नई दिल्ली: कोरोना की दूसरी लहर के बाद सरकार कड़े कदम उठा रही है. यही वजह है कि हालात काबू में आने के बाद भी काफी चीजों पर अभी पाबंदियां लगी हुई है. दिल्ली में अनलॉक के बाद बाजार, मॉल, शॉपिंग कॉम्प्लेक्स, रेस्टोरेंट्स आदि तो खोल दिए गए है लेकिन उनपर भी कोरोना नियम लागू है. लेकिन दिल्ली में अभी भी सार्वजनिक जगहों पर शादी समारोह पर प्रतिबंध लगा हुआ है. 


दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (डीडीएमए) ने सिर्फ घर में या कोर्ट में शादी की इजाजत दी है. यह इसलिए क्योंकि शादी कार्यक्रमों में बड़ी संख्या में लोगों के जमा होने से संक्रमण का खतरा काफी बढ़ सकता है. पहले भी ऐसे देखा गया है कि पिछले साल जब हालात बेहतर हुए थे तब लोग काफी संख्या में इकट्ठा होने लगे थे, जिसने कोरोना संकट को और बड़ा कर दिया था.  


होटलों हॉलों में 50 लोगों के शामिल होने की मांगी अनुमति
दिल्ली में व्यापारियों के संगठन चैंबर ऑफ ट्रेड एंड इंडस्ट्री (सीटीआई) ने डीडीएमए और दिल्ली सरकार को पत्र लिखकर बैंक्वट हॉल या होटल आदि में  शादी में कम से कम 50 लोगों को शामिल होने की अनुमति मांगी है. क्योंकि फिलहाल इसपर प्रतिबंध होने के कारण वैवाहिक कार्यक्रमों से जुड़े व्यवसाय खासे नुकसान में है. 


सीटीआई चेयरमैन बृजेश गोयल और अध्यक्ष सुभाष खंडेलवाल ने बताया कि पड़ोसी राज्य उत्तर प्रदेश और हरियाणा में 50 गेस्ट के साथ शादी कार्यक्रम आयोजित करने की छूट मिल गई है. दिल्ली के लोगों को मजबूरी में नोएडा, गाजियाबाद, फरीदाबाद और सोनीपत में जाकर शादी करनी पड़ रही है. इससे दिल्ली के बैंक्वेट, होटल, कपड़ा, मिठाई, ज्वैलरी, टेंट, कैटरिंग, घोड़ी, बाजा, फोटोग्राफर, मेकअप आदि से जुड़े लगभग 5 लाख कारोबारियों का रोजगार ठप है. साथ ही दिल्ली बैंक्वट और होटल एसोसिएशन ने गुहार लगाई है कि अनलॉक प्रक्रिया के अगले चरण में शादी समारोह में कम से कम 50 या उससे अधिक लोगों  को शामिल होने की परमीशन दी जाए.


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