नई दिल्लीः दिल्ली हाईकोर्ट आज 12 साल की टिया गुप्ता की याचिका पर सुनावाई करेगा. इस याचिका में दिल्ली में 12-17 वर्ष की आयु के बच्चों को जल्द वैक्सीन लगाने के लिए केंद्र और दिल्ली सरकार को निर्देश देने की मांग की गई है. एडवोकेट अभिनव मुखर्जी के माध्यम से टिया गुप्ता की ओर से दायर याचिका में यह भी मांग की गई है कि 17 वर्ष से कम आयु के बच्चों के पैरेंट्स को टीकाकरण को प्राथमिकता दी जाए.


मुख्य न्यायाधीश डीएन पटेल और न्यायमूर्ति ज्योति सिंह की पीठ के समक्ष लिस्टेड याचिका में कहा गया है कि दिल्ली सहित देशभर के आंकड़ों से पता चला है कि अप्रैल 2021 से मई 2021 के बीच  कोविड 19 से संक्रमित होने वाले युवाओं की संख्या में जबरदस्त वृद्धि हुई है.
 
 वायरस के कारण कई बच्चों के अनाथ होने की भी रिपोर्ट्स 
याचिका में कहा गया है, "कई बच्चों के अपने माता-पिता की मौत के कारण अनाथ हो जाने की भी रिपोर्ट्स हैं." याचिका में कहा गया है कि कोविड -19 के खिलाफ भारत की वैक्सीनेशन पॉलिसी वायरस के खिलाफ टीकाकरण में उन बच्चों या पैरेंट्स के लिए विफल रही है जो समाज के कमजोर वर्ग से हैं.  


18-44 आयु वर्ग के लोगों के टीकाकरण पर मांगा जवाब
इस बीच, हाईकोर्ट ने राष्ट्रीय राजधानी के 18-44 आयु वर्ग के लोगों के लिए कोविड-19 वैक्सीन की पर्याप्त आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए निर्देश देने की मांग वाली याचिका पर केंद्र और दिल्ली सरकार से जवाब मांगा. मुख्य न्यायाधीश डीएन पटेल और न्यायमूर्ति ज्योति सिंह की पीठ ने गृह मंत्रालय और दिल्ली सरकार को नोटिस जारी कर एक वकील की याचिका पर अपना पक्ष रखने के लिए कहा है.


याचिका में वकील ने कहा कि दो सरकारों के बीच आरोप-प्रत्यारोप का परिणाम में राजधानी के लोगों को दिक्कतें नहीं होनी चाहिए. एडवोकेट विवेक गौर ने तर्क दिया कि दिल्ली सरकार का दावा है कि उसने केंद्र के साथ टीकों की 13.4 मिलियन से अधिक डोज का ऑर्डर दिया है. वहीं  केंद्र ने दावा किया है कि ऐसा कोई ऑर्डर नहीं दिया गया है.
 



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