List of Fugitives: हाल ही में कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग (Department of Personnel and Training) ने एक रिपोर्ट जारी की है, जिसमें बताया गया है कि 30 भगोड़े ऐसे हैं जो साल 2022 में विदेशों में थे. इसके अलावा 24 ऐसे हैं, जिन्हें निर्वासित कर दिया गया. साल 2020 और 2021 की बात करें तो ये संख्या क्रमशः 84 और 136 थी. अब भारत सरकार विजय माल्या, नीरव समेत वांछित चल रहे कई भगोड़ों को भारत वापस लाने की कोशिश कर रही है. आइए जानते हैं कि इस मोस्ट वांटेड लिस्ट में कौन कौन से नाम शामिल हैं. 


विजय माल्या
भगोड़ों की इस लिस्ट में सबसे पहला नाम विजय माल्या का है. माल्या पर 9 हजार करोड़ रुपये के किंगफिशर एयरलाइंस ऋण मामले में धोखाधड़ी और मनी लॉन्ड्रिग का आरोप है. विजय माल्या को सुप्रीम कोर्ट ने 9 मई 2017 को अवमानना का दोषी ठहराया था.


कोर्ट ने माल्या को डिएगो डील के 40 मिलियन डॉलर अपने बच्चों के विदेशी अकाउंट में ट्रांसफर करने और सम्पत्ति का सही ब्यौरा न देने के लिए दोषी करार दिया था.


माल्या को भगोड़ा आर्थिक अपराधी घोषित किया जा चुका है. भगोड़ा आर्थिक अपराधी ऐसा व्यक्ति होता है, जिसके खिलाफ किसी अपराध के संबंध में वारंट जारी किया गया हो और अपराध का मूल्य कम से कम 100 करोड़ रुपए है. 


ललित मोदी 
लिस्ट में दूसरा नाम ललित मोदी का है, जिस पर 125 करोड़ रुपये के घोटाले का आरोप है. यह घोटाला 2008 के टीवी राइट्स डील से जुड़ा है, जिसमें ललित मोदी को 125 करोड़ का फायदा होने की बात कही गई थी. जब 2010 में ललित मोदी से इस मामले में पूछताछ की गई तो आयकर और ईडी के अधिकारियों की सिर्फ एक पूछताछ के बाद यूके भाग गया था. 2012 में ललित मोदी पर मनी लॉन्ड्रिंग की जांच शुरू की गई थी.


ED ने ललित मोदी के खिलाफ नोटिस जारी किया था और इंटरपोल से कई बार ललित मोदी के प्रत्यर्पण का अनुरोध किया था. इंटरपोल ने न केवल ईडी की रेड नोटिस को नामंजूर कर दिया बल्कि आदेश जारी करके ललित मोदी के सभी डेटा को भी हटा दिया. साल 2017 में तमिलनाडु पुलिस ने मुंबई पुलिस को इस मामले को संभालने के लिए पत्र लिखा. 


नितिन संदेसरा
लिस्ट में तीसरा नाम गुजरात के एक बड़े कारोबारी नितिन संदेसरा का है, जो ति 5700 करोड़ रुपये के बैंक फ्रॉड और मनी लॉन्ड्रिंग मामले का मुख्य आरोपी है. स्टर्लिंग बायोटेक के मालिक नितिन जे. संदेसरा को भगोड़ा आर्थिक अपराधी घोषित किया जा चुका है. इस मामले में हितेश नरेंद्रभाई पटेल, दीप्ति संदेसरा और चेतन संदेसरा पर भी आरोप है.


साल 2017 में दोनों एजेंसियों की जांच शुरू करने के कुछ दिन पहले ये परिवार भारत छोड़कर दुबई के रास्ते नाइजीरिया भाग गया था. संदेसरा परिवार ने उसी समय से नाइजीरिया और अल्बानिया दोनों देशों की नागरिकता ले रखी है.


नीरव मोदी 
इसके अलावा भगोड़ों की लिस्ट में एक नाम नीरव मोदी का भी है. नीरव मोदी मेहुल चोकसी का भतीजा है. सीबीआई ने नीरव मोदी के खिलाफ 2018 में रेड नोटिस जारी किया था. रेड नोटिस जारी होने के बाद ब्रिटेन से नीरव मोदी के प्रत्यर्पण का अनुरोध किया गया.


मोदी को मार्च 2019 में भारत के प्रत्यर्पण वारंट के बाद गिरफ्तार कर लिया गया था. यूके सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद नीरव अभी तक भारत नहीं आया है. रिपोर्ट्स की मानें तो नीरव के प्रत्यर्पण का एक कानूनी मामला अदालत में रूका हुआ है . जिसकी वजह से वो अभी तक विदेश में है.


मेहुल चोकसी
मेहुल चोकसी भी इस लिस्ट का बड़ा नाम है. चोकसी 13500 करोड़ के पीएनबी ऋण घोटाले का मुख्य आरोपी है. साल 2018 में इसके खिलाफ सीबीआई में मामला दर्ज किया गया था, जिसके बाद चोकसी विदेश भाग गया था. मेहुल चोकसी ने कैरेबियन में एंटीगुआ और बारबुड़ा की नागरिकता ली. 


विनय मिश्रा
विजय माल्या, नीरव मोदी और मेहुल चोकसी की तरह विनय मिश्रा को भी भगोड़ा घोषित किया जा चुका है. सीबीआई सूत्रों के मुताबिक, विनय मिश्रा सजा से बचने के लिए विदेश भाग गया और वहां की नागरिकता ले ली, क्योंकि वह कोयला और गाय तस्करी के गिरोह में प्रमुख सरगनाओं में एक है. 


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