Covid-19: कोविड-19 महामारी की मार पूरी दुनिया झेल रही है. भारत में भी इसनें बहुत ज्यादा कहर भरपाया है. इस दौरान अब तक देश में कोविड-19 से जुड़ी कई तरह की भ्रामक जानकारी भी सामने आई हैं. शुरुआत में जहां नाक में नींबू का रस डालने से कोविड ठीक होने की बातें सामने आ रही थीं तो अब वैक्सीन लगाने के बाद शरीर पर मैग्नेटिक इफ़ेक्ट आने की बात कही जाती है. हालांकि ये सब बातें बेबुनियाद और गलत तथ्यों पर आधारित होती हैं. कोविड-19 महामारी को अब हमारे बीच डेढ़ साल से भी लंबा वक्त हो गया है और एक स्टडी का दावा है कि कोविड-19 को लेकर भारत में सबसे ज्यादा भ्रामक जानकारियां फैलाई जाती हैं. 


ये रिसर्च स्टडी कनाडा की यूनिवर्सिटी ऑफ ऐल्बर्टा (University of Alberta) के विशेषज्ञ मोहम्मद सैयद अल-जमन ने तैयार की है. जिसे Sage’s ‘International Federation of Library Associations and Institutions’ journal में पब्लिश किया गया है. 


क्या कहती है स्टडी 


अपनी इस रिसर्च स्टडी के लिए मोहम्मद सैयद अल-जमन ने 138 देशों में कोविड-19 को लेकर मौजूद 9,657 भ्रामक जानकारियों का पता लगाया है. ये सभी जानकारी 1 जनवरी 2020 से 1 मार्च 2021 के बीच सामने आई हैं. अल-जमन के मुताबिक, "इस रिसर्च स्टडी के इस्तेमाल में आया डेटा IFCN (Poynter’s International Fact-Checking Network) की वेबसाइट से लिया गया है. इस वेबसाइट पर कोविड-19 को लेकर दुनिया भर में फैली भ्रामक जानकारियों का सबसे सटीक डेटा मौजूद है."


भारत में फैलती हैं कोविड-19 को लेकर सबसे ज्यादा भ्रामक जानकारियां


देशों की बात करें तो कोविड-19 को लेकर सबसे ज्यादा गलत और भ्रामक जानकारियां भारत में ही फैलती हैं. यहां से कोविड-19 को लेकर सबसे ज्यादा 18 फ़ीसदी गलत जानकारियां फैलती हैं. इस लिस्ट में दूसरे नंबर पर ब्राजील (9%) और तीसरे स्थान पर अमेरिका (8.6%) मौजूद है. 


रिसर्च स्टडी के मुताबिक सोशल मीडिया कोविड-19 को लेकर गलत और भ्रामक जानकारियां फैलाने का सबसे बड़ा जरिया है. सबसे ज्यादा 85 फ़ीसदी गलत जानकारियां यहीं से फैलती हैं. इंटरनेट पर बेस्ड सभी सोर्स की बात करें तो भ्रामक जानकारियों का 91 फ़ीसदी यहीं से आता है. 


अल-जमन ने बताया, "मेरे हिसाब से भारत में कम्यूनिकेशन इंफ्रास्ट्रक्चर बेहद कमजोर है. साथ ही यहां लोगों के बीच डिजिटल लिटरेसी रेट और जानकारी को लेकर जागरूकता भी बेहद कम हैं. यहीं वजह है कि यहां से कोविड-19 को लेकर सबसे ज्यादा गलत और भ्रामक जानकारियां सामने आती हैं."


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