Ram Lalla Pran Pratishtha: 22 जनवरी को अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के कार्यक्रम को लेकर तैयारियां जोर-शोर से चल रही हैं. कार्यक्रम में अरुण योगीराज की बनाई गई रामलला की नई मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा की जाएगी. श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने सोमवार (15 जनवरी) को इसे लेकर जानकारी दी. नई मूर्ति की स्थापना के बाद रामलला की पुरानी मूर्ति का क्या किया जाएगा, इसे लेकर सवाल उठ रहे हैं.

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चंपत राय ने इन सवालों का जवाब देते हुए बताया कि नए राम मंदिर के गर्भगृह में रामलला की वर्तमान मूर्ति भी रखी जाएगी. प्राण प्रतिष्ठा की पूजन विधि मंगलवार (16 जनवरी) से शुरू हो जाएगी और ये विधि 21 जनवरी तक चलेगी. इसके बाद राम मंदिर में भगवान के बाल रूप को स्थापित किया जाएगा. चंपत राय ने कहा कि रामलला को गुरुवार (18 जनवरी) को गर्भगृह में स्थापित किया जाएगा. 

चंपत राय ने क्या कहा?

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पूरे कार्यक्रम को लेकर उन्होंने जानकारी देते हुए कहा, “प्राण प्रतिष्ठा दोपहर में अभिजीत मुहूर्त में होगी. प्रतिष्ठा पूर्व संस्कारों की औपचारिक प्रक्रिया 16 जनवरी से शुरू होकर 21 जनवरी तक चलेगी.” चंपत राय ने कहा कि आम तौर पर प्रतिष्ठा समारोह में सात अधिवास होते हैं और कम से कम तीन अधिवास प्रचलन में होते हैं.

उन्होंने आगे बताया, "कुल 121 आचार्य अनुष्ठान कराएंगे. अनुष्ठान की सभी कार्यवाही की देखरेख, समन्वय, संचालन और निर्देशन गणेश्वर शास्त्री द्रविड़ करेंगे और प्रमुख आचार्य काशी के लक्ष्मीकांत मथुरानाथ दीक्षित होंगे."

मंदिरों को सजाने, भजन, पूजा करने की अपील

चंपत राय ने कहा, “गर्भगृह में प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम संपन्न होने के बाद सभी लोग बारी-बारी से दर्शन करेंगे.” वहीं, श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने सभी राम भक्तों से 22 जनवरी को अपने आसपास के मंदिरों को सजाने और मंदिर में भजन, पूजा, कीर्तन और आरती करने की अपील की है.

साथ ही ये भी अपील की है कि कार्यक्रम का सीधा प्रसारण सामूहिक रूप से स्क्रीन लगाकर देखा जाए और उससे पहले आसपास के मंदिरों की साफ-सफाई कर संपूर्ण स्वच्छता सुनिश्चित की जाए.

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