नई दिल्ली: दिल्ली विधानसभा के मानसून सत्र के दूसरे दिन कोरोना के दौरान अपनी जान दांव पर लगाकर लोगों की सेवा करने के लिए डॉक्टर्स और पैरामेडिकल स्टाफ को पद्म पुरस्कारों से सम्मानित करने का प्रस्ताव सदन में रखा गया जिसे ध्वनिमत से पारित किया गया. सत्र के आखिरी दिन आम आदमी पार्टी के विधायक सौरभ भारद्वाज ने सदन के पटल पर ये प्रस्ताव रखा. इस दौरान सौरभ भारद्वाज ने सदन में 'भारतीय डॉक्टर को सामूहिक रूप से भारत रत्न दिया जाए’ का संशोधन प्रस्ताव भी रखा, जिसका मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने समर्थन करते हुए कहा कि अगर भारतीय डॉक्टर को सामूहिक रूप से भारत रत्न से नवाजा जाता है, तो पूरे देश को खुशी होगी और पूरी मेडिकल बिरादरी का हौसला बढ़ेगा.


डॉक्टर्स और पैरामेडिकल स्टाफ ने अपनी जान दांव पर लगाकर लोगों की सेवा- केजरीवाल


सदन में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने डॉक्टरों और पैरामेडिकल स्टाफ को भारत सरकार द्वारा पद्म पुरस्कारों से सम्मानित करने के प्रस्ताव का समर्थन किया और कहा कि हम सब लोगों ने देखा कि पिछले डेढ़ साल से हमारा देश ही नहीं, पूरी दुनिया कोरोना की महामारी से जूझ रही है. इस दौरान हमारे डॉक्टर्स और पैरामेडिकल स्टाफ ने अपनी जान दांव पर लगाकर लोगों की सेवा की. कई ऐसे डॉक्टर्स थे जो अपने परिवार की परवाह किए बिना, अपनी जिंदगी की परवाह किए बिना, दूसरों की लगातार सेवा करते रहे. ऐसे वक्त में जब अपने परिवार के लोग कोरोना के मरीज को छूने को तैयार नहीं थे, उस वक्त डॉक्टर्स ने उनकी लगातार सेवा की. ऐसे में पूरे समाज का और पूरे देश का फर्ज बनता है कि हम अपने डॉक्टर्स, नर्सेज और पैरामेडिकल स्टाफ का धन्यवाद करें और उनको उचित सम्मान दें..


सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली सरकार ने समय-समय पर जितना हो सका आगे बढ़कर डॉक्टर्स का साथ दिया. जब कोरोना की शुरुआत थी, उस वक्त तय हुआ कि 15 दिन डॉक्टर काम करेंगे और उसके बाद उनको क्वारंटीन में रहना पड़ेगा जिसमे बाद वह अपने घर जा सकते हैं. उस वक्त दिल्ली सरकार ने फाइव स्टार होटल में उनके रहने का इंतजाम किया.  शायद दिल्ली सरकार पूरे देश में ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में अकेली सरकार थी, जिसने डॉक्टर्स के रहने का फाइव स्टार होटल में इंतजाम किया था. दिल्ली सरकार ने एक निर्णय लिया कि हम अगर कोई भी आदेश बिना डॉक्टर्स और पैरामेडिकल स्टाफ की सलाह के जारी नहीं करेंगे.  जितने भी आदेश जारी किए गए वह सरकारी और प्राइवेट हॉस्पिटल के डॉक्टर और मेडिकल बिरादरी के साथ सलाह करके पारित किए गए. हमें इस पूरी महामारी के दौरान प्राइवेट अस्पतालों, सरकारी अस्पतालों  और पूरी मेडिकल बिरादरी से पूरा सहयोग मिला.


ड्यूटी के दौरान डॉक्टर की मौत पर परिजनों को मिलेगी 1 करोड़ की मदद- केजरीवाल


सीएम अरविंद केजरीवाल ने आगे कहा कि जब हमने यह घोषणा की कि कोई भी डॉक्टर या फ्रंट लाइन वर्कर कोरोना डयूटी करते हुए कोरोना के कारण शहीद हो जाता है तो उनके परिवार को एक करोड़ रुपए की सहायता राशि दी जाएगी. पूरी दुनिया के अंदर शायद दिल्ली सरकार अकेली ऐसी सरकार है, जिसने ऐसा आदेश पारित किया. इससे हमारे सभी डॉक्टर्स, पैरामेडिकल स्टाफ और फ्रंटलाइन वर्कर्स का मनोबल बढ़ा. उन्हें यह लगा कि यह ऐसी सरकार है, जो हमारे साथ खड़ी है. दिल्ली के डॉक्टर्स ने खासकर बहुत लगन के साथ काम किया. एक-एक फ्रंटलाइन वर्कर जिनके भी केस आए, हमने एक नहीं कई मामलों में एक करोड़ रुपए की धनराशि दी है. मैं खुद हर एक के घर पर जाकर उनके परिवार के लोगों को वह धनराशि देकर आया.


सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली सरकार ने एक और निर्णय लिया है. हर साल हमारा देश अलग-अलग क्षेत्रों के अंदर चुनिंदा लोगों को पद्म अवार्ड से सम्मानित करता है. इसके लिए केंद्र सरकार अलग-अलग राज्य सरकारों से ऐसे चुनिंदा लोगों के नाम मांगती है. दिल्ली सरकार ने निर्णय लिया है कि इस बार हम केवल डॉक्टर्स और पैरामेडिकल स्टाफ के नाम पद्म अवॉर्ड्स के लिए अनुशंसित करेंगे. हमें केंद्र सरकार को 15 अगस्त तक यह नाम भेजने है. इसमें कोई खुद का नाम भी अनुशंसित कर सकता है और किसी दूसरे के नाम की भी अनुशंसा कर सकता है. तीन दिन पहले हम लोगों ने ईमेल एड्रेस जारी किया था और आज इस सदन को बताते हुए मुझे बेहद खुशी है कि तीन दिन के अंदर हमारे पास करीब 2100 डॉक्टर्स के नाम आ चुके हैं.


जिन डॉक्टर्स के नाम पद्म अवार्ड के लिए भेजे जाएं, उन्हें सम्मानित किया जाए- केजरीवाल


अरविंद केजरीवाल ने प्रस्ताव का समर्थन करते हुए कहा कि हम सदन की तरफ से केंद्र सरकार से निवेदन करते हैं जिन-जिन डॉक्टर्स के नाम पद्म अवार्ड के लिए भेजे जाएं, उन्हें पद्म अवार्ड से सम्मानित किया जाए. मैं केवल दिल्ली की बात नहीं कर रहा हूं, पूरे देश भर से इस बार जिन-जिन डॉक्टर्स के नाम आएं, उन सब लोगों को पद्म अवार्ड से सम्मानित किया जाए. साथ ही, सौरभ भारद्वाज ने इसमें जोड़ा है कि यह सदन अनुशंसा करता है कि भारतीय डॉक्टर को सामूहिक रूप से भारत रत्न दिया जाए. मुझे लगता है यह बहुत जरूरी है. इसमें जब हम भारतीय डॉक्टर की बात करते हैं, तो इसमें देशभर के सारे डॉक्टर, देश भर के सारे पैरामेडिक्स स्टाफ, नर्सेज वार्ड बॉयज, इसमें सब आते हैं. हम सब लोग, यह पूरा देश उन सबको सम्मानित करना चाहता है. उन सबको धन्यवाद करना चाहता है. जितने लोग शहीद हो गए, उनको श्रद्धांजलि देना चाहता है. अगर ऐसा होता है कि भारतीय डॉक्टर को भारत रत्न से नवाजा जाता है, तो पूरा देश इसके साथ है और पूरा देश ऐसा चाहता है. पूरी मेडिकल बिरादरी का हौसला बढ़ेगा कि हमारे देश ने हमारा सम्मान किया.


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