Rajnath Singh in Siachen: लोकसभा चुनाव के बीच रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सोमवार (22 अप्रैल) को दुनिया ने सबसे ऊंचे युद्धक्षेत्र सियाचिन का दौरा किया. लद्दाख में मौजूद सियाचिन बेस कैंप के दौरे पर रक्षा मंत्री ने यहां तैनात भारतीय सेना के जवानों से बातचीत की. राजनाथ ने क्षेत्र में भारत की समग्र सैन्य तैयारियों की समीक्षा भी की. रक्षा मंत्री ने सियाचिन बेस कैंप में युद्ध स्मारक पर जाकर वीर जवानों को पुष्पांजलि अर्पित की और उन्हें श्रद्धांजलि दी.


राजनाथ सिंह ने सियाचिन में तैनात जवानों को अपने हाथों से मिठाई भी खिलाई, जिसका वीडियो भी सामने आया है. समाचार एजेंसी एएनआई के जरिए शेयर किए गए वीडियो में राजनाथ सिंह को जवानों के साथ खड़े देखा जा सकता है. जवान भारत माता की जय के नारे भी लगा रहे हैं. एक अन्य वीडियो में उन्हें सेना के जवानों के साथ बात करते हुए देखा जा सकता है. वह उनके नाम, पद और वह कहां के रहने वाले हैं, जैसे सवालों को पूछ रहे होते हैं. 






सिचाचिन हमारे वीरता की राजधानी: राजनाथ सिंह


सियाचिन पहुंचे राजनाथ ने यहां जवानों को संबोधित किया और उन्हें देश की रक्षा करने के लिए बधाई दी. रक्षा मंत्री ने कहा, "दुनिया के सबसे ऊंचे युद्धक्षेत्र सियाचिन ग्लेशियर पर आप जिस तरह देश की रक्षा करते हैं, उसके लिए मैं आपको बधाई देता हूं. सियाचिन की धरती कोई साधारण जगह नहीं है, यह देश की संप्रभुता और दृढ़ता का प्रतीक है."






उन्होंने कहा, "यह हमारे राष्ट्रीय दृढ़ संकल्प का प्रतीक है. जैसे दिल्ली हमारी राष्ट्रीय राजधानी है, मुंबई हमारी आर्थिक राजधानी है और बेंगलुरु हमारी टेक्नोलॉजिकल राजधानी है. ठीक वैसे ही सियाचिन हमारे वीरता और साहस की राजधानी है." राजनाथ सिंह ऐसे समय पर सियाचिन पहुंचे हैं, जब अप्रैल के महीने में भी यहां तापमान माइनस 6 डिग्री है.






20 हजार फीट की ऊंचाई पर है सियाचिन


दरअसल, राजनाथ सिंह ऐसे समय पर सियाचिन गए, जब रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण इस क्षेत्र में भारतीय सेना की मौजूदगी को एक हफ्ते पहले 40 साल हुए. काराकोरम पर्वतीय शृंखला में लगभग 20,000 फुट की ऊंचाई पर स्थित सियाचिन ग्लेशियर दुनिया के सबसे ऊंचे सैन्यीकृत क्षेत्र के रूप में जाना जाता है. यहां तैनात जवानों को भीषण सर्दी और तेज हवाओं से जूझना पड़ता है. भारतीय सेना ने ‘ऑपरेशन मेघदूत’ के तहत अप्रैल, 1984 में सियाचिन ग्लेशियर पर अपना पूर्ण नियंत्रण स्थापित कर लिया था. तब से भारतीय सेना यहां मौजूद है. 


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