नई दिल्ली: दिल्ली मेट्रो रेलवे कॉर्पोरेशन यानी डीएमआरसी में कार्यपालक और गैर कार्यपालक कर्मचारियों के बीच वेतन और भत्ते में भेदभाव होने का विवाद लंबे समय से चला आ रहा है. दो दिन बिना जलपान और खाना खाए ये कर्मचारी इस भेदभाव के खिलाफ अपना विरोध जताते हुए काम कर रहे हैं.
देश की सबसे बेहतरीन मेट्रो सेवा दिल्ली मेट्रो के गैरकार्यपालक कर्मचारी 30 जून से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जा सकते हैं. गैर कार्यपालक कर्मचारियों के हड़ताल पर जाने से मेट्रो सेवा ठप हो सकती है, क्योंकि इन गैरकार्यपालक कर्मचारियों के कंधे पर मेट्रो परिचालन के तीन सबसे अहम काम ऑपरेशन, मेंटेनेंस और कस्टमर सर्विस की जिम्मेदारी होती है. यानी कि इन पर मेट्रो ऑपरेटर या आम भाषा मेट्रो ड्राइवर, डिपो से लेकर स्टेशन तक का रखरखाव और रोजाना सफर करने वाले लाखों यात्रियों से जुड़े मसलों से जुड़े कामों की जिम्मेदारी होती है. ऐसे कमर्चारियों की संख्या करीब नौ हज़ार के आसपास है. क्या है मामला?
पूरा विवाद डीएमआरसी के प्रशासनिक अधिकारियों और गैरकार्यपालक (नॉन एग्जीक्यूटिव) कर्मचारियों के बीच वेतन के भेदभाव का है. साल 2007 में हुए वेतन संशोधन के दौरान एग्जीक्यूटिव कर्मचारियों का वेतनमान शेड्यूल-ए में आने वाले पब्लिक सेक्टर यूनिट(पीएसयू) के मानकों पर तय किए हैं, वहीं गैर कार्यपालक कर्मचारियों का वेतन निचले स्तर पर तय किए गए हैं, जिसकी वजह से साल दर साल दोनों तरह के कर्मचारियों की तनख्वाह में काफी फर्क आ गया है.
इसके बाद हुई कई हड़ताल और संघर्षों के बाद डीएमआरसी इन गैरपालक कर्मचारियों को साल 2007 के बजाय 2015 से एरियर देने को तैयार हो गया है, लेकिन दिल्ली मेट्रो रेल निगम एम्प्लाईज यूनियन का आरोप है डीएमआरसी ने 28 सितम्बर 2017 को अपने वादे से पलटते हुए शर्तों में बदलाव कर दिया. अभी क्या स्थित है?
20 जून से इन कर्मचारियों ने बाजू में काली पट्टी बांधकर अपना काम किया. इसके बाद कल से ये लोग बिना नाश्ता और खाना खाए काम कर रहे हैं. आज सुबह 9:30 बजे मेट्रो भवन इन कर्मचारियों की डीएमआरसी प्रबंधन के साथ बैठक है. अगर इसमें इनकी मांगों को नहीं सुना गया तो ये 30 जून से बेमियादी हड़ताल शुरू हो जाएगी.