Rajnath Singh Interview: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने एबीपी न्यूज़ से खास बातचीत में कई अहम सवालों के जवाब दिए. उन्होंने एबीपी न्यूज़ को दिए खास इंटरव्यू में राहुल गांधी को निशाने पर लिया. साथ ही रक्षा मंत्री ने इस दौरान चीन, कश्मीर, पाकिस्तान, आतंकवाद से लेकर यूपी चुनाव, अजय मिश्रा टेनी, राम मंदिर और मथुरा तक से जुड़े सवालों पर अपनी बात रखी. इस दौरान उन्होंने कृषि कानूनों पर भी अपनी राय ज़ाहिर की.


सवाल: एक सवाल बार-बार राहुल गांधी की तरफ से उठाया जाता है कि चीन की फौज बैठी हुई है कई दौर की बातचीत हो चुकी है, लेकिन चीन पीछे हटने को तैयार नहीं है?


राजनाथ सिंह: जब चीन और भारत की फौज का आमना-सामना हुआ था तो भारत की फौज ने जिस साहस का परिचय दिया, उसको सलाम है. भारत की किसी भी पार्टी के राजनीतिक दल का नेता हो, मैं सब से यही अपेक्षा करता हूं कि सभी को मिलकर साथ खड़े होना चाहिए. इन मुद्दों पर राजनीति नहीं की जानी चाहिए.


सवाल: राजनीति में एक वर्ग पैदा हो गया जो शहीदों के मान सम्मान पर राजनीति करता है. आज पुलवामा की बरसी है. पूरा देश शहीदों को सलाम कर रहा है, लेकिन तेलंगाना के मुख्यमंत्री ने अजीब सी बात कर दी, उन्होंने पुलवामा हमले और सर्जिकल स्ट्राइक पर सवाल उठा दिए.


राजनाथ सिंह: बड़ी ही दुर्भाग्यपूर्ण बात है और मैं सब से अपेक्षा करता हूं कि सभी को इससे बचना चाहिए. पुलवामा की जो घटना हुई थी बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण थी, पाकिस्तान के आतंकियों ने आकर हमारी फोर्सेज के ऊपर हमला किया था और इसमें कई हमारे जवान शहीद हुए थे, लेकिन उसके बाद प्रधानमंत्री जी ने 3 लोगों की मीटिंग बुलाकर झटपट जो फैसला लिया, उसकी जो सराहना की जाए, वह कम है. इसमें कोई दो राय नहीं है कि हमारे बहादुर सेना के जवानों ने सर्जिकल स्ट्राइक और एयर स्ट्राइक करके आतंकी ठिकानों का सफाया किया था. यह हम सब के लिए गौरव की बात है. हम सभी को अपने देश की सेना के जवानों पर नाज करना चाहिए. इस पर कोई अगर प्रश्न उठाता है तो बहुत ही दुखद है. इससे बचना चाहिए.


सवाल: कश्मीर में कुछ समय से सीजफायर चल रहा है, लेकिन इसके बावजूद आतंकी घटनाएं नहीं रुक रही हैं. क्या इस तरह के सीजफायर से कश्मीर में आम लोगों को फायदा हो पाता है या फिर पहले जो पॉलिसी थी, जनरल बिपिन रावत के समय आपने शुरू की थी ऑपरेशन ऑल आउट उसको वापस से लागू कर देना चाहिए?


राजनाथ सिंह: आतंकवाद का सफाया करने के लिए जिस भी प्रभावी कदम को उठाने की आवश्यकता हुई है, वह हमारी सरकार ने उठाया है और आगे सख्त से सख्त कदम हमारी सरकार उठाएगी. उसी का परिणाम आज हम सबके सामने आतंकवादी घटनाओं में कमी के तौर पर आई है.


सवाल: जब धारा 370 हटाई गई तो उसके साथ ही राज्यों का पुनर्गठन हुआ और तभी सरकार ने यह भी आश्वासन दिया कि लोकतांत्रिक प्रक्रिया को जल्द बहाल किया जाएगा. कितना समय लगेगा जब कश्मीर में चुनाव होंगे?


