नई दिल्ली: दिल्ली के चांदनी चौक इलाके में रि-डेवलपमेंट प्रोजेक्ट के तहत प्राचीन हनुमान मंदिर को हटाये जाने के मामले में AAP और BJP के बीच आरोप प्रत्यारोप की राजनीति जारी है. कांग्रेस ने भी चांदनी चौक इलाके में AAP और BJP के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया. इस सारे सियासी घमासान के बीच ABP न्यूज़ ने उस प्रभु हनुमान की उस मूर्ति को ढूंढा जिसे मन्दिर तोड़े जाने से पहले विस्थापित किया गया था. चांदनी चौक इलाके में ही एमसीडी के एक छोटे से मेंटिनेंस ऑफिस के मंदिर के अंदर प्रभु हनुमान की मूर्ति और मन्दिर की अन्य मूर्तियों को रखा गया है.
रविवार सुबह 6 बजे पुलिस और नगर निगम ने अपना काम शुरू किया था
प्राचीन हनुमान मन्दिर के ट्रस्ट से जुड़े संजय शर्मा ने बताया कि शनिवार रात और रविवार सुबह 6 बजे के करीब पुलिस फोर्स और नगर निगम ने अपना काम शुरू किया था. सबसे पहले मंदिर के अंदर रखी हुई मूर्तियों को निकाला था और निकालने के बाद एमसीडी के पंडित और पुलिस इन मूर्तियों को लेकर मेंटिनेंस ऑफिस के मंदिर में ले आए उसके बाद प्राचीन हनुमान मंदिर को गिराया गया. मन्दिर से विस्थापित की गई मूर्तियों के बारे में संजय शर्मा ने बताया कि सबसे बड़ी जो हनुमान जी की मूर्ति है, वह मुख्य मूर्ति है. इसके अलावा हनुमान जी एक छोटी मूर्ति अपने आप प्रकट हुई थी इस मूर्ति का कोई निशान नहीं है कि यह कब आई और कैसे आई. ये 60 साल पुराना मंदिर है. हनुमान जी की मूर्ति के पीछे ही जो छोटा मंदिर था उसमें भगवान शंकर का परिवार था उसे भी यहां लाकर रखा गया है.
मन्दिर के नाम पर हो रही राजनीति को संजय शर्मा ने महज़ दिखावा बताया. उन्होंने बताया कि यह जो प्रदर्शन हो रहे हैं असल में यह सब दिखावा हो रहा है. यहां जितने भी लोग हैं अगर पहले से खड़े हो जाते या पहले मंदिर की शरण में आ जाते मंदिर को बचाने के लिए तो मंदिर शायद नहीं टूटता. मंदिर टूटने के बाद यह लोग आना शुरू हुए हैं. हम 15 लोग शनिवार सुबह से लगे हुए थे मंदिर को बचाने के लिए, 15,000 की फोर्स थी. हम फोर्स का कुछ नहीं कर पाए और हमारे सामने ही हमारे इष्ट देव को उठा कर के यहां शरणागत कर दिया गया.
सभी पार्टियां, और धार्मिक संगठन सिर्फ दिखावा कर रहे हैं- संजय शर्मा
संजय शर्मा के मुताबिक सभी पार्टियां, और धार्मिक संगठन सिर्फ दिखावा कर रहे हैं. जिस रात मन्दिर को हटाया जा रहा था कई धार्मिक संगठनों को हमने कॉल किया लेकिन कोई मदद के लिये नहीं आया. मन्दिर से जुड़े लोगों ने नगर निगम के मेयर जयप्रकाश से लेकर उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया तक हर किसी से सम्पर्क किया लेकिन किसी ने भी इस ओर ध्यान नहीं दिया. उनका कहना है कि मेंटिनेंस ऑफिस के मंदिर में भगवान की स्थापना नहीं की गई है. जब कभी मंदिर बनेगा तो इन मूर्तियों को वहां स्थापित किया जाएगा.
गौरतलब है कि चांदनी चौक के मंदिर विवाद में आम आदमी पार्टी ने आरोप लगाया है कि बीजेपी शासित एमसीडी ने कोर्ट में हलफनामा दायर करके यह बात कही है कि यह मंदिर अतिक्रमित जमीन पर बना हुआ है और एमसीडी इस हनुमान मंदिर को तोड़ना चाहती है. जिस पर कोर्ट ने उन्हें मन्दिर तोड़ने की अनुमति दी. वहीं BJP का कहना है कि केजरीवाल सरकार ने दिल्ली हाईकोर्ट में यह लिख कर दिया कि नगर निगम और पुलिस उन्हें सहयोग नहीं कर रही है और उनके अधिकारी मंदिर को तोड़ने में बाधा डाल रहे हैं. इस सिफारिश पर हाईकोर्ट ने नगर निगम और पुलिस को निर्देशित किया. बुधवार को कांग्रेस भी इस राजनीति में कूद गई और मंदिर हटाये जाने को दिल्ली सरकार और नगर निगम की मिलीभगत बताया.
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