Umar Khalid: जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी (जेएनयू) के पूर्व छात्र नेता उमर खालिद की जमानत याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार (10 जनवरी) को लगातार छठी बार स्थगित कर दिया. शीर्ष अदालत ने चेतावनी देते हुए कहा कि इसके बाद आगे कोई स्थगन नहीं किया जाएगा, यानी याचिका पर सुनवाई की तारीख को आगे नहीं बढ़ाया जाएगा. उमर खालिद 2020 में हुए दिल्ली दंगों में जेल में बंद है. खालिद के ऊपर यूएपीए के तहत केस दर्ज किया गया है. 


टेलीग्राफ की रिपोर्ट के मुताबिक, सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि उमर खालिद की जमानत याचिका पर अगली सुनवाई 24 जनवरी को होने वाली है. खालिद के वकील कपिल सिब्बल और दिल्ली पुलिस की तरफ से अदालत में पेश होने वाले एडिशनल सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू बुधवार को अदालत में मौजूद नहीं थी. इस वजह से ही याचिका पर सुनवाई के लिए तारीख को आगे बढ़ाने की मांग की गई थी. उमर खालिद 14 सितंबर, 2020 से ही दिल्ली दंगों को लेकर यूएपीए के तहत दर्ज मामले में जेल में बंद हैं.  


किस आधार पर मांगी जमानत?


उमर खालिद ने दिल्ली दंगा मामले में बाकी के आरोपियों- नताशा नरवाल, देवांगना कलिता और आसिफ इकबाल तन्हा को दी गई जमानत के आधार पर सुप्रीम कोर्ट से जमानत मांगी है. दरअसल, फरवरी 2020 में दिल्ली के उत्तर-पूर्व इलाके में जबरदस्त दंगे हुए थे. इस दंगे में 53 लोगों की मौत हो गई थी, जबकि 200 से ज्यादा लोग घायल हुए थे. राजधानी में हुए ये दंगा इतना ज्यादा खतरनाक था कि लोगों की लाशों को वहां मौजूद नालों में पड़े हुए देखा गया था. 


स्थगन याचिकाओं पर अदालत ने जताई नाराजगी 


जस्टिस बेला एम. त्रिवेदी और जस्टिस पंकज मिथल की पीठ ने बुधवार को स्थगन के लिए बार-बार दी जा रहीं याचिकाओं पर नाराजगी जताई. पीठ ने कहा कि संबंधित पक्षों के नहीं आने की वजह से केस की सुनवाई में देरी हो रही है. मगर एक धारणा बनती जा रही है कि अदालत इस मामले पर सुनवाई नहीं कर रही है. दरअसल, खालिद के वकील सिब्बल ने एक हफ्ते तक सुनवाई टालने की मांग की थी, क्योंकि वह एक अन्य केस में व्यस्त हैं. 


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