Manish Sisodia Letter To VK Saxena: दिल्ली के शिक्षकों को फिनलैंड भेजने के मामले पर सियासत एक बार फिर गरमा गई है. इस मामले को लेकर एक बार फिर सरकार और उपराज्यपाल आमने-सामने हैं. मामले को लेकर दिल्ली के शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने गुरुवार (23 फरवरी) को एक बार फिर उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना को चिट्ठी लिखी है. उन्होंने सरकारी स्कूलों के शिक्षकों को ट्रेनिंग के लिए फिनलैंड भेजे जाने के प्रस्ताव को तत्काल अनुमति देने की मांग की है.


मनीष सिसोदिया ने कानून का हवाला देते हुए कहा, “उपराज्यपाल एक महीने से शिक्षकों की ट्रेनिंग की फाइल दबाकर बैठे हैं. कानून उन्हें किसी फाइल को 15 दिन से ज्यादा नहीं रोकने की इजाजत नहीं देता है और वो शिक्षकों की ट्रेनिंग की फाइल 20 जनवरी से दबाकर बैठे हैं.” इससे पहले भी उन्होंने इस मामले को लेकर एक चिट्ठी लिखी थी और संवेदनशील मुद्दों पर राजनीति करने का आरोप लगाया था.


पिछले महीने भी लिखी थी चिट्ठी


मामले में इससे पहले जनवरी के आखिरी हफ्ते में उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने एलजी को चिट्ठी लिखी थी. उन्होंने कहा था कि अक्टूबर 2022 से टीचर्स को ट्रेनिंग के लिए फिनलैंड भेजे जाने की फाइल एलजी के दफ्तर के चक्कर काट रही है और एलजी से अनुमति नहीं मिलने के कारण मार्च 2023 में प्रस्तावित 30 शिक्षकों की ट्रेनिंग रद्द होने की कगार पर है. इस बारे में बात करने के लिए जब मुख्यमंत्री अपने मंत्रियों और कुछ विधायकों के साथ आपसे मिलने पहुंचे तो आपने मिलने से मना कर दिया. उस दिन आपकी तरफ से मीडिया में कहा गया कि आपने शिक्षकों को फिनलैंड भेजने से मना नहीं किया है.


मनीष सिसोदिया ने कहा था, ‘ मेरा अनुरोध है कि ऐसे संवेदनशील मुद्दों पर राजनीति नहीं होनी चाहिए और टीचर्स को फिनलैंड ट्रेनिंग पर भेजे जाने की तुरंत अनुमति दी जाए. आपने न तो इस प्रस्ताव को अपनी सहमति दी है और न ही इस पर असहमति जताते हुए निर्णय लेने के लिए माननीय राष्ट्रपति जी के पास भेजने की प्रक्रिया शुरू की है.’


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