देश में कोरोना के मामले सोमवार को भी 3 लाख के पार आए और 400 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई. लेकिन देश पर तीसरी लहर की मार कब कम होगी और राज्यों में कोरोना मामलों में गिरावट कब तक आएगी. इस बारे में सूत्रों के हवाले से जानकारी मिली है.


सरकारी सूत्रों के मुताबिक भारत में कोविड के मामलों में 15 फरवरी से गिरावट आनी शुरू हो जाएगी. मामलों में गिरावट आनी शुरू भी हो गई है और कुछ राज्यों और मेट्रो सिटीज में मामले स्थिर होने लगे हैं. वैक्सीनेशन के कारण तीसरी लहर का प्रभाव कम हुआ है. स्वास्थ्य मंत्रालय राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के साथ कॉर्डिनेट कर रहा है. 74 फीसदी व्यस्क आबादी को टीके के दोनों डोज लग चुके हैं.  






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इस बीच भारत में कोरोना महामारी की तीसरी लहर को लेकर विशेषज्ञों ने आगाह किया है. केरल के कोच्चि स्थित IMA में कोरोना टास्क फोर्स के सलाहकार डॉ राजीव जयदेवन का कहना है कि आने वाले कुछ हफ्तों में ओमिक्रोन (Omicron) के चलते पैदा हुई कोरोना महामारी की तीसरी लहर महानगरों के बाद अब छोटे शहरों और गांव में फैलेगी. उनकी की मानें तो महामारी की लहर हर बार ऐसा ही प्रदर्शन करती है.


डॉ राजीव जयदेवन से पूछा गया कि क्या ओमिक्रोन कोरोना के अन्य वेरिएंट की जगह ले सकता है और क्‍या यह आने वाले दिनों में एक सामान्य सर्दी के रूप में तब्‍दील हो जाएगा. इस पर उन्होंने कहा, ‘यह वास्तव में सच नहीं है यदि आप पिछले दो साल में महामारी के इतिहास को देखें, तो वेरिएंट सभी मर चुके हैं. वास्तव में, ऐसा कोई संस्करण नहीं है जो लंबे समय तक प्जीवित रहे. हां इनके छिटपुट मामले सामने आ सकते हैं.’


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वहीं कोविड-19 महाराष्ट्र स्टेट टास्क फोर्स के सदस्य डॉ. शशांक जोशी का कहना है कि भारत में फरवरी के मध्य तक ओमिक्रोन के मामले चरम पर पहुंचेंगे और इसके साथ ही तीसरी लहर का अंत हो जाने की संभावना है. मार्च में मामले बहुत कम हो जाएंगे और उम्मीद है कि अप्रैल के बाद भारत को महामारी के कारण आ रहे व्यवधानों से मुक्त हो जाना चाहिए. उन्होंने कहा, "यह बहुत तेजी से आई विस्फोटक लहर है और उम्मीद है कि जितनी तेजी से आई है, उतनी ही तेजी से जाएगी.”


भारतीय विज्ञान संस्थान और भारतीय सांख्यिकी संस्थान के शोधकर्ताओं ने हाल के अनुमानों में दावा किया है कि देश में जनवरी के अंत या फरवरी की शुरुआत में एक दिन में 10 लाख से अधिक कोविड के मामले देखे जाने की संभावना है. उस समय तीसरी लहर अपने चरम पर पहुंचने लगी है.


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