नई दिल्ली: पिछले साल अप्रैल में दिल्ली वालों ने एमसीडी चुनाव में अरविंद केजरीवाल को जोरदार झटका दिया था. जिस अरविंद केजरीवाल को उन्होंने दिल्ली की गद्दी दी थी, उन्हें एमसीडी चुनाव में अपने विधायकों की संख्या के बराबर भी पार्षद नहीं मिले. दिल्ली वालों ने निगम चुनावों में दिल खोलकर बीजेपी को वोट दिया. दिल्ली की तीनों निगमों में बीजेपी को सत्ता मिली. तो क्या 10 महीने बाद भी दिल्ली वालों का बीजेपी पर ये भरोसा बना हुआ है?


एबीपी न्यूज़ और सीवोटर ने दिल्ली की जनता से यही जानने की कोशिश की है. ताजा सर्वे के आंकड़ें बताते हैं कि दिल्लीवासी अपने वार्ड पार्षदों के काम से संतुष्ट नहीं हैं. 50 फीसदी जनता का कहना है कि वे अपने वार्ड पार्षदों के काम से संतुष्ट नहीं हैं.


दिल्ली का मूड: केजरीवाल सरकार के तीन साल पूरे, आज चुनाव हुए तो कौन जीतेगा?


सवाल: क्या आप अपने वार्ड पार्षद के काम से संतुष्ट हैं ?


हां- 46 फीसदी


नहीं- 50 फीसदी


ऐसे में जब लोग अपने वार्ड पार्षद के काम से नाराज हैं, वे अपने मेयर के कामकाज से भी संतुष्ट नहीं हैं. ज्यादातर लोगों ने अपनी राय दी कि वे मेयर को भी बदलना चाहते हैं.


दिल्ली का मूड: लोकसभा के लिए बीजेपी पहली पसंद, AAP दे रही है कड़ी टक्कर


सवाल: क्या आप अपने मेयर को बदलना चाहते हैं ?


हां- 61 फीसदी


नहीं- 34 फीसदी


बता दें कि पिछले 10 महीने में एमसीडी और दिल्ली सरकार के बीच तकरार देखने को मिली, जिसे दिल्ली की जनता परेशानी का सामना करना पड़ा. खासकर सफाई कर्मचारियों की हड़ताल की वजह से दिल्ली के लोगों काफी परेशानियां हुईं. वेतन न मिलने की वजह से पिछले साल सफाई कर्मचारियों ने हड़ताल कर दी थी. इससे जहां लोगों को दिक्क्त हो रही थी वहीं एमसीडी और दिल्ली सरकार एक दूसरे पर आरोप लगा रही थी.


दिल्ली का मूड: नरेंद्र मोदी हैं पीएम पद की पहली पसंद


कैसे हुआ ये सर्वे?


एबीपी न्यूज़ और सी वोटर ने यह सर्वे 3 से 12 फरवरी के बीच किया. इस सर्वे में कुल 4170 लोगों की राय ली गई.