Satyendar Jain Bail: सुप्रीम कोर्ट ने मनी लॉन्ड्रिंग के एक मामले में बीते एक साल जेल में बंद सत्येंद्र जैन को 6 हफ्तों की अंतरिम जमानत दे दी है. उनको यह जमानत स्वास्थ्य आधार पर गिरती हुई सेहत में सुधार के लिए दिया गया है. बीते कुछ दिनों से जैन की तबियत खराब थी. गुरुवार (25 मई) को वह जेल के वाशरूम में चक्कर खाकर गिर पड़े थे जिसके बाद उनको एलएनजेपी अस्पताल में भर्ती कराया गया. 


सुप्रीम कोर्ट में उनकी जमानत को लेकर की जाने वाली सुनवाई का ईडी ने विरोध किया. ईडी की तरफ से पेश वकील ने कहा सत्येंद्र जैन दिल्ली सरकार में जेल और स्वास्थ्य मंत्री रह चुके हैं लिहाजा एलएनजेपी अस्पताल की रिपोर्ट पर भरोसा नहीं किया जा सकता है. हमारी मांग है कि एम्स के डॉक्टरों का एक स्वत्रंत मेडिकल बोर्ड उनके स्वास्थ्य की जांच करे और उसके आधार पर अगर ऐसा लगता है कि उनको जमानत दी जानी चाहिए तो अदालत अपना फैसला लेने के लिए स्वतंत्र है. 


ईडी की तरफ से पेश वकील को सुनने के बाद कोर्ट ने सत्येंद्र जैन को 6 हफ्तों को अंतरिम जमानत दे दी. कोर्ट ने उनको सशस्त्र जमानत दी है. 


अदालत की कार्यवाही में क्या हुआ?
अदालत में सत्येंद्र जैन की जमानत याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में अभिषेक मनु सिंघवी पेश हुए. उन्होंने कहा, मैं आज सिर्फ स्वास्थ्य आधार पर जमानत दिए जाने की मांग कर रहा हूं. इस पर ईडी की तरफ से पेश हुए एडिशनल सॉलिसीटर जनरल पी एस राजू ने कहा, एम्स के पैनल की तरफ से स्वास्थ्य जांच हो. हम LNJP की रिपोर्ट पर भरोसा नहीं कर सकते है, यह दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री रहे हैं, डॉक्टरों को जानते हैं. इनकी जांच एम्स या RML के पैनल से जांच की जाए. 


सिंघवी- वह 1 साल से जेल में हैं, उनका स्वास्थ्य बिगड़ चुका है. तिहाड़ के सभी कैदियों की जांच LNJP में ही होती है.


जज ईडी से- यह कहने की क्या वजह है कि आप हमारे सामने दी गई रिपोर्ट पर भरोसा नहीं करते. 


ASG- मंत्री के केस में हम उस पर भरोसा नहीं कर सकते, जैन स्वास्थ्य मंत्री भी थे और जेल मंत्री भी थे. उनके लिए दोनों जगह से अपने लिए रिपोर्ट ले लेना आसान था. जब हाई कोर्ट में हमने एम्स से जांच की मांग की थी, तो इन्होंने याचिका ही वापस ले ली थी और खुद को एलएनजेपी से डिस्चार्ज भी करवा लिया था. अगर इतने बीमार थे, तो ऐसा क्यों किया था?


सिंघवी- यह 2020 का आदेश पढ़ रहे हैं. आज की रिपोर्ट देखिए अगर उनको स्वास्थ्य आधार पर जमानत मिलती भी है, तो स्वस्थ होकर 1-2 महीने में फिर जेल जा सकते हैं. 35 kg वजन गिर चुका है उनको मानवीय आधार पर जमानत दी जाए, उन्होंने कहा, उनको रीढ़ की भी समस्या है.


ASG- उन्होंने कहा, उनको यह बीमारी पहले से थी. वजन गिरने की वजह उपवास रखना है. अपने धर्म के हिसाब से वह उपवास रखते हैं


जज- हम स्वास्थ्य आधार पर ज़मानत दे रहे हैं. 6 हफ्ते की अंतरिम जमानत. निजी हस्पताल में इलाज करवा सकते हैं. जमानत की शर्तें निचली अदालत तय करे. सत्येंद्र जैन केस के गवाहों को प्रभावित करने की कोशिश नहीं करें. कोर्ट की अनुमति के बिना दिल्ली से बाहर नही जाएं. जो इलाज करवा रहे हैं, उसकी रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट को भी दी जाए. उनके मामले की अगली सुनवाई 10 जुलाई को की जाए, साथ ही जैन प्रेस या मीडिया को कोई बयान नहीं दें. 


जज- स्वतंत्र स्वास्थ्य जांच पर अगली सुनवाई में फैसला लेंगे.