दिल्ली में लाल किला के बाहर हुए आतंकवादी धमाका मामले में एक और चौंकाने वाला खुलासा हुआ है. दिल्ली ब्लास्ट को लेकर जांच को लेकर यूपी एंटी टेररिस्ट स्क्वॉड (ATS) की टीम ने गुरुवार (13 नवंबर, 2025) को उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ स्थित इंटीग्रल यूनिवर्सिटी में छापेमारी की कार्रवाई को अंजाम दिया है. ATS की टीम ने इस मामले को लेकर लखनऊ स्थित इंटीग्रल विश्वविद्यालय के प्रशासन संबंधी सभी लोगों से गहन पूछताछ भी की है.

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दरअसल, उत्तर प्रदेश एंटी टेररिस्ट स्क्वॉड (UP ATS) की टीम ने दिल्ली कार ब्लास्ट मामले में शामिल डॉ. परवेज को लेकर छानबीन करते हुए लखनऊ के गुडंबा इलाके में स्थित इंटीग्रल यूनिवर्सिटी में इस कार्रवाई को अंजाम दिया है. डॉ. परवेज इंटीग्रल विश्वविद्यालय में सीनियर रेजिडेंट के पद पर तैनात था, लेकिन छानबीन और पूछताछ में पता चला कि डॉ. परवेज ने सोमवार (10 नवंबर, 2025) को दिल्ली में आतंकी धमाका होने से पहले यूनिवर्सिटी से अपना इस्तीफा दे दिया था.

डॉ. शाहीन का भाई था डॉ. परवेज

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UP ATS के साथ-साथ जम्मू-कश्मीर पुलिस भी इस मामले की पड़ताल में जुटी हुई है. जांच के दौरान यह भी सामने आया कि लखनऊ स्थित इंटीग्रल यूनिवर्सिटी में सीनियर रेजिडेंट पद पर तैनात डॉ. परवेज इस मामले में शामिल डॉ. शाहीन का भाई है.

फरीदाबाद के अल-फलाह यूनिवर्सिटी पर भी कार्रवाई

वहीं, दिल्ली आतंकी धमाका मामले में हरियाणा के फरीदाबाद स्थित अल-फलाह यूनिवर्सिटी का नाम भी सामने आया है, जिसके बाद एसोसिएशन ऑफ इंडियन यूनियन (AIU) ने अल-फलाह यूनिवर्सिटी पर बड़ी कार्रवाई करते हुए उसकी सदस्यता तत्काल प्रभाव से रद्द कर दी है. इसके साथ ही, अल-फलाह यूनिवर्सिटी को तत्काल प्रभाव से AIU का लोगो हटाने तक का निर्देश जारी कर दिया गया है.

यह कार्रवाई दिल्ली बम धमाका मामले में यूनिवर्सिटी से जुड़े कई डॉक्टर्स की गिरफ्तारी के बाद की गई है. जांच एजेंसियों ने यूनिवर्सिटी से जुड़े डॉ. उमर उन नबी, डॉ. शाहिद, डॉ. निसार-उल-हसन और डॉ. मुजम्मिल को दिल्ली बम धमाका मामले में गिरफ्तार किया है.

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