Defence Minister Rajnath Singh: सोमवार को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) मसूरी स्थित लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासन अकादमी (LBSNAA) में 28वें संयुक्त सिविल-सैन्य प्रशिक्षण कार्यक्रम (Joint Civil-Military Training Program) को संबोधित कर रहे थे. रक्षा मंत्री ने कहा कि सैन्य हमलों से सुरक्षा के सामान्य पहलू में बहुत से गैर-सैन्य पहलू जोड़े जाने से राष्ट्रीय सुरक्षा की अवधारणा का विस्तार हुआ है.


राजनाथ सिंह ने रूस-यूक्रेन युद्ध और इसी तरह के अन्य संघर्षों को दुनिया के सामने वर्तमान में आने वाली पारंपरिक युद्ध से परे चुनौतियों का प्रमाण बताया. उन्होंने कहा कि एक बड़ा युद्ध एक देश के लिए उतना ही घातक है जितना कि यह अपने दुश्मनों के लिए है. इसलिए, पिछले कुछ दशकों में व्यापक युद्धों को टाला गया है. उनको परोक्ष और गैर-लड़ाकू युद्धों द्वारा लड़ा गया है.


शांतिप्रिय देश है भारत
प्रौद्योगिकी, सप्लाई लाइन, सूचना, ऊर्जा, व्यापार व्यवस्था, वित्त व्यवस्था आदि को अस्त्र के रूप में प्रयोग किया जा रहा है, जिसका इस्तेमाल आने वाले समय में हमारे खिलाफ हथियार के रूप में किया जा सकता है. सुरक्षा चुनौतियों के इस व्यापक दायरे से निपटने के लिए लोगों के सहयोग की जरूरत है. उन्होंने इन चुनौतियों से निपटने के लिए 'संपूर्ण राष्ट्र', 'संपूर्ण सरकार' और उससे आगे 'संपूर्ण समाज' दृष्टिकोण को अपनाने की आवश्यकता पर जोर दिया. रक्षा मंत्री ने कहा कि भारत एक शांतिप्रिय देश है, लेकिन बुरी नजर डालने वाले को मुंहतोड़ जवाब भी देगा.


ग्रे जोन के संघर्ष पर क्या बोले रक्षा मंत्री?
रक्षा मंत्री ने राष्ट्रीय सुरक्षा को और मजबूत करने तथा ग्रे जोन संघर्षों से निपटने के लिए सिविल प्रशासन और सशस्त्र बलों की अधिक से अधिक सहयोग का आह्वान किया है, जो लगातार विकसित हो रही वैश्विक स्थिति से उत्पन्न हो सकते हैं. रक्षा मंत्री ने जोर देकर कहा कि सरकार द्वारा चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ के पद के सृजन और सैन्य मामलों के विभाग की स्थापना के साथ सिविल-सैन्य संयुक्तता की पूर्ण प्रक्रिया शुरू की गई है.


मेक इंडिया पर क्या बोले रक्षामंत्री राजनाथ?
उन्होंने कहा कि ये फैसले देश को भविष्य के लिए तैयार करने में सहायक साबित हो रहे हैं, यहां तक कि व्यापक युद्ध के लिए भी. उन्होंने कहा कि सशस्त्र बलों के आधुनिकीकरण और रक्षा क्षेत्र को 'आत्मनिर्भर' बनाने के लिए उठाए गए कदमों के परिणाम मिलने शुरू हो गए हैं. रक्षा मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मेक इन इंडिया, मेक फॉर द वर्ल्ड परिकल्पना के अनुरूप अब भारत न केवल अपने सशस्त्र बलों के लिए उपकरणों का निर्माण कर रहा है, बल्कि मित्र देशों की जरूरतों को भी पूरा कर रहा है.


सेना और सिविल प्रशासन पर क्या बोले रक्षामंत्री राजनाथ?
रक्षा मंत्री (defence Minister) के मुताबिक जब तक हाइब्रिड खतरों से निपटने के लिए सिविल प्रशासन (Civil Administration) और सशस्त्र बलों के बीच के मसलों को दूर नहीं किया जाता है, तब तक राष्ट्र भविष्य की चुनौतियों का सामना करने के लिए पर्याप्त तैयारी की.


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