दिल्ली सरकार का आंकलन है कि दिल्ली की नई आबकारी नीति से दिल्ली को हर साल 10 हज़ार करोड़ का राजस्व मिलेगा. ये राशि कोरोना से पहले आम दिनों में शराब की बिक्री से मिलने वाले कुल रेवन्यू से करीब 3500 करोड़ रुपए ज़्यादा होगी.


दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने एक प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि कोरोना के चलते आर्थिक गतिविधियां बंद होने से दिल्ली सरकार के राजस्व प्राप्ति में भरी कमी आई है. वित्त वर्ष 2020-21 में दिल्ली सरकार को अनुमानित राजस्व से 41% कम राजस्व की प्राप्ति हुई, 2021-22 में भी अबतक अनुमानित राजस्व से 23% कम राजस्व मिला है.


राजस्व में 8000 करोड़ की कमी आएगी


सिसोदिया ने कहा कि कम राजस्व के चलते कर्मचारियों के वेतन और कोरोना संबंधी खर्चों के अलावा सरकार ने बाकि खर्चों को रोक कर रखा. इस बीच बाकी राज्य सरकारों के साथ-साथ दिल्ली को भी अगले साल से जीएसटी कंपनसेशन मिलना बंद हो जाएगा, जिससे दिल्ली सरकार के राजस्व में 8000 करोड़ की कमी आएगी.


दिल्ली सरकार को केंद्र सरकार द्वारा केंद्रीय करों से पिछले 20 सालों से केवल 325 करोड़ रूपये मिलते है जबकि दिल्ली का केंद्रीय करों में 1 करोड़ 40 लाख रूपये का योगदान होता है. इन वजहों से आने वाले समय में काफी मुश्किलें होंगी क्योंकि केंद्र सरकार से दिल्ली सरकार को केंद्रीय करों में उचित हिस्सा नहीं मिलता है. मौजूदा समय में दिल्ली सरकार के  जीएसटी कलेक्शन में  23%, वैट कलेक्शन 25%, एक्साइज कलेक्शन 30%, स्टाम्प कलेक्शन 16% और मोटर व्हीकल टैक्स कलेक्शन में 19% की कमी आई है.


आबकारी करों में होने वाली चोरी को रोकना था मकसद


नई आबकारी नीति से राजस्व में बढ़ोत्तरी की उम्मीद जताते हुए उपमुख्यमंत्री ने कहा कि 15 अप्रैल 2021 को दिल्ली की नई आबकारी नीति को मंजूरी मिली.  इसका मकसद दिल्ली में आबकारी करों में होने वाली चोरी को रोकना था. इस नीति के तहत सबसे बड़ा बदलाव एक्साइज ड्यूटी और वैट को लाइसेंस फीस में तब्दील कर देना था क्योंकि यहीं सबसे ज्यादा कर चोरी होती थी.


अबतक शराब के दुकान की लाइसेंस फीस 8-10 लाख रूपये व एक्साइज ड्यूटी 300% हुआ करती थी. उच्च दरें होने के चलते करों की बहुत ज्यादा चोरी हुआ करती थी. दिल्ली सरकार ने इसे रोकने के लिए प्रति दुकान लाइसेंस फीस 6-7 करोड़ रूपये कर दी व 10% ज्यादा कीमते बढ़ाकर बिडिंग की.


लगभग 2500 करोड़ रुपयों का राजस्व बढ़ेगा


मनीष सिसोदिया ने कहा कि इन बदलावों के बाद सरकार का आंकलन था कि इससे लगभग 2500 करोड़ रुपयों का राजस्व बढ़ेगा लेकिन नई आबकारी नीति से सरकार को नवंबर 2021 के बाद से हर साल लगभग 3500 करोड़ रूपये के राजस्व की प्राप्ति होगी. साथ ही सरकार को एक्साइज से लगभग 10,000 करोड़ के कुल राजस्व की प्राप्ति होगी. दिल्ली सरकार ने नई आबकारी नीति के तहत दिल्ली को 32 जोन में बांटा है जिनके लिए लगभग 225 बिड आई है. दिल्ली में कई वार्ड ऐसे थे जहाँ 10 से ज्यादा शराब की दुकाने थी जबकि कई वार्डों में एक भी दुकाने नहीं थी. उनका बराबर का वितरण किया जाएगा, ताकि दुकान नहीं होने की वजह से जहां-जहां भी शराब माफिया काम कर रहा है, उसके सारे दरवाजे बंद हो जाएं.


शराब के अवैध कारोबार पर शिकंजा कसने की दिल्ली सरकार की कोशिशों के बारे में बात करते हुए सिसोदिया ने कहा कि दिल्ली में करीब 850 वैध और 2000 अवैध शराब की दुकाने थी, इन पर शिकंजा कसने के लिए दिल्ली सरकार ने पिछले तीन-चार साल में काफी कोशिशें की और उसके चलते पिछले 2 साल में करीब 7 लाख 9 हजार बोतल अवैध शराब पकड़ी गई. टीम ने शराब माफियाओं के खिलाफ 1864 एफआईआर दर्ज की, पिछले 2 सालों में 1939 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. पिछले 2 सालों में शराब माफियाओं से करीब 1000 वाहन ज़ब्त किए गए हैं. अब नई एक्साइज पालिसी से इन अवैध शराब माफियाओं पर पूरी तरह लगाम लगेगी.


उपमुख्यमंत्री ने कहा कि नई आबकारी के के तहत किसी भी शराब की दुकान के लिए कम से कम 500 वर्ग फीट की दुकान होना जरूरी होगा. दुकान का कोई भी काउंटर सड़क की तरफ नहीं खुलेगा. जो भी काउंटर होगा, वह दुकान के अंदर होगा. यह दुकान वालों की जिम्मेदारी होगी कि वह दुकान के बाहर कानून-व्यवस्था को बनाकर रखें, साफ-सफाई रखें और वातावरण अच्छा बना कर रखें. किसी भी तरह से खुले में शराब की खपत नहीं होगी इसके लिए दुकानदार को सीसीटीवी लगाने और सुरक्षा गार्ड आदि की व्यवस्था करनी होगी. 17 नवम्बर से नई प्रक्रिया के तहत दुकाने खुल जाएंगी, इस दौरान सरकारी दुकाने खुली रहेंगी.


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