राजनाथ सिंह: कुछ समय लग सकता है, लेकिन जो हमारी सरकार का कमिटमेंट है वह निश्चित रूप से पूरा होगा और वहां पर चुनाव होंगे. हम भी चाहते हैं कि वहां भी जल्द से जल्द चुनी हुई सरकार बने. इस संबंध में जितना जल्द से जल्द हो सकेगा जम्मू कश्मीर में चुनाव कराए जाएंगे.


सवाल: हाल ही में अरुणाचल प्रदेश में एक भारतीय नागरिक को चीनी सेना ने पकड़ लिया था. उसको वापस भी लाया गया, लेकिन इसी बीच राहुल गांधी का बयान आया. गुजरात से बंगाल तक केरल से इसके बाद बीजेपी ने कहा कि यह अरुणाचल प्रदेश को देश से बाहर दिखाने की साजिश है. इससे चीन को फायदा होगा. इसके बाद असम में उनके खिलाफ FIR करने का निर्णय बीजेपी ने लिया है.


राजनाथ सिंह: इस संबंध में मुझे जानकारी नहीं है. जहां तक मेरी जानकारी है किसी के खिलाफ कोई FIR अभी तक नहीं की गई है. हो सकता है कि ऐसी कोई योजना हो और आगे कोई FIR की जाए. ऐसा कोई स्टेटमेंट मैंने पढ़ा नहीं है. कहां से बात आई है मैं कह नहीं सकता हूं. एक बात मैं और कहना चाहता हूं कि गलवान घाटी के बारे में संसद में खड़े होकर जो भी कुछ राहुल गांधी ने कहा अच्छा होता अगर राहुल गांधी यह कहने से बचते. अगर उनका यह मानना था कि जब भारत और चीन की सेना के बीच संघर्ष हुआ था तो बड़ी संख्या में भारत के जवान मारे गए और चीन के जवान कम संख्या में मारे गए. यह उनकी जानकारी गलत है. ऑस्ट्रेलिया के एक अखबार ने खुलासा किया है कि भारतीय जवानों के बजाय चीन के जवान ज्यादा संख्या में मारे गए हैं. सारी जानकारी इधर-उधर से हासिल करने के बाद ऑस्ट्रेलिया के एक अखबार ने यह पूरी कहानी लिखी है और उसने साफ-साफ लिखा है कि भारत और चीन के बीच गलवान घाटी में जो संघर्ष हुआ था, उसमें चीन के 68 जवान मारे गए थे और यह बात मैं नहीं कह रहा हूं. ऑस्ट्रेलियन अखबार ने पूरी खोजबीन करने के बाद ये लिखा है.


सवाल: राहुल गांधी का चीन प्रेम इतना शबाब पर क्यों है?


राजनाथ सिंह: मुझे लगता है कि उनकी जानकारी में नहीं है और जिस चीज के बारे में जानकारी ना हो उन्हें उस बारे में नहीं बोलना चाहिए. जैसा कि आपने एक सवाल पूछा तेलंगाना के मुख्यमंत्री के बारे में तो मैंने उसका जवाब नहीं दिया क्योंकि मुझे जानकारी नहीं थी. राहुल गांधी तो यहां तक भूल गए कि मोदी सरकार आने के बाद चीन और पाकिस्तान की दोस्ती बढ़ी है. उन्हें शायद इतिहास का ज्ञान नहीं हो, लेकिन आजाद भारत की तो जानकारी उन्हें कम से कम होनी चाहिए. जब श्रीमती इंदिरा गांधी भारत की प्रधानमंत्री थीं तब पीओके में काराकोरम हाईवे बना था यह भी चीन और पाकिस्तान की दोस्ती का परिणाम था और इतना ही china-pakistan इकोनॉमिक कॉरिडोर भी जब बना था तब साल 2013 में मनमोहन सिंह भारत के प्रधानमंत्री थे. नरेंद्र मोदी भारत के प्रधानमंत्री नहीं थे. राहुल गांधी को बिना जानकारी के संसद जैसे फोरम पर नहीं बोलना चाहिए, जिससे भारत की प्रतिष्ठा पर आंच आए.


