Delhi Politics: यमुना नदी के घाटों पर छठ पूजा की अनुमति को लेकर चल रही आम आदमी पार्टी और दिल्ली के उपराज्यपाल के बीच चल रहे विवाद पर कांग्रेस नेता अलका लांबा ने दोनों राजनीतिक दलों पर तंज कसा है और कहा है कि, दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल और बीजेपी के नेता पहले यमुना नें एक डुबकी लगा लें फिर बाहर आकर राजनीति करें. लांबा ने कहा कि आस्था के नाम पर छठ कर रहीं बहनों को मौत के मुंह में झोंकने का काम कर रहे हैं ये लोग.


छठ पूजा के मद्देनजर यमुना के हाल पर कांग्रेस नेत्री अलका लांबा ने बीजेपी और आप दोनों पर हमला बोला है. लांबा ने कहा कि अरविंद केजरीवाल और बीजेपी के नेता एक डुबकी लगाकर अपनी राजनीति करें. लांबा ने आप मुखिया पर निशाना साधते हुए कहा कि आस्था के नाम पर अरविंद केजरीवाल बहनों को मौत के मुंह में झोंक रहे हैं. 


अलका लांबा ने कहा-हमारी बहनों को अब छठी मैया बचाएं


कांग्रेस नेता अलका लांबा ने एबीपी न्यूज से बात करते हुए कहा कि छठ पूजा पर हमारी बहनों को मजबूर होकर आस्था की डुबकी जहरीली यमुना के पानी में लगानी पड़ रही. हमें चिंता है कि वो बहनें जो डुबकी लगाएंगी, क्या वो स्वस्थ रह पाएंगी. उन्होंने आगे कहा कि छठी मैया से विनती है कि आस्था के नाम पर जो डुबकी हमारी बहनों ने जिस दिल्ली और केंद्र सरकार की यमुना में लगाई है, उन बहनों को छठी मैया बचाएं.


अलका लांबा ने कहा कि दिल्ली में कूड़े के पहाड़, जहरीला पानी और जहरीली हवा ....कौन है इसका जिम्मेदार.? 2013 के बाद ना देश में और ना दिल्ली में कांग्रेस की सरकार है.... एक दशक का समय कम नहीं होता है. बदलाव के नाम पर अरविंद केजरीवाल आए थे लेकिन आस्था के नाम पर बहनों को मौत के मुंह में झोंक रहे हैं. अरविंद केजरीवाल और बीजेपी के नेता खुद यमुना में एक डुबकी लगाकर आएं फिर राजनीति करने का मन हो तो करें. 


अलका लांबा का तंज-केजरीवाल गाजीपुर में बेशर्मी दिखाने गए थे


उन्होंने आगे कहा कि, लोगों की परेशानी की इन्हें फिक्र नहीं, बस ये लोग राजनीति कर रहे हैं. गाजीपुर लैंडफिल साइट पर कितनी बार आग लगी और कितने लोग उस हवा से प्रभावित हैं, उनकी कोई देख रेख करने वाला नहीं है. कई लोगों की वहां मौत भी हुई है. राजनीति का सबसे गंदा चेहरा बनकर अरविंद केजरीवाल वहां पर खड़े थे. कल वो अपनी बेशर्मी दिखाने गए थे. आगे कहा कि  शीला दीक्षित ने प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी जी को मेट्रो में बैठाया और साथ मिलकर उसका उद्घाटन किया, राजनीति को साइड में रखा. दिल्ली आज उसी राजनीति का इंतजार कर रही है.


नोटों पर तस्वीर किसकी हो, बेवजह का विवाद है


दिल्ली में दम घुट रहा है, सांसें घुट रहीं. लांबा ने आगे कहा कि नोटों का विवाद बेवजह का है. इसने भाजपा को बच निकलने का मौका दिया है. इस समय मुख्य मुद्दा महंगाई बेरोजगारी है. मुद्दा ये नहीं है कि रुपये पर तस्वीर किसकी हो? मुद्दा ये है कि रुपया ऐतिहासिक गिरावट पर है. अलका लांबा ने केजरीवाल पर निशाना साधते हुए कहा कि जो रामलीला मैदान से बदलने आया था वो बीजेपी से भी ज्यादा सांप्रदायिक निकला. वह तो संविधान को ताक पर रखकर धर्म निरपेक्ष देश को आग में झोंकने के लिए संघ भाजपा से दो कदम आगे दिख रहा है. 


यमुना घाटों की सफाई के बारे में अलका ने कहा कि घाटों की सफाई पर जिम्मेदारी की नीयत और इच्छा शक्ति नहीं है सिर्फ कोरी राजनीति है. हम नदी को मां कहते हैं, उस मां को सबसे ज्यादा अपवित्र करने का काम इन दोनों ने (आप और बीजेपी) किया है... जिस मां के नाम पर वोट मांगते हैं राजनीति करते हैं... आज वो मां रो रही है.


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