नई दिल्लीः चीन सीमा पर जारी गतिरोध के बीच संसदीय परामर्श कमेटी की बैठक में विदेश मंत्री एस जयशकंर और राहुल गांधी के बीच तीखी बहस हुई. इस दौरान राहुल गांधी ने मोदी सरकार की विदेश नीति को कठघरे में खड़ा किया.


अंग्रेजी अखबार हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट मुताबिक विदेश मंत्री ने इस बैठक में एक घंटे का प्रजेंटेशन दिया. जिसके बाद राहुल गांधी ने कहा कि सरकार थकाऊ लिस्ट देने की बजाय चीनी खतरों को लेकर ठोस रणनीति बताये.


अखबार के मुताबिक बैठक में शामिल कांग्रेस नेता शशि थरूर ने भी राहुल गांधी को अपना समर्थन दिया. जिसे बाद जयशंकर ने जवाब देते हुए कहा कि बहुध्रुवीय दुनिया में कोई सीधा और सरल दृष्टिकोण नहीं अपनाया जा सकता.


कांग्रेस सासंदों ने यूपीए सरकार के विदेश नीति का किया बचाव 


बैठक के दौरान कांग्रेस सासंदों ने यूपीए सरकार के समय की विदेश नीति का बचाव भी किया तो वहीं विदेश मंत्री ने कहा कि पिछले छह वर्षों में हमारे संबंध पड़ोसियों के साथ ज्यादा मजबूत हुए हैं.


पिछले 6 वर्षों में आई मजबूती


अखबार ने लिखा है, ''एस जयशंकर ने राहुल गांधी से कहा कि मोदी सरकार में खाड़ी के देशों के साथ संबंध में काफी मजबूती आई है. जबकि यूपीए सरकार के दौरान ऐसा नहीं था.''


अखबार के अनुसार, ''जयशंकर ने राहुल से कहा कि खाड़ी देशों में बड़ी संख्या में भारतीय रहते हैं और हमारी सरकार की सक्रियता के कारण वहां रहने वाले भारतीयों पर महामारी के दौर भी कोई खतरा नहीं आने दिया गया.''


'चीन हमें कर रहा है बाइपास'


वहीं राहुल ने विदेश मंत्री से सवाल किया, ''चीन ओल्ड सिल्क रोड को एक लैंड रूट में यूरोप और सीपीईसी के जरिए खाड़ी देशों से जोड़ रहा है. चीन हमें बाइपास कर अप्रासंगिक बना रहा है. भारत इससे मुकाबला करने के लिए क्या कर रहा है?''


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