Delhi News: दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने शुक्रवार को दावा किया कि केंद्र सरकार ने ऑक्सीजन की कमी की वजह से हुई मौतों की जाँच के लिए कमेटी बनाने का प्रस्ताव फिर से नामंज़ूर कर दिया है.


उन्होंने कहा कि एक तरफ़ तो राज्यों से O2 की कमी से हुई मौत का आंकड़ा मांगने का ड्रामा करते है, दूसरी तरफ़ जाँच कमेटी को रुकवा देते है. आख़िर क्या छिपाना चाहतों है केंद्र सरकार?


सिसोदिया ने कहा, ''हम इससे इनकार नहीं कर रहे कि दिल्ली में ऑक्सीजन की कमी से मौत नहीं हुई है, लेकिन केंद्र इसे छुपाना चाहता है. उपराज्यपाल ने कोविड-19 की दूसरी लहर के दौरान ऑक्सीजन की कमी से संबंधित मौतों की जांच के लिए पैनल गठित करने के प्रस्ताव को फिर से ठुकरा दिया है.''


उपमुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘हमने ऑक्सीजन की कमी के कारण हुई मौतों की जांच को लेकर एक पैनल के गठन के लिए एक फाइल फिर से भेजी थी. उपराज्यपाल कह रहे हैं कि इसकी कोई जरूरत नहीं है.’’


सिसोदिया ने दावा किया कि अप्रैल और मई में चिकित्सकीय ऑक्सीजन के कुप्रबंधन के लिए केंद्र जिम्मेदार था और यह जानबूझकर किया गया था या गलती थी, यह जांच का विषय है. सिसोदिया ने कहा कि केंद्र को यह स्वीकार करना होगा कि वह ऑक्सीजन संकट के लिए जिम्मेदार है.


उपमुख्यमंत्री ने पिछले हफ्ते केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया को पत्र लिखा था कि जांच के बिना यह पता लगाना मुश्किल है कि क्या कोविड-19 की दूसरी लहर के दौरान ऑक्सीजन की कमी से कोई मौत हुई थी, और दिल्ली सरकार विशेषज्ञ पैनल के गठन के लिए उपराज्यपाल से नए सिरे से मंजूरी मांग रही है.


दिल्ली सरकार ने जून में कोविड-19 की दूसरी लहर के दौरान ऑक्सीजन की कमी के कारण होने वाली मौतों की जांच के लिए चार सदस्यीय विशेषज्ञ समिति का गठन किया था. उपराज्यपाल ने समिति को खारिज कर दिया था.


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