Delhi Excise Policy: मनीष सिसोदिया को आज (6 मार्च) दोपहर राउज एवेन्यू कोर्ट (Rouse Avenue Court) में पेश किया जाएगा. दिल्ली शराब नीति मामले में गिरफ्तारी के बाद आम आदमी पार्टी (AAP) के वरिष्ठ नेता एक सप्ताह से सीबीआई की हिरासत में हैं. माना जा रहा है कि यहां से उन्हें ज्यूडिशियल कस्टडी में भेजा जा सकता है.


मनीष सिसोदिया मामले से जुड़े 10 बड़ी बातें यहां पढ़िए-



  • गिरफ्तारी के बाद सिसोदिया को पांच दिनों के लिए सीबीआई की हिरासत में भेज दिया गया था. उन्हें शनिवार (4 मार्च) को अदालत में पेश किया गया था. जब जज एमके नागपाल ने उन्हें सीबीआई की दो और दिन की हिरासत में भेज दिया था. हालांकि CBI ने कोर्ट से तीन दिन के लिए उनकी कस्टडी मांगी थी. 

  • कोर्ट ने कहा कि आप (AAP) ने सिसोदिया की जमानत के लिए आवेदन किया है और उसके अनुरोध पर अब शुक्रवार (10 मार्च) को विचार किया जाएगा. सूत्रों ने कहा कि सीबीआई अब सिसोदिया की और हिरासत की मांग नहीं कर सकती है. सीबीआई उनके लिए केवल 14 दिनों की न्यायिक हिरासत की सिफारिश कर सकती है. 

  • 51 साल के मनीष सिसोदिया ने अपनी जमानत याचिका में कहा है कि उनसे एक ही सवाल बार-बार पूछा जा रहा था और इससे उन्हें मानसिक प्रताड़ना मिल रही थी. वहीं, सीबीआई का कहना है कि सिसोदिया जांच में सहयोग नहीं कर रहे हैं. 

  • सिसोदिया के वकील ने कहा कि उन्हें हिरासत में रखने से कोई फायदा नहीं होगा क्योंकि मामले में सभी बरामदगी की जा चुकी है. उन्होंने यह भी कहा कि जांच पूरी करने में "एजेंसी की अक्षमता" को रिमांड के लिए आधार नहीं बनाया जा सकता है. 

  • राउज एवेन्यू कोर्ट ने सीबीआई कहा है कि सिसोदिया से एक ही सवाल बार-बार न पूछा जाए. अगर सीबीआई के पास कोई नया सवाल है तो उनसे पूछिए. 

  • सीबीआई ने अपनी ओर से कहा कि सिसोदिया पूछताछ के दौरान असहयोगी और टालमटोल कर रहे हैं. उन्होंने उनकी मेडिकल जांच में समय बर्बाद होने और सुप्रीम कोर्ट में उनकी जमानत याचिका पर सुनवाई का भी हवाला दिया. 

  • आप नेता ने अपनी गिरफ्तारी के बाद राहत के लिए सुप्रीम कोर्ट का भी दरवाजा खटखटाया था. सुप्रीम कोर्ट ने हालांकि हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया और उन्हें हाई कोर्ट का रुख करने के लिए कहा था.  

  • सिसोदिया पर शराब नीति में भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं, जिसे दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना की तरफ से सीबीआई जांच की सिफारिश के बाद रद्द कर दिया गया था. 

  • अरविंद केजरीवाल सरकार पर नियमों को तोड़ने और शराब की दुकान के लाइसेंसधारियों को अनुचित लाभ प्रदान करने का आरोप लगाया गया था. 

  • दिल्ली सरकार ने आरोपों को खारिज करते हुए कहा है कि बीजेपी राजनीतिक उद्देश्यों के लिए जांच एजेंसियों का दुरुपयोग कर रही है. केजरीवाल ने कहा है कि अब रद्द की जा चुकी शराब नीति "देश की सबसे पारदर्शी नीति" है.