Heavy rains in Andhra: दक्षिण बंगाल की खाड़ी में बना निम्न दबाव का क्षेत्र अब डिप्रेशन में तब्दील हो चुका है, जिसका नतीजा यह कि उत्तरी तमिलनाडु, पुडुचेरी और दक्षिण आंध्र में भारी बारिश हुई है. हालात बाढ़ के बन चुके हैं. दक्षिण आंध्र प्रदेश के चित्तूर जिले में बाढ़ के हालात ऐसे हैं कि इसका असर प्रसिद्ध तिरुमला तिरुपति मंदिर पर भी देखा जा रहा है. 


कल (शुक्रवार) तक के इस अलर्ट को देखते हुए टीटीडी ने श्रद्धालुओं की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए दोनों घाट रोड और पैदल ऊपर जाने के रास्ते को बंद कर दिया है. तिरुपति में हालत ऐसे हैं कि एक ओर पहाड़ी रास्ते में गिरते चट्टाने तो दूसरी ओर पानी में डूबे घर हैं. ये हालत तिरुपति समेत पूरे चित्तूर जिले में है. अगले 24 घंटे रेड अलर्ट रखा गया है, क्योंकि डिप्रेशन कल यानी शुक्रवार सुबह उत्तरी तमिलनाडु और दक्षिण आंध्र के तट को पार करेगा. उस वक्त यहां और भारी बारिश होने की संभावना है.


यही तस्वीरें तमिलनाडु के कई जिलों और पुडुचेरी, कारईकाल में भी देखी गईं. यहां भी कई जिलों में भारी बारिश का अलर्ट है. यह लो प्रेशर से बना डिप्रेशन अब उत्तरी तट की तरफ बढ़ रहा है. भारी बारिश का अलर्ट देखते हुए चेन्नई समेत तमिलनाडु के कई जिलों में बारिश की छुट्टी घोषित की गई है. वहीं, पुडुचेरी और कारईकाल में भी छुट्टी घोषित की गई है.


बता दें कि हर साल अक्टूबर के महीने में नॉर्थ ईस्ट मानसून तमिलनाडु के तट पर दस्तक देता है, जिसके कारण तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश और ओडिशा के तटों पर जमकर बारिश होती है. चेन्नई के चेंबरमबक्कम और पुलल रिजर्वायर से पानी 2000 क्यूसेक बढ़ा दिया गया है. इसके चलते लो लाइंग एरिया पर रहने वाले लोगों पर बाढ़ का खतरा एक बार फिर से मंडरा रहा है. इन घरों में पानी उतरे एक हफ्ता भी नहीं हुआ कि फिर एक बार वही स्थिति बनती दिख रही है. 


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