नई दिल्ली: दिल्ली में सरकार से सस्ते दर में मिली ज़मीन पर बनें स्कूल फिलहाल एनुअल चार्ज और डेवलपमेन्ट फीस नहीं वसूलेंगे और न ही किसी बच्चे को ऑनलाइन क्लास करने से रोका जाएगा. हाइकोर्ट ने सुनवाई करते हुए स्कूल पक्षों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा. सुनवाई के दौरान स्कूलों ने कोर्ट को भरोसा दिलाया कि वो कोर्ट में दिए बयान पर अमल करेंगे. हालांकि स्कूलों के भरोसे के बाद कोर्ट ने सिंगल जज के आदेश पर रोक नहीं लगाई है.


इससे पहले सुनवाई के दौरान स्कूलों के वकीलों ने कहा कि जब तक मामला हाइकोर्ट में लंबित है और अगर तब तक स्कूल नहीं खुलते तब तक एनुअल चार्ज और डेवलोपमेन्ट फीस नहीं वसूलेंगे. याचिका में कहा गया की ट्यूशन फीस से जितना पैसा मिल रहा है उसमे स्कूलों का मौजूदा हालात में खर्चा चल सकता है. इसके अलावा शिक्षा निदेशालय के पास इस तरह के आदेश जारी करने का पूरा अधिकार है.


हालांकि स्कूलों की तरफ से कहा गया कि सिंगल जज के आदेश पर रोक न लगाई जाए, जिसमें शिक्षा निदेशालय के एनुअल फीस और डेवलोपमेन्ट चार्ज पर रोक लगाई थी. क्योंकि सरकार ने इस दौरान स्कूलों को किसी तरह की न तो कोई सहायता दी और न ही कोई राहत दी और इस बीच मे ऑनलाइन क्लास तो चल ही रहे हैं. मामले की अगली सुनवाई 10 जुलाई को होगी.


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