Delhi LG vs Arvind Kejriwal: द‍िल्‍ली सरकार ने उपराज्यपाल (एलजी) की शक्‍त‍ियों को सोमवार (4 मार्च, 2024) को एक बार फ‍िर से सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है. केजरीवाल सरकार की ओर से यह याच‍िका राज्य के लिए वकील नियुक्त करने की एलजी को दी गईं शक्तियों के खिलाफ दायर की गई ज‍िस पर शीर्ष अदालत ने केंद्र सरकार और दिल्ली के उपराज्यपाल (एलजी) से जवाब मांगा गया है. 


बार एंड बेंच की र‍िपोर्ट के मुताब‍िक, सुप्रीम कोर्ट में दायर याच‍िका में दिल्ली सरकार ने कहा कि संवैधानिक अदालतों में राज्य का प्रतिनिधित्व करने वाले वकीलों की फीस तय करने की शक्ति भी उपराज्यपाल को दी गई है, जिससे चुनी हुई सरकार पंगु हो गई है. 


शीर्ष अदालत ने एनसीटी दिल्ली सरकार बनाम भारत संघ और अन्य के मामले में न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता की पीठ ने दिल्ली सरकार के वरिष्ठ अध‍िवक्‍ता श्याम दीवान और सिद्धार्थ दवे को सुनने के बाद नोटिस जारी किया. 


केंद्र सरकार ने 2017 में न‍िकाला था ऑफ‍िस मेमोरेंडम 


द‍िल्‍ली सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में केंद्र सरकार के उस ऑफ‍िस मेमोरेंडम को चुनौती दी है जोक‍ि 10 अगस्त, 2017 को जारी क‍िया गया था. सरकार ने कोर्ट को अवगत कराया क‍ि इस कार्यालय ज्ञापन के जर‍िए केंद्र सरकार ने चुनी हुई सरकार को पंगु बनाने का प्रयास क‍िया गया है.


एलजी-द‍िल्‍ली सरकार के बीच इन मामलों पर भी टकराव 
 
सरकार की ओर से दायर याच‍िका में केंद्र सरकार और दिल्ली सरकार के सुप्रीम कोर्ट में लंब‍ित मामलों का भी ज‍िक्र क‍िया गया. इसमें दोनों के बीच पॉवर को लेकर टकराव, खासकर राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) अफसरों समेत सर्व‍िसेज व‍िभाग पर नियंत्रण आद‍ि से संबंध‍ित मामले शाम‍िल हैं. 


द‍िल्‍ली सरकार ने अपनी दलील में केंद्र की ओर से वकीलों की नियुक्ति और फीस तय करने की शक्ति अपने पास रखने के न‍िर्णय को कानून के बुनियादी सिद्धांतों का उल्लंघन बताया है. 


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