नई दिल्ली: दिल्ली और महाराष्ट्र समेत कई राज्यों में कोरोना वैक्सीन की कमी की शिकायतें मिल रही है. इस बीच दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने आज कहा कि कोविड के टीकों के लिए राज्यों के, अंतरराष्ट्रीय बाजार में एक-दूसरे से झगड़ने और प्रतियोगिता करने से भारत की छवि 'खराब' होती है. उन्होंने कहा कि केंद्र को राज्यों की तरफ से टीकों की खरीद करनी चाहिए.


अरविंद केजरीवाल ने एक ट्वीट में कहा, “भारतीय राज्यों को अंतरराष्ट्रीय बाजार में एक-दूसरे से प्रतियोगिता करने/ लड़ने के लिए छोड़ दिया गया है. उत्तर प्रदेश महाराष्ट्र से, महाराष्ट्र ओडिशा से, ओडिशा दिल्ली से लड़ रहा है. भारत कहां है? भारत की कितनी खराब छवि बनती है. भारत को एक देश के तौर पर सभी भारतीय राज्यों की तरफ से टीकों की खरीद करनी चाहिए.”


एक अन्य ट्वीट में उन्होंने कहा कि भारत द्वारा टीका उत्पादन कर रहे देशों का रुख करने से अधिक सौदेबाजी की शक्ति मिलेगी बजाय राज्यों द्वारा व्यक्तिगत रूप से ऐसा करने के. उन्होंने कहा कि भारत सरकार के पास ऐसे देशों के साथ मोल-भाव करने के लिए अधिक कूटनीतिक संभावना है.






इस मुद्दे को आज दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येन्द्र जैन ने केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन के साथ में बैठक में भी उठाया. उन्होंने कहा, ''केन्द्र को टीके के दाम तय करने चाहिये. कंपनियों को संकट के दौरान भारी मुनाफा कमाने की छूट नहीं दी जा सकती.''


मंत्री ने कहा कि उन्होंने डॉ हर्षवर्धन से अनुरोध किया कि टीकों का उत्पादन बढ़ाने के लिये इनका फॉर्मूला अन्य कंपनियों के साथ साझा किया जाना चाहिये. उन्होंने कहा, ''हमें टीकों की वैश्विक निविदा आमंत्रित नहीं करनी चाहिये. राज्य अलग से निविदा आमंत्रित क्यों करें? इससे देश की बदनामी होगी.''


बता दें कि दिल्ली, महाराष्ट्र, कर्नाटक और तेलंगाना सहित कई राज्यों/केन्द्र शासित प्रदेशों ने हाल ही में घरेलू उत्पादन से मांग पूरी नहीं होने की स्थिति में कोविड-19 रोधी टीके की खरीद के लिए वैश्विक निविदा जारी करने का फैसला लिया है.


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