नई दिल्ली: जेएनयू हिंसा में पुलिस की फैक्ट फाइंडिंग टीम ने 5 जनवरी को कैंपस में हुई हिंसा से जुड़े कुछ तथ्य उजागर किये हैं, जिनमें पुलिस को पीसीआर कॉल कब कब मिली और पुलिस ने क्या किया, यह सब बताया गया है. पुलिस ने सुबह 8 बजे से रात 7:45 बजे तक की घटना का ब्यौरा दिया है.
- रविवार यानी 5 जनवरी को जेएनयू में हुई हिंसा को लेकर दिल्ली पुलिस की जांच शुरू हो चुकी है. फैक्ट फाइंडिंग टीम ने शुरुआती जांच में 5 जनवरी को सुबह 8:00 बजे से लेकर रात लगभग 7:45 बजे तक का सीक्वेंस ऑफ इवेंट जारी किया है.
1- पुलिस सूत्रों के अनुसार रविवार की सुबह 8:00 बजे से लेकर दोपहर 2:30 बजे तक किसी भी प्रकार की कोई पीसीआर कॉल नहीं मिली थी. लगभग 27 पुलिस कर्मचारी सादी वर्दी में एडमिनिस्ट्रेशन ब्लॉक के आसपास ड्यूटी पर तैनात थे. इन पुलिसकर्मियों ने रात्रि सेवा दे रहे पुलिस कर्मियों को रिलीव करवाया था. सभी पुलिसकर्मियों की जिम्मेदारी यह थी कि वे हाईकोर्ट के आदेश का पालन करवा सकें. जिसके तहत एडमिन ब्लॉक के 100 मीटर के दायरे में कोई भी व्यक्ति किसी भी प्रकार का कोई धरना प्रदर्शन आदि न कर सके.
2- दोपहर 2:30 से 3 बजे के दौरान लगभग 3:00 बजे पुलिस को पहली पीसीआर कॉल मिली, जो जेएनयू परिसर के अंदर झगड़े से संबंधित थी. पुलिस सूत्रों के अनुसार उपद्रवी/जेएनयू के छात्र जिनमें से अधिकतर ने अपने चेहरे को मफलर या फिर कपड़े से छुपाया हुआ था. छोटे-छोटे समूह में एडमिनिस्ट्रेशन बिल्डिंग के पास एकत्र होने लगे. सादी-वर्दीमें तैनात पुलिसकर्मियों ने इन सभी लोगों को वहां एकत्र होने से रोकने का काम किया.
3- दोपहर 3:45 से लेकर 4:15 के बीच पुलिस को 8 पीसीआर कॉल मिली, जिसमें सूचना दी गई थी कि पेरियार हॉस्टल में छात्रों पर हमला किया गया है. 40-50 उपद्रवी जिन्होंने अपने चेहरे मफलर या कपड़े से ढके थे, लाठी- डंडों से लैस होकर चिल्लाते हुए होस्टल में घुस कर छात्रों से मारपीट करते हैं. जो भी उनके रास्ते में आता है उसको निशाना बनाया जाता है. पुलिस सूत्रों के अनुसार उपद्रवियों ने पेरियार हॉस्टल में छात्रों के साथ मारपीट की. उनके कमरों की खिड़कियां और दरवाजे तोड़े गए. पुलिस ने किसी तरीके से उन लोगों को रोका.
4- शाम 4:15 से लेकर 6:00 के बीच में पुलिस को 14 पीसीआर कॉल मिली. जिनमें लड़ाई झगड़े आदि के बारे में सूचना दी गई थी. पुलिस ने जब उन सभी पीसीआर कॉल को वेरीफाई किया तो उस समय जेएनयू परिसर में इस तरह की कोई भी घटना सामने नहीं आई, जिसमें झगड़ा या फिर छात्रों के साथ मारपीट आदि की कोई घटना हुई हो या फिर छात्रों के एकत्र होने की बात सामने आई हो.
5- शाम को लगभग 7:00 से 7:30 बजे की बात करें तो 50 से 60 उपद्रवी अपने हाथों में डंडे और लाठी लेकर साबरमती ढाबा पहुंचते हैं. यह ढाबा पेरियार हॉस्टल से लगभग 200 मीटर की दूरी पर है. उपद्रवी साबरमती ढाबा में छात्रों को निशाना बनाते हुए उन पर लाठी-डंडों से हमला करते हैं. उसके बाद वे सभी साबरमती हॉस्टल में घुस जाते हैं और वहां पर भी कमरों के अंदर घुस के छात्रों को पीटते हैं. कमरों के खिड़की और दरवाजे भी तोड़ते हैं.
6- 7:45 बजे जेएनयू के रजिस्ट्रार प्रमोद कुमार पुलिस को एक रिक्वेस्ट लेटर सौंपते हुए यह मांग करते हैं कि पुलिस की संख्याबल बढ़ाया जाए और जेएनयू के परिसर में पुलिस को तैनात किया जाए. जिसके बाद वहां पर ज्यादा संख्या में पुलिसकर्मियों को तैनात किया जाता है और पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी परिसर के अंदर फ्लैग मार्च करते हैं. इसके बाद यूनिवर्सिटी परिसर में माहौल शांत हो जाता है.
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