सवाल: क्या कभी ऐसा हुआ कि जब उन्होंने चीन को लेकर या भारतीय सुरक्षा पर सवाल उठाए तो रक्षा मंत्रालय की तरफ से उनको ब्रीफ किया गया ताकि तथ्यों को रखा जा सके?


राजनाथ सिंह: दो रक्षा मंत्री (पूर्व) शरद पवार साहब और एके एंटनी साहब दोनों पुराने लोग हैं, और रक्षा मंत्रालय के काम को अच्छे से समझते हैं उन दोनों को बुलाकर आर्मी चीफ और अधिकारियों के साथ उनको बैठाकर सवा घंटे तक मैंने उनकी ब्रीफिंग कराइ और उठते समय उन्होंने कहा कि धन्यवाद आपने हमें जानकारी उपलब्ध कराई. अब पता नहीं है कि एंटनी साहब ने शरद पवार साहब ने राहुल गांधी को ब्रीफ किया कि नहीं किया.


सवाल: हाल ही में दुखद घटना हुई जनरल बिपिन रावत नहीं रहे. सीडीएस की नियुक्ति कब तक होगी?


राजनाथ सिंह: जल्द ही नियुक्ति होगी. कोई मामला अटका हुआ नहीं है. जल्दी इसके बारे में फैसला होगा.


सवाल: आपकी पार्टी लगातार यह कह रही है कि कानून व्यवस्था का राज. कानून व्यवस्था सबसे बड़ा मुद्दा है. गुंडों का राज खत्म हो गया. बुलडोजर का राज आ गया है, जबकि विपक्ष लगातार आरोप लगा रहा है कि राज के बजाय राज्य में अराजकता है. हिंदू मुसलमान में खाई बढ़ी है.


राजनाथ सिंह: इस बात को समझना होगा. कानून व्यवस्था को चुस्त-दुरुस्त करने की जरूरत क्यों महसूस हुई. विकास के लिए पहली शर्त होती है कानून व्यवस्था चुस्त-दुरुस्त होना और उसमें हमारे उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बहुत ही शानदार काम किया है. इसमें कोई दो राय नहीं. आपने स्वयं भी अनुभव किया होगा कि उत्तर प्रदेश में विकास का चक्का तेजी के साथ चला है, नहीं तो 2017 में जिस उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था का आकार 11 लाख करोड़ था 5 सालों में यह बढ़कर 21 लाख करोड़ हो गया है और काफी बड़ी तादाद में काम हुआ है जेवर एयरपोर्ट जैसा अब मैं समझता हूं कि देश में नहीं बल्कि पूरे एशिया में ऐसा एयरपोर्ट नहीं होगा और उत्तर प्रदेश पहला ऐसा राज्य बन गया है जहां पर पांच अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट हैं. पहले एयरक्राफ्ट की सर्विसेज़ के लिए 80 से 85 फ़ीसदी तक आप को देश के बाहर जाना पड़ता था. अब वह भी मेंटेनेंस ही हो जाया करेगा.


सवाल: लेकिन बेरोजगारों की संख्या बढ़ी है, पिछले कुछ समय में और यह कैसा विकास हो रहा है कि बेरोजगारों की संख्या बढ़ रही है?


राजनाथ सिंह: अब मुझे पता नहीं है कि किसके पास कौन से आंकड़े हैं, लेकिन मैं आपको बता दूं कि पिछले 5 साल में 3000 नई इंडस्ट्री खुली है और लोगों को रोजगार के अवसर मिले हैं. कोरोना के चलते मैं मानता हूं कि बेरोजगारी का परसेंटेज पहले की तुलना में बढ़ा होगा, लेकिन यह सब कोरोना वायरस से हुआ है और इस कोरोना वायरस के चैलेंज को कंट्रोल करने के लिए भी हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सराहना दुनिया के दूसरे देशों में हो रही है. वैक्सीन हम केवल बनाते नहीं हैं, बल्कि दुनिया के दूसरे देशों को एक्सपोर्ट करने का भी काम कर रहे हैं.


