नई दिल्ली: दिल्ली की एक अदालत ने निर्भया बलात्कार मामले के दोषियों के खिलाफ मंगलवार को मौत का वारंट जारी किया जिसके बाद पूरे देश ने निर्भया को न्याय मिलने पर राहत की सांस ली,लेकिन इसी के बीच कुछ जगहें ऐसी भी हैं जहां इस फैसले के बाद से सन्नाटा पसरा है और यह वह स्थान है जहां दोषियों के परिजन रहते हैं.

Continues below advertisement

दिल्ली की एक अदालत ने मंगलवार को आदेश दिया कि दोषियों - मुकेश (32), पवन गुप्ता (25), विनय शर्मा (26) और अक्षय कुमार सिंह (31) को 22 जनवरी की सुबह सात बजे तिहाड़ जेल में फांसी दी जाएगी.

दोषी विनय शर्मा के पिता राष्ट्रीय राजधानी के रविदास कैंप में छोटे और अंधेरे मकान का दरवाजा बंद करते हुए कहते हैं, ‘‘अब हमारे कहने के लिए कुछ भी नहीं बचा है, कृपया कर हमें अकेला छोड़ दीजिए.’’

Continues below advertisement

इलाके में सन्नाटा पसरा है. गुट बना कर बात कर रहीं कुछ महिलाएं कॉलोनी में किसी भी अजनबी चेहरे को देख की आशंकित हो गईं और कुछ भी कहने से बचती दिखाई दीं.

उनमें से एक महिला ने कहा,‘‘यहां सब ठीक है.’’

इलाके का कोई भी व्यक्ति बात करने से कतराता नजर आया और जिन्होंने बात की भी, तो बस इतनी कि ‘यहां सब ठीक है.’

मामले में दो दोषियों राम सिंह और मुकेश सिंह की मां इलाका छोड़ कर अपने परिवार के पास राजस्थान चलीं गई हैं. वहीं दोषी विनय शर्मा और पवन गुप्ता का परिवार वहीं झुग्गी बस्ती में रहता है.

पवन गुप्ता का परिवार जहां रहता है, वहां के लोग कुछ भी बोलने को तैयार नहीं हुए.

एक महिला मे कहा,‘‘ अगर मीडिया से बात करो को पवन की मां झगड़ा करती है. जब सब समाप्त हो जाएगा तो आप लोग तो चले जाओगे लेकिन हमें तो यहीं रहना है.’’

गुप्ता के परिवार ने भी बात करने से मना कर दिया.

उसी इलाके में एक दुकान के बाहर बैठे कुछ लोगों ने अदालत के फैसले की सराहना की.

उनमें से कुछ ने कहा कि अगर आपने गलत किया है तो आपको बख्शा नहीं जाएगा.

22 जनवरी की सुबह 7 बजे दोषियों को फांसी दी जाएगी

बता दें कि 7 साल बाद निर्भया गैंगरेप और हत्याकांड के दोषियों की फांसी की तारीख तय हो गई. देश को झकझोर कर रख देने वाले इस कांड के चारों दोषियों मुकेश, विनय, पवन और अक्षय को 22 जनवरी की सुबह 7 बजे फांसी दी जाएगी. दोषियों और उनके वकीलों ने आज भी फांसी टलवाने की पूरी कोशिश की. लेकिन जज ने और समय देने से मना कर दिया. डेथ वारंट पर दस्तखत करते वक्त जज ने कहा कि दोषी चाहें तो बचे हुए 14 दिन में किसी भी कानूनी विकल्प का इस्तेमाल कर सकते हैं.

16 दिसंबर 2012 को दिल्ली की सड़कों पर हुई थी दरिंदगी

16 दिसंबर 2012 को 23 साल की निर्भया अपने दोस्त के साथ रात के वक्त फिल्म 'लाइफ ऑफ पाई' देखकर लौट रही थी. दक्षिणी दिल्ली के मुनिरका इलाके में एक चार्टर्ड बस में सवार छह लोगों ने दोनों को अपनी बस में बैठा लिया. वादा था गंतव्य स्थल पर छोड़ने का, लेकिन नीयत में थी दरिंदगी. चलती बस में बारी-बारी से सभी छह लोगों ने निर्भया के साथ बलात्कार किया. विरोध करने पर उसके दोस्त को मारा पीटा गया. बलात्कार के दौरान वहशियों की दरिंदगी का आलम यह था कि उन्होंने पीड़िता के अंग में लोहे का सरिया डाल दिया दिया. इससे उसकी आंत बाहर आ गई. इसके बाद चलती बस से दोनों को फेंक दिया गया.

निर्भया कांड: तिहाड़ पहुंचा डेथ वारंट, दोषियों को फांसी देने यूपी से आ सकता है जल्लाद

Nirbhaya के आरोपियों की फांसी मुकर्रर, Tihar jail प्रशासन ने शुरू की तैयारी