नई दिल्ली: उत्तरी दिल्ली के सब्जी मंडी, मालकागंज इलाके में आज सुबह 11:50 पर एक इमारत के धवस्त होने से अफरा-तफरी मच गई. हादसे के बाद आम लोगों ने बिल्डिंग में बड़े लोगों को निकालने का काम शुरू किया लेकिन उनका आरोप है कि प्रशासन की तरफ से लापरवाही दिखी.


जेसीबी की मशीन जिसकी मलबा हटवाने में अहम भूमिका है करीब डेढ़ घंटे की देरी से पहुंची. मलबे से 2 बच्चों और एक पान की दुकान पर बैठने वाले व्यक्ति को हिंदू राव अस्पताल ले जाया गया लेकिन दोनो बच्चों को बचाया नहीं जा सका. मृतक बच्‍चों की उम्र 12 साल और 7 साल बताई जा रही है. दोनों भाई थे और मलबे से बाहर निकालकर उन्हें अस्‍पताल पहुंचाया गया जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया.


72 साल की बुजुर्ग की भी हुई मौत


आशंका है कि अभी भी मलबे में कई लोग दबे हुए हो सकते हैं. पुलिस के अनुसार 2 बच्चों के अलावा, 72 साल के एक बुजुर्ग को मलबे से बाहर निकाला गया जिनकी भी मृत्यु हो गई. मृतक बुजुर्ग की पहचान रामजी दास के रूप में हुई है. वहीं, अभी तीन से चार लोगों के मलबे में दबे होने की आशंका जतायी जा रही है.




ट्यूश्न से घर लौट रहे थे मृतक बच्चे


बता दें, दिल्ली के मलकागंज में जहां बिल्डिंग गिरी वहां से ट्यूशन के बाद दो बच्चे अपनी मां के साथ घर जा रहे थे. अचानक बिल्डिंग के ध्वस्त होने से मां आयुषी गुप्ता और पिता नितिन गुप्ता की दोनों संतानों की मृत्यु हो गई. बड़े बेटे साम्य की उम्र 12 वर्ष थी वहीं छोटा बेटा प्रियांशु 7 वर्ष का था.


बताया जा रहा है मृतक की मां बेहोशी की हालत में अपने बच्चों का नाम लेकर पुकार रही है और उनसे मिलने की बात परिवार वालों से कर रही है लेकिन लेकिन सदमे की आशंका को ध्यान में रखते हुए परिवार ने फिलहाल बच्चों की मृत्यु की बात उन्हें नही बताई है. वहीं बच्चों के परिजन का अस्पताल में रो-रो कर बुरा हाल है.


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