Delhi MCD Election Result 2022: एमसीडी में बीजेपी (MCD Elections) का 15 साल पुराना किला ध्वस्त हो गया. काउंटिंग खत्म हो चुकी है और घोषित परिणाम के मुताबिक आम आदमी पार्टी (AAP) ने एमसीडी में 134 सीटों पर जीत दर्ज की है. वहीं बीजेपी को 104 सीटों पर ही जीत मिली है. कांग्रेस को 9 सीटों पर जीत से संतोष करना पड़ा है. इसके अलावा अन्य के खाते में 3 सीटें गई हैं. 


एमसीडी चुनावों में ऐसा क्या हुआ कि बीजेपी को चुनाव प्रचार में बड़े चेहरों को उतारने के बावजूद हार का स्वाद चखना पड़ा. MCD में AAP का धुआंधार प्रचार और कूड़े पर वार आप के काम आया, वहीं बीजेपी के खिलाफ नाराजगी ने उसे एमसीडी से बाहर कर दिया. महज ये कोई संयोग नहीं है कि एमसीडी में आम आदमी पार्टी ने बड़ी जीत दर्ज की है. बल्कि इसके पीछे कई अहम कारण हैं. यहां हम उन पांच कारणों को जिक्र कर रहे हैं, जिसने आम आदमी पार्टी को एमसीडी में जीत दिलाई है.


1- सत्ता विरोधी लहर ने दिलाई जीत


दिल्ली में AAP की इस बड़ी जीत की सबसे बड़ी वजह बीजेपी के खिलाफ सत्ता विरोधी लहर का होना रहा. एमसीडी का पिछले 15 साल का काम दिल्ली की जनता को पसंद नहीं आया और उसने बीजेपी के खिलाफ आम आदमी पार्टी को वोट किया. दिल्ली की संकरी गलियों में सड़कों की खराब हालत, पार्किंग की समस्या, साफ-सफाई न होने से परेशान दिल्ली की जनता ने AAP को चुना. बेसिक मुद्दों पर जब बीजेपी खरी नहीं उतरी तो उसे आम जनता की नाराजगी एमसीडी के चुनावों में झेलनी पड़ी.


2- प्रचार के मुद्दों ने जिताया चुनाव


निकाय चुनावों में आम आदमी पार्टी की जीत की सबसे बड़ी वजह ये है कि उसने जमीनी मुद्दों पर चुनाव लड़ा. आप ने कहा, उन्हें वोट दें जो दिल्ली को चमकाएंगे, साफ सुथरा करेंगे. बीजेपी ने जहां एमसीडी के चुनावों में भी राष्ट्रीयता के मुद्दों का जिक्र किया, वहीं आम आदमी पार्टी कूड़े के पहाड़ और यमुना की गंदगी की बात करती रही. आम आदमी पार्टी ने बीजेपी पर लगातार आरोप लगाया कि एमसीडी में लगातार 15 साल से होने के बावजूद दिल्ली में साफ-सफाई से जुड़े काम भी नहीं हुए. लोगों को आम आदमी पार्टी की बात पसंद भी आई, जिस पर मुहर उन्होंने एमसीडी में जिताकर लगा दी.
 
3- केजरीवाल का चला जादू, आक्रामक प्रचार


दिल्ली में केजरीवाल का जादू चला. पहले ही राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में आप को सत्ता में बिठाने वाली जनता को केजरीवाल और उनके काम करने के तरीका पसंद आया. यही वजह है कि लोगों ने एमसीडी में भी केजरीवाल के नारे पर गौर किया और आप को 134 सीटें जिता दीं. केजरीवाल धुआंधार प्रचार के जरिए ये आरोप लगाते रहे कि एमसीडी काम करने के पैसे नहीं दे रही है. केजरीवाल, मनीष सिसोदिया को को हीरो बताते हुए बीजेपी पर भष्टाचार और एजेंसियों के दुरुपयोग का आरोप लगाते रहे. इसका पार्टी को फायदा भी मिला.


4- दंगा प्रभावित इलाकों में हुई ज्यादा वोटिंग


दिल्ली में जहां इस बार का मतदान का प्रतिशत कम रहा हो, लेकिन दंगा प्रभावित इलाकों में अच्छी वोटिंग हुई. दिल्ली के मुस्तफाबाद, नेहरू विहार, चौहान बांगर जैसे इलाकों में 60 फीसदी से ज्यादा वोट पड़े. माना जा रहा है, इन इलाकों में AAP के पक्ष में जमकर मतदान हुआ. शहरी इलाकों की जगह ग्रामीण एरिया में भी आप के पक्ष में मतदान हुआ. दिल्ली में कुल वोटिंग 50.48 फीसदी ही हुई थी. 


5- AAP सरकार के काम और वादों पर यकीन


दिल्ली में आम आदमी पार्टी सत्ता में रहते हुए बिजली-पानी पर सब्सिडी देकर पहले ही मध्यमवर्गीय जनता का दिल जीत चुकी थी. केजरीवाल बार-बार एमसीडी में मौका देने की जनता से अपील करते रहे. वो कहते रहे, जैसे वो दिल्ली में अच्छी शिक्षा और स्वास्थ्य की स्थिति बेहतर करने के लिए लगे हुए हैं. वैसे ही एसीडी में आने पर साफ-सफाई से लेकर हर मुद्दे पर मज़बूती से काम करेंगे. ऐसे में आप सरकार के वादों पर दिल्ली की जनता को यकीन हो गया और एमसीडी में भी AAP को जीत मिली.


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