सवाल: विपक्ष कह रहा है कि बेरोजगारी बढ़ी है, इसलिए अपराधी बढ़ें हैं और हाथरस जैसी घटना हुई, लखीमपुर जैसी घटना हुई है और अब तो सांसद ओवैसी पर भी हमला हो गया. तो कैसे कानून व्यवस्था चुस्त-दुरुस्त है?


राजनाथ सिंह: इतना बड़ा राज्य है. कोई घटना हो सकती है. उस दिन ओवैसी के ऊपर जो घटना हुई, जो हमला हुआ उस पर राज्य सरकार ने तुरंत सख्त कार्रवाई की और अपराधियों को पकड़ कर तुरंत जेल के पीछे सलाखों के पीछे भेज दिया. अदालत भी इसमें निश्चित रूप से न्याय करेगा.


सवाल: विपक्ष लगातार सवाल उठ रहा है कि लखीमपुर की घटना में गृह राज्य मंत्री का बेटा अपराधी है और इस मामले में राज्यमंत्री अपने पद पर बैठे हुए हैं. ऐसे में कैसे न्याय मिलेगा?


राजनाथ सिंह: अजय मिश्रा के बेटे जेल में हैं. राज्यमंत्री देश के हैं उत्तर प्रदेश के तो है नहीं और अगर दबाव ही डालना होता तो एसआईटी गठित हुई, एसआईटी ने अपनी रिपोर्ट दी, उसके बेसिस पर आशीष मिश्रा को जेल भेजा गया. अगर हम दखलअंदाजी करते तो वह जेल कैसे जाता. हम किसी के साथ कोई भेदभाव नहीं करेंगे, अन्याय नहीं करेंगे.


सवाल: पिछले कुछ सालों में जब से सरकार आई है, बीजेपी का कृषि कानून लाना, क्या यह मोदी सरकार की सबसे बड़ी राजनीतिक चूक है?


राजनाथ सिंह: प्रश्न नियत का होता है. हमारी नीति गलत हो सकती है, लेकिन नियत हमारी गलत नहीं हो सकती. लोगों का यह मानना है कि हमारी किसी कानून की नीति अच्छी थी और लोगों से राय मशवरा करके यह कानून संसद में लाए गए थे और संसद के दोनों सदनों में पास हुए थे तब जाकर तीनों कानून बने थे, लेकिन कुछ किसान संगठनों को आपत्ति थी कि यह किसानों के हित में नहीं है. हमने सारे लोगों ने समझाने की कोशिश की, किसानों से बात करने की कोशिश की, संशोधन लाने के बारे में भी पूछा और हमने उनसे कहा कि आप संशोधन दीजिए अगर लगेगा कि संशोधन की आवश्यकता है तो हम वह भी करेंगे, लेकिन हमें ऐसा कोई सुझाव नहीं मिला. आंदोलन का सिलसिला लगातार चलता रहा. कल्पना कीजिए कि जो कानून संसद से बन चुका हो प्रधानमंत्री ने एकाएक प्रातकाल उठकर भीतर कहीं ना कहीं उनको वेदना हुई होगी, कुछ किसान संगठनों ने यह फैसला लिया था और और उसके बाद प्रधानमंत्री ने क्षमा मांगते हुए इन तीनों कृषि कानूनों को वापस ले लिया.


सवाल: आपको कब एहसास हुआ कि एक कृषि कानून वापस ले लेने चाहिए?


राजनाथ सिंह: मुझे कभी भी नहीं लगा. हमने किसान संगठनों से लगातार बातचीत कि मैं भी गांव का ही रहने वाला हूं, मैं भी किसान का ही बेटा हूं, मैं भी किसान हूं. डिफरेंस ऑफ ओपिनियन हो सकते हैं. विचारों की भिन्नता हो सकती है. किसी भी मुद्दे पर हो सकती है लेकिन कभी भी मुझे एहसास नहीं हुआ कि यह कानून अब वापस ले लेना चाहिए.


सवाल: मुजफ्फरनगर में जो दंगा हुआ उस घटना को तकरीबन अब 10 साल हो चुके हैं. ऐसी क्या जरूरत आन पड़ी है कि मुजफ्फरनगर के दंगों को आपकी पार्टी के सभी नेता बार-बार अपनी रैलियों में, भाषणों में, इस्तेमाल कर रहे हैं? क्या जमीन खिसक गई है?


