कोरोना वायरस संक्रमण का पता लगाने के लिए टेस्टिंग बेहद जरुरी माना जाता है. देश में टेस्टिंग करने की प्रक्रिया अब तेज कर दी गई है. कोरोना टेस्टिंग को लेकर अब नए आविष्कार भी किए जा रहे हैं. इसी बीच आरटी-पीसीआर टेस्ट के लिए खारे घोल से गरारा (Saline Gargle Solution) करने की इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च ने मंजूरी दे दी है. सलाइन गार्गल सोल्यूशन अब होम टेस्ट किट में भी उपलब्ध है.


आरटी-पीसीआर टेस्ट के जरिए कोरोना पॉजिटिव या नेगेटिव होने का पता चलता है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉक्टर हर्षवर्धन ने जानकारी देते हुए कि खारे घोल से गरारा करने का तरीका गेमचेंजर साबित हो सकता है. इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) ने इसे अनुमति दे दी है. इस टेस्ट में सिर्फ गरारे के माध्यम से कोरोना का पता लगाया जा सकेगा. ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों को कोरोना की जांच के लिए भारी परेशनियों का सामना करना पड़ता है. एक्सपर्ट्स ऐसे स्थानों के लिए इस टेस्ट को वरदान के तौर पर देख रहे हैं. नागपुर स्थित नेशनल एनवायरमेंट इंजीनियरिंग रिसर्च इंस्टीट्यूट (एनईईआरआई) के वैज्ञानिकों ने कोरोना की जांच के लिए 'सलाइन गार्गल आरटी-पीसीआर विधि' विकसित की है. इस टेस्ट से केवल तीन घंटे के अंदर रिजल्ट प्राप्त किया जा सकता है. अधिकारियों के अनुसार, इस किट को यूज करना बेहद आसान है और इससे कोरोना पॉजिटिव और नेगेटिव होने का पता आसानी से लगाया जा सकता है. 


इस टेस्ट किट का ऐसा किया जाता है इस्तेमाल 


जानकारी के अनुसार, इस टेस्ट किट में सलाइन यु्क्त एक ट्यूब होगी. कोरोना टेस्ट के लिए इस सलाइन को मुंह में डालकर 15 सेकंड तक गरारा करना होगा. इसके बाद उसी ट्यूब में गरारे को थूककर टेस्ट के लिए दे देना होगा. लैब में वैज्ञानिकों द्वारा विकसित बफर के साथ इसे मिलाकर 30 मिनट तक रखा जाएगा. आरटी-पीसीआर टेस्ट के लिए आरएनए प्राप्त करने के लिए इस मिश्रण को कम-से-कम छह मिनट के लिए 98 डिग्री पर गर्म किया जाएगा. इसी आधार पर व्यक्ति में कोरोना के मामले की पुष्टि की जाएगी.


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