु राष्ट्र किसी भी तरह का दुस्साहस करता है तो हम उसे करारा जवाब देने के लिए पूरी तरह तैयार हैं.’’

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सिंह ने जोर देकर कहा कि किसी भी प्रकार की आपात स्थिति उत्पन्न होने पर भारत, विशेष रूप से भारतीय वायुसेना, दो मोर्चों पर युद्ध लड़ने के लिए तैयार है. उन्होंने वर्ष 1971 के युद्ध में भारतीय वायुसेना के योगदान को याद करते हुए भारत की जीत में अहम भूमिका निभाने वाले कदमों पर प्रकाश डाला. सिंह ने कहा, ‘‘भारतीय वायुसेना ने जिस दृढ़ता से डटकर अपना काम किया, चाहे वह नवंबर में दिन के समय चलाए गए अभियान हों, अंतिम प्रहार हों या बांग्लादेश में राज्यपाल भवन पर हमला, उसने निर्णायक रूप से युद्ध का अंत किया.’’

13 दिनों में घुटनों के बल आया पाकिस्तान

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सिंह ने बताया कि भारतीय सशस्त्र बलों की उन 13 दिनों की त्वरित कार्रवाई में उन्होंने पाकिस्तान को दबाव में झुकते और युद्धविराम की अपील करते देखा. उन्होंने कहा, ‘‘यह अभियान न केवल भारतीय वायुसेना के लिए एक बड़ी सफलता थी, बल्कि संयुक्त कार्यकुशलता की भी एक बड़ी उपलब्धि थी. नदी पार करने या हवाई मार्ग से सामान गिराने जैसे नियोजित अभियान सेना और वायुसेना के बीच घनिष्ठ समन्वय के बिना संभव नहीं होते.’’

युद्ध में जीत के लिए क्या जरूरी

भारतीय वायुसेना प्रमुख ने कहा कि जिस तरह नौसेना समेत तीनों सेनाओं ने सक्रिय भागीदारी के साथ मिलकर काम किया, उससे संयुक्त कार्यकुशलता का एक बहुत ही महत्वपूर्ण सबक मिला कि संयुक्त अभियान युद्ध में बड़े पैमाने पर जीत दिला सकते हैं. इससे पहले दिन में भारतीय वायुसेना ने डिब्रूगढ़ के मोहनबारी वायुसेना स्टेशन पर एक शानदार हवाई प्रदर्शन के साथ 1971 के युद्ध में अपनी ऐतिहासिक जीत का उत्सव मनाया.

पूर्वी वायु कमान द्वारा आयोजित दिन भर के समारोह ने आम जनता, सैन्य और नागरिक क्षेत्र के गणमान्य व्यक्तियों, वायुसेना के अनुभवी वरिष्ठों और सैकड़ों उत्साही स्कूली बच्चों को मंत्रमुग्ध कर दिया. अधिकारियों ने बताया कि हवाई प्रदर्शन में भारतीय वायुसेना के कुछ सबसे शक्तिशाली विमान शामिल थे, जिनमें सुखोई एसयू-30 लड़ाकू विमान, डोर्नियर डीओ-228 निगरानी विमान, एंटोनोव एएन-32 परिवहन विमान और चिनूक और एमआई-17 हेलीकॉप्टर शामिल थे.