राजनाथ सिंह: नहीं नहीं ऐसी कोई बात नहीं है. मुजफ्फरनगर का दंगा समाजवादी पार्टी का बहुत बड़ा फेलियर था. हम भी उत्तर प्रदेश में पहले सरकार चला चुके हैं और किसी भी सरकार के फेलियर को जनता तक पहुंचाना, उसको बार-बार उठाना, क्या हमारी नैतिक जिम्मेदारी नहीं बनती है. हम सब को एक नजर से देखते हैं, जहां तक बीजेपी का सवाल है हम जात पात और धर्म की राजनीति नहीं करते हैं. हम चाहते हैं सब के साथ न्याय हो, तुष्टीकरण ना हो, विडंबना यह है कि अन्य राजनीतिक पार्टियां पोलराइजेशन की पॉलिटिक्स कर रही हैं. मतों का घ्रुविकरण करके चुनाव जीतना चाहती हैं और तुष्टीकरण की राजनीति का सहारा लेती हैं.


सवाल: विपक्ष कह रहा है कि तुष्टिकरण की राजनीति ध्रुवीकरण की राजनीति बीजेपी करती है. मुख्यमंत्री की तरफ से कहा जा रहा है कि गर्मी निकाल देंगे, शिमला की ठंडी का अहसास करा देंगे, मुख्यमंत्री की तरफ से ऐसी भाषा का इस्तेमाल हो रहा है.


राजनाथ सिंह: मुख्यमंत्री का उद्देश्य यह है कि जो गुंडा तत्व है, जो गैर सामाजिक तत्व है, हम उनको ठीक कर देंगे. मुख्यमंत्री की बात का इंटरप्रिटेशन गलत तरीके से किया गया.


सवाल: कहा जाता था कि बीजेपी मुफ्त की राजनीति, बांटने की राजनीति के खिलाफ है, लेकिन अब घोषणापत्र आया है, इसमें स्कूटी बांटने और टैबलेट बांटने, लैपटॉप बांटने की बातें कही जा रही हैं. आखिर मुफ्त की राजनीति का अंत कब होगा?


राजनाथ सिंह: कुछ ऐसी चीजें हैं जिनको उपलब्ध कराने से जनता को सुविधा हो सकती है तो उन चीजों को उपलब्ध कराना हमारी जिम्मेदारी है. लोग अगर पढ़ाई लिखाई कर लेते हैं, तो स्वाभाविक रूप से देश की अर्थव्यवस्था में भी अपना योगदान दे पाएंगे और अगर उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था 21 लाख करोड़ की हो गई है. अर्थव्यवस्था का विकास हुआ है और अगर इसका और विस्तार होता है और बड़ा करना चाहते हैं, किसी टारगेट को अचीव करने के लिए, गरीबी को कम करने के लिए, बेरोजगारी को कम करने के लिए, देश की अर्थव्यवस्था को ताकत देने के लिए, कुछ ऐसे कदम उठाए जा सकते हैं. यह अपराध नहीं है.


सवाल: विकास का मुद्दा पूरे चुनाव से लगभग गायब है. दंगे फसाद की याद दिलाई जा रही है. मुफ्त की घोषणा की जा रही है. अगर इतना काम किया होता तो यह सब याद दिलाने की जरूरत पड़ती?


राजनाथ सिंह: पूर्वांचल एक्सप्रेस काम चल रहा है. बहुत सारे हाईवेज बने हैं. इन सब का नाम नहीं लेना चाहता. यह सब काम हुए हैं. इसके अतिरिक्त जन सामान्य को भी जो जो सुविधाएं मुहैया कराई जा सकती हैं वह कराई गई हैं. उद्योग धंधों का विस्तार हुआ है और भी इंफ्रास्ट्रक्चर का डेवलपमेंट हुआ है. मेडिकल कॉलेज हर जिले में बनाए जा रहे हैं.


सवाल: हिजाब का मुद्दा उठा है. हालांकि इसकी शुरुआत कर्नाटक से हुई है, लेकिन उसके निशाने पर यह कहा जा रहा है कि उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, मणिपुर और गोवा है क्योंकि इससे वोटों का ध्रुवीकरण होगा. हिजाब या किताब क्या बेहतर है?


राजनाथ सिंह: मैं सभी से कहना चाहता हूं कि इस मसले पर संयम बरते. मामला कोर्ट में विचाराधीन है. इसलिए न्यायालय की प्रतीक्षा की जानी चाहिए. उसका जो भी निर्णय होगा, उसकी प्रतीक्षा की जानी चाहिए.


सवाल: कहा जा रहा है कि कुछ ऐसी संस्थाएं हैं जो सरकार के फैसलों को लगातार चुनौती देते हैं और खास तौर पर लोगों को भड़काने पर खास तबके, धर्म और समुदाय के लोगों को भड़काने का काम कर रहे हैं. आपके पास भी इंटेलिजेंस के रिपोर्ट आते होंगे. क्या आप ऐसी संस्थाओं को काबू नहीं कर पा रहे हैं?


राजनाथ सिंह: जात पंथ के आधार पर लोग नफरत पैदा करके निहित स्वार्थ पूरा करना चाहते हैं और हमारी सरकार किसी भी सूरत में इसे पूरा नहीं होने देगी. भारतीय जनता पार्टी इस मामले में सीधा रुख रखती है. लोगों की भारतीय जनता पार्टी में गहरी आस्था है. भारतीय संस्कृति में गहरी आस्था. हम जात पंथ के आधार पर भेदभाव करने की किसी को इजाजत नहीं देंगे और ना ही करेंगे क्योंकि हम राजनीति केवल सरकार बनाने के लिए नहीं करते हैं हम राजनीति समाज बनाने के लिए और देश बनाने के लिए करते हैं.


सवाल: आपके सहयोगी मंत्री गिरिराज सिंह कह रहे हैं कि देश में गजवा ए हिंद लागू करने, गजवा ए हिंद बनाने की तैयारी है?


राजनाथ सिंह: मैंने ऐसा कोई बयान सुना नहीं है. जब तक वह बयान नहीं देख सुन लेता तब तक मैं कोई भी कमेंट नहीं करूंगा.


सवाल: ऐसा तो नहीं होगा कि अचानक से समान नागरिक संहिता को पूरे देश में लागू कर दिया जाएगा? क्या लोगों से विचार करके यह सब कुछ होगा?


राजनाथ सिंह: जो भी कुछ समाज के हित में होगा, जो समाज को जोड़ने वाला होगा और बीजेपी की सरकार कतई संकोच नहीं करेगी. हमारी सरकार की तरफ से हमारे प्रधानमंत्री की तरफ से, लगातार कोशिश होती है कि जो भी फैसले हों, उस पर कंसेंसस बने, सर्व सहमति बने, लेकिन यह भी ठीक नहीं है कि केवल विरोध के लिए विरोध किया जाए.


सवाल: क्या कृष्ण जन्म भूमि को लेकर बीजेपी का कोई प्लान है?


राजनाथ सिंह: हमने कमिटमेंट किया था कि राम मंदिर बनाएंगे. राम मंदिर बन रहा है. हम अपना कमिटमेंट पूरा करते हैं, लेकिन राम मंदिर बनने का मतलब यह नहीं होता कि दूसरे धर्म के प्रति हमारे मन में अनादर है. ठीक है विदेशी आक्रमणकारियों ने इसे गिराया था और इतिहास और हमारे धर्म शास्त्रों में इस बात का उल्लेख है और उसके आधार पर और आस्था के आधार पर यह बात तय है कि भगवान राम का जन्म अगर हुआ था तो अयोध्या में हुआ था, वहां मंदिर का निर्माण हो रहा है.


सवाल: यूपी में पहले चरण का मतदान हो चुका है कुछ कुछ आईडिया आपको हो गया होगा कृपया इसमें क्या होने जा रहा है कितनी सीटों का आंकलन आपका?


राजनाथ सिंह: स्पष्ट बहुमत पूर्ण बहुमत की सरकार बनेगी. पिछली बार जितनी सीटें आई थीं, उसके आसपास सीटें आने की उम्मीद है.