Shanghai Cooperation Organization Countries: भारत की मेजबानी में शंघाई सहयोग संगठन देशों के रक्षा मंत्रियों का जमावड़ा आज से नई दिल्ली में होगा. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह 28 अप्रैल को होने वाली इस बैठक की अध्यक्षता करेंगे. साथ ही इस बैठक के लिए आ रहे चीनी रक्षा मंत्री ली शेंगफू के साथ उनकी द्विपक्षीय मुलाकात भी होगी.


बैठक के लिए चीन, कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, रूस, ताजिकिस्तान, उज्बेकिस्तान के रक्षा मंत्री भाग लेने पहुंच रहे हैं. साथ ही भारत ने बेलारूस, ईरान समेत एससीओ पर्यवेक्षक देशों के रक्षा मंत्रियों को भी आमंत्रित किया है. बैठक में पाकिस्तान के रक्षा मंत्री वर्चुअल तरीके से भाग लेंगे. 


भारत के रक्षा मंत्री करेंगे कई अहम बैठक


रक्षा मंत्रालय के मुताबिक भारत की अगुवाई में एससीओ देशों के रक्षा मंत्री क्षेत्रीय शांति, सुरक्षा के अलावा SCO के इलाके में आतंकवाद विरोधी प्रयासों पर भी बात करेंगे. साथ ही रक्षा मंत्रालय की तरफ से जारी बयान के मुताबिक बैठक में बहुपक्षीय सहयोग को मजबूत करने के उपायों पर भी मंथन होगा.


इस बैठक के लिए आ रहे विभिन्न देशों के रक्षा मंत्री के साथ भारत के रक्षा मंत्री 27 और 28 अप्रैल, 2023 को क़ई अहम द्विपक्षीय बैठकें भी करेंगे. जहां द्विपक्षीय रक्षा संबंधी मुद्दों और आपसी हित के अन्य मामलों पर चर्चा की जाएगी. इस कड़ी में सबसे अहम मुलाकात भारत और चीन के रक्षा मंत्रियों की होनी है. सूत्रों के मुताबिक गुरुवार शाम 4-7 के बीच चीनी रक्षा मंत्री से उनकी मुलाकात सम्भव है.


भारत-चीन सीमा विवाद के बीच...


भारत और चीन के बीच मई 2020 से चल रहे सीमा तनाव के बीच यह पहला मौका होगा जब चीनी रक्षा मंत्री भारत की यात्रा पर होंगे. साथ ही भारतीय ज़मीन पर भी लंबे अरसे बाद दोनों देशों के रक्षा मंत्री एक साथ बातचीत की मेज पर होंगे. हालांकि इस अहम मुलाकात से ठीक पहले दोनों देशों के बीच वरिष्ठ सैन्य कमांडर स्तर की वार्ता 23 अप्रैल को हो चुकी है.


एससीओ रक्षा मंत्रियों की बैठक की तैयारियों से जुड़े अधिकारियों के मुताबिक भारत SCO को क्षेत्रीय स्तर पर बहुपक्षीय सहयोग, राजनीतिक संवाद, सुरक्षा, आर्थिक और लोगों के बीच आपसी सम्पर्क बढ़ाने का एक महत्वपूर्ण मंच मानता है. इस साल एससीओ की अध्यक्षता सम्भाल रहे भारत ने सदस्य देशों के बीच सक्रियता बढ़ाने के लिए दो रक्षा संबंधी गतिविधियों का आयोजन भी किया. इसके तहत मानवीय सहायता और आपदा राहत पर एक वर्कशॉप का आयोजन किया गया था. साथ ही सैन्य चिकित्सा, स्वास्थ्य और महामारी में सशस्त्र बलों के योगदान के मुद्दे पर एससीओ देशों के रक्षा थिंक-टैंक की एक बैठक भी आयोजित की गई थी.


रूस यूक्रेन युद्ध के बीच SCO का मंच भारत के कूटनीतिक संतुलन के लिहाज से अहम है. रूस और चीन की सक्रिय भागीदारी वाले इस मंच पर भारत कनेक्टिविटी और क्षेत्रीय सुरक्षा के क़ई अहम मुद्दे 2017 में इस समूह की पूर्ण सदस्यता हासिल करने के बाद से उठाता रहा है.


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