Kejriwal Sheesh Mahal: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) इन दिनों सीएम आवास के रिनोनेशन को लेकर विवादों में घिर गए हैं. बीजेपी ने दावा कर कहा था कि केजरीवाल ने रिनोवेशन में 45 करोड़ रुपये खर्च किए तो वहीं अब कांग्रेन नेता अलका लांबा ने भी सवाल खड़े करते हुए कहा कि इन्होंने सरकारी आवास की सजावट में जनता का पैसा फूंक डाला. 


अलका लांबा ने कहा, "सीएम अरविंद केजरीवाल सवालों के घेरे में हैं शायद इसलिए खामोश हैं. रामलीला मैदान से भ्रष्टाचार के खिलाफ निकली इस पार्टी के सत्ता तक पहुंचते-पहुंचते कथनी करनी और तेवर बदल गए." कांग्रेस नेता ने कहा, रामलीला मैदान में इन्होंने (सीएम केजरीवाल) ने कहा था कि हम सत्ता में आएंगे तो शीला दीक्षित की तरह महल बंग्ला नहीं लेंगे, दो कमरों के मकान में रहेंगे. लेकिन अब दिल्ली के सीएम ने 1-2 करोड़ रुपये नहीं 45 करोड़ रुपये अपने सरकारी आवास की सजावट में जनता को फूंक डाले हैं. तल्ख अंदाज में अलका लांबा ने कहा, ये वही आम आदमी पार्टी है जिसके दो नेता भ्रष्टाचार में सलाखों के पीछे हैं. अगर थोड़ी से भी नैतिकता है तो देश के सामने आकर बोले कि मैंने आपसे झूठ बोला, गुमराह किया और आपसे माफी मांगता हूं.


आम आदमी पार्टी ने दिया जवाब


इससे पहले, बीजेपी ने आरोप लगाया था कि सीएम केजरीवाल ने अपने सरकारी आवास पर 45 करोड़ रुपये रिनोवेशन के नाम पर खर्च कर दिए हैं. हालांकि आम आदमी पार्टी ने इसके जवाब में कहा कि सीएम के सरकारी आवास पर पहले कई बार टूट-फूट की घटनाएं सामने आती रही जिसके चलते इसमें रिनोवेशन का काम किया गया है. ये उनका कोई निजी आवास नहीं है बल्कि ये सरकारी आवास है जिस पर ये काम हुआ है. वहीं, मामले को तूल पकड़ता देख अब उप राज्यपाल ने भी मुख्य सचिव से इस पूरे मामले में 15 दिन के अंदर जांच रिपोर्ट मांगी है.


'8 लाख के परदे?' - मनोज तिवारी


बीजेपी सांसद मनोज तिवारी ने अरविंद केजरीवाल को चैलेंज करते हुए कहा, अगर केजरीवाल में दम है तो एबीपी न्यूज़ के कैमरे को अपने घर में दाखिल होने दें और सच्चाई लोगों के सामने आने दें. मनोज तिवारी ने रिनोवेशन में 44.78 करोड़ रुपए के घर की अपने घर से तुलना करते हुए कहा, ऐसा क्या है अरविंद केजरीवाल के घर में? लाखों के सोफे, परदे 8 लाख के, हमारे घर में परदे 250 के हैं. ये कौन सी राजशाही है? कौन सी मानसिकता है? उन्होंने कहा, सीएम केजरीवाल जनता की आंखों में धूल झोंकने का काम कर रहे हैं. इनकी नियति इतनी गंदी है कि जब यमुना को साफ करना था तो करोड़ों के सामान अपने घर में लगा रहे थे. 20 लाख के टीवी कैसे ले आए? मनोज तिवारी ने कहा, ऑक्सीजन से जब लोग मर रहे थे तब अरविंद केजरीवाल शीशमहल बना रहे थे